Click here to Visit the RBI’s new website

अधिसूचनाएं

दीर्घावधि (गौण) जमाराशियां (एलटीडी)- दिशानिदेशों की समीक्षा

भारिबैं/2016-17/7
डीसीबीआर.बीपीडी.परि.सं.21/09.18.201/2016-17

16 आषाढ़ 1938
7 जुलाई 2016

सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी)
राज्य सहकारी बैंक / जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक

महोदया/ महोदय,

दीर्घावधि (गौण) जमाराशियां (एलटीडी)- दिशानिदेशों की समीक्षा

कृपया 15 जुलाई 2008 का हमारा परिपत्र शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.4/09.18.201/2008-09 तथा 07 जनवरी 2014 का ग्राआऋवि.आरसीबी.बीसी.73/07.51.012/2013-14 का अवलोकन करें जिसमें शहरी सहकारी बैंकों तथा राज्य सहकारी बैंक / जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक द्वारा दीर्घावधि (गौण) जमाराशियों को जारी करने के संबंध में दिशानिर्देश विनिर्दिष्ट किया गया है।

2. समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि सहकारी बैंकों द्वारा दीर्घावधि (गौण) जमाराशियों (एलटीडी) को जुटाने तथा मोचन में कुछ छूट दी जाए तथा कुछ प्रकटीकरण अपेक्षाएँ निर्धारित की जाए।

2.1 दीर्घावधि (गौण) जमाराशियों (एलटीडी) को जुटाना

सहकारी बैंक जो अपनी नवीनतम लेखा परीक्षित वित्तीय विवरणी के अनुसार निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करते हैं वे भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमति के बगैर दीर्घावधि (गौण) जमाराशियों (एलटीडी) को जुटा सकते है बशर्ते कि दीर्घावधि (गौण) जमाराशियों (एलटीडी) की बकाया राशि, जो टियर-II पूंजी के रूप में गणना के लिए पात्र है, टियर-I पूंजी के 50 प्रतिशत तक सीमित होनी चाहिए:

  1. सीआरएआर 10% से कम नहीं।

  2. सकल अनर्जक आस्ति‍यां 7% से कम हो और नि‍वल अनर्जक आस्तियां 3% से अधिक न हो।

  3. पिछले चार वर्षों में से पिछले तीन वर्षों में लगातार लाभ दर्ज कि‍या गया हो, बशर्ते कि तत्काल पूर्ववर्ती वर्ष में हानि नहीं हुई हो।

  4. पि‍छले वि‍त्तीय वर्ष में सीआरआर /एसएलआर बनाए रखने में चूक न हो।

  5. बैंक के बोर्ड में न्यूनतम दो वृत्तिक नि‍देशक होने चाहिए।

  6. सीबीएस का पूर्णत: अनुपालन किया गया हो।

  7. बैंक का विनियामक अनुपालन के संबंध में पिछला कार्यनिष्पादन रिकार्ड (ट्रैक रिकार्ड) होना चाहिए तथा दीर्घावधि (गौण) जमाराशियां (एलटीडी) जारी करने के पूर्ववर्ती दो वित्तीय वर्षों के दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों/दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए बैंक पर कोई आर्थिक दंड नहीं लगाया गया हो।

बैंक जो उपर्युक्त मानदंडों को पूरा नहीं करते है वह दीर्घावधि (गौण) जमाराशियों (एलटीडी) को जुटाने हेतु पूर्वानुमति के लिए संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के सहकारी बैंक पर्यवेक्षण विभाग से संपर्क करें ।

2.2 दीर्घावधि (गौण) जमाराशियों (एलटीडी) का मोचन/ चुकौती

सहकारी बैंक दीर्घावधि (गौण) जमाराशियों (एलटीडी) की परिपक्वता पर भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमति के बगैर मोचन कर सकते है बशर्तें कि दीर्घावधि (गौण) जमाराशियों (एलटीडी) के मोचन के बाद बैंक सीआरएआर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित न्यूनतम विनियामक आवश्यकताओं से अधिक बनाए रखे।

2.3 दीर्घावधि (गौण) जमाराशियों (एलटीडी) की प्रतिधारिता (क्रॉस –होल्डिंग)

अन्य सहकारी बैंकों द्वारा जारी दीर्घावधि (गौण) जमाराशियों (एलटीडी) में सहकारी बैंकों को निवेश नहीं करना है। तथापि, राज्य सहकारी बैंक उनसे सम्बद्ध जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक द्वारा जारी दीर्घावधि (गौण) जमाराशियों (एलटीडी) में निवेश कर सकते है बशर्ते कि निवेश की गई राशि को राज्य सहकारी बैंक के टियर-II पूंजी से घटा दिया जाए।

3. दीर्घावधि (गौण) जमाराशियां (एलटीडी) के आवेदन/सूचीपत्र /प्रस्ताव दस्तावेजों में अन्य प्रकटीकरण

दीर्घावधि (गौण) जमाराशियां (एलटीडी) जारी करने वाले सहकारी बैंकों को सूचित किया जाता है कि निम्नलिखित शर्तों का अनुपालन करें :

3.1 निवेशकों से इस आशय का आवेदन लिया जाए कि प्रस्तावित दीर्घावधि (गौण) जमाराशियों (एलटीडी) के सामान्य आवेदन फार्म में शामिल लिखत की विशेषताएँ और जोखिमों को समझ लिया गया है। विशिष्ट साइन-ऑफ की आवश्यकताएँ नीचे दी गई है।

“इस आवेदन के द्वारा, मैं /हम इसकी पुष्टि करता हूँ/करते हैं कि मैं /हम (बैंक का नाम) से जारी की जाने वाली दीर्घावधि (गौण) जमाराशियों (एलटीडी) के नियम और शर्तों को, जैसा कि सूचीपत्र तथा प्रस्ताव दस्तावेजों में प्रकट किया गया है, समझ लिया है।”

3.2 निवेशकों को यह बताया जाए कि

(ए) दीर्घावधि (गौण) जमाराशियां (एलटीडी) निक्षेप नहीं है अत: बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 45ज़ेडए के तहत इस पर नामाकंन सुविधा उपलब्ध नहीं है। तथापि, संबंधित सहकारी समिति अधिनियम के तहत पूंजी लिखतों के लिए नामांकन सुविधा लागू होगी।

(बी) दीर्घावधि (गौण) जमाराशियां (एलटीडी) टियर-II पूंजी का एक भाग है तथा यह सामान्य निक्षेप नहीं है और मोचन के लिए यह पाँच वर्षों से पूर्व परिपक्व नहीं हो सकती। इसके अतिरिक्त, मोचन की अनुमति तभी होगी जब बैंक का सीआरएआर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित न्यूनतम विनियामक आवश्यकता से अधिक होगा।

3.3 सभी प्रचार सामग्री, आवेदन फार्म तथा निवेशक से संबंधित अन्य संसूचनाएँ स्पष्ट रूप से मोटे अक्षरों में (14 फॉन्ट साइज में) उद्धित होनी चाहिए कि कैसे एक दीर्घावधि (गौण) जमाराशियां (एलटीडी), मियादी जमा राशि से भिन्न है विशेषकर कि यह निक्षेप बीमा के अंतर्गत शामिल नहीं है।

3.4 दीर्घावधि (गौण) जमाराशियां (एलटीडी) खरीद करने वाले निवेशक की मौत की स्थिति में उसके कानूनी वारिस को चुकौती की प्रक्रिया विनिर्दिष्ट होनी चाहिए।

4. 15 जुलाई 2008 का हमारा परिपत्र शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.4/09.18.201/08-09 तथा 07 जनवरी 2014 का ग्राआऋवि.आरसीबी.बीसी.73/07.51.012/2013-14 में विनिर्दिष्ट दीर्घावधि (गौण) जमाराशियों (एलटीडी) को जारी करने से संबंधित अन्य सभी नियम और शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी।

भवदीया,

(सुमा वर्मा)
प्रधान मुख्‍य महाप्रबंधक


2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष