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अधिसूचनाएं

विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में कोई शाखा कार्यालय अथवा संपर्क कार्यालय अथवा परियोजना कार्यालय अथवा कोई अन्य करोबारी जगह स्थापित करना) विनियमावली, 2016

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई-400 001

अधिसूचना सं.फेमा. 22(आर) /2016-आरबी

31 मार्च 2016

विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में कोई शाखा कार्यालय अथवा संपर्क कार्यालय अथवा
परियोजना कार्यालय अथवा कोई अन्य करोबारी जगह स्थापित करना) विनियमावली, 2016

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (6) के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, और समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 22/2000-आरबी को अधिक्रमित करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा भारत में शाखा कार्यालय अथवा संपर्क कार्यालय अथवा परियोजना कार्यालय अथवा अन्य कारोबारी जगह की स्थापना को निषिद्ध, प्रतिबंधित और विनियमित करने के लिए निम्नलिखित विनियम निर्मित करता है:-

1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ

ए. इन विनियमों को विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में कोई शाखा कार्यालय अथवा संपर्क कार्यालय अथवा परियोजना कार्यालय अथवा कोई अन्य करोबारी जगह स्थापित करना) विनियमावली, 2016 कहा जाएगा।

बी. वे सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।

2. परिभाषाएं

इन विनियमों में, जब तक कि प्रसंग से अन्यथा अपेक्षित न हो -

ए. ‘अधिनियम’ से विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) अभिप्रेत है।

बी. 'प्राधिकृत व्यापारी' से उक्त अधिनियम की धारा 10 की उपधारा (1) के अंतर्गत प्राधिकृत व्यापारी के रूप में प्राधिकृत व्यक्ति अभिप्रेत है।

सी. 'विदेशी कंपनी’ से भारत से बाहर निगमित कंपनी निकाय अभिप्रेत है और उसमें फर्म अथवा व्यक्तियों का कोई संगठन शामिल है।

डी. किसी कंपनी के संबंध में शाखा कार्यालय के रूप में वह संस्थापन अभिप्रेत है जिसे कंपनी ने तत्दरूप में अभिहित (वर्णित) किया हो।

ई. 'संपर्क कार्यालय' का अभिप्राय किसी भी नाम से अभिहित कारोबारी मूल स्थल अथवा प्रधान कार्यालय और भारत में संस्थाओं के बीच संचार के लिए कार्य करने वाले कारोबारी स्थल से है किंतु जो कमर्शियल/ट्रेडिंग/औद्योगिक गतिविधि में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप में संलग्न नहीं है और स्वयं विदेश से सामान्य बैंकिंग चैनेल के जरिए आए आवक विप्रेषण से अपना रख-रखाव करता है।

एफ. 'परियोजना कार्यालय का अभिप्राय भारत में किसी परियोजना को लागू करने के लिए किसी विदेशी कंपनी के हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए भारत में स्थापित कारोबारी स्थल से है, किंतु उसमें संपर्क कार्यालय शामिल नहीं है।

जी. 'साइट आफिस' का अभिप्राय परियोजना कार्यालय के उप-कार्यालय के रूप में परियोजना के साइट पर स्थापित कार्यालय से है किंतु उसमें संपर्क कार्यालय शामिल नहीं है।

एच. 'एकल आधार पर (Stand-alone basis)' का अभिप्राय ऐसे शाखा कार्यालय से है जो एकल और विशेष आर्थिक क्षेत्र तक ही सीमित हो तथा भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र से बाहर उसे कोई कारोबारी गतिविधि / लेन-देन करने की अनुमति नहीं होगी जिसमें भारत में उसके मूल कार्यालय की शाखाएं / सहायक कंपनियां शामिल हैं।

आई. इन विनियमों में प्रयुक्त शब्दों और अभिव्यक्तियों जिन्हें यहां परिभाषित नहीं किया गया है उनके क्रमशः वही अर्थ होंगे जो अधिनियम में दिए गए हैं।

3. भारत में शाखा कार्यालय अथवा संपर्क कार्यालय अथवा परियोजना कार्यालय अथवा कारोबारी स्थल स्थापित करने पर प्रतिबंध

भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक्ति रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के बिना भारत में कोई शाखा कार्यालय अथवा संपर्क कार्यालय अथवा परियोजना कार्यालय अथवा कारोबारी अन्य स्थान, उसे चाहे किसी भी नाम से पुकारा जाता हो, इन विनियमों में किये गये विनिर्देशन के सिवाय नहीं खोल सकेगा।

बशर्ते कि

ए. भारत से बाहर की निवासी किसी ऐसी बैंकिंग कंपनी को भारत में कार्यालय खोलने के लिए इस विनियमावली के अंतर्गत अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होंगी यदि उसने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 के उपबंधों के अंतर्गत आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किया हो।

बी. भारत से बाहर की निवासी किसी ऐसी बीमा कंपनी को भारत में कार्यालय खोलने के लिए इस विनियमावली के अंतर्गत अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी यदि उसने भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकारण अधिनियम, 1999 की धारा 3 अंतर्गत स्थापित भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकारण से एतदर्थ प्राधिकार प्राप्त किया हो।

सी. भारत से बाहर की निवासी कंपनी को विनिर्माण और सर्विस/सेवा गतिविधियां करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र में शाखा कार्यालय खोलने हेतु इस विनियमावली के अंतर्गत अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी, बशर्ते कि :

  1. ऐसे कार्यालय उन क्षेत्रों में कार्यरत हों जहां 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अनुमत हो,

  2. ऐसे शाखा कार्यालय कंपनी अधिनियम, 2013 के अध्याय XXII का अनुपालन करते हों,

  3. ऐसे शाखा कार्यालय एकल आधार पर कार्यरत हों।

4. भारत में शाखा कार्यालय अथवा संपर्क कार्यालय अथवा परियोजना कार्यालय अथवा अन्य कारोबारी स्थल खोलने के लिए अनुमोदन

ए. पात्रता

भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक्ति भारत में शाखा कार्यालय अथवा संपर्क कार्यालय स्थापित कर सकता है बशर्ते वह निम्नलिखित मानदंड पूरे करता हो :

  1. शाखा कार्यालय के लिए – अपने गृह देश में विगत पाँच वित्तीय वर्षों के दौरान लाभ में बने रहने का ट्रैक रेकार्ड रखता हो और उसकी निवल मालियत 100,000 अमेरिकी डालर अथवा उसके समतुल्य हो,

  2. संपर्क कार्यालय के लिए - अपने गृह देश में विगत तीन वित्तीय वर्षों के दौरान लाभ में बने रहने का ट्रैक रेकार्ड रखता हो और उसकी निवल मालियत 50,000 अमेरिकी डालर अथवा उसके समतुल्य हो।

बशर्ते कि भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक्ति जो वित्तीय रूप से सुदृढ़ न हो और जो किसी अन्य कंपनी की सहायक कंपनी हो वह अपनी मूल कंपनी से चुकौती आश्वासन पत्र (अनुबंध ए) प्रस्तुत कर सकेगी बशर्ते मूल कंपनी निवल मालियत और लाभ संबंधी मानदंडों को पूरा करती हो।

बी. अनुमत गतिविधियां

भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक्ति अनुसूची-I अथवा II (अनुबंध बी), जैसा भी मामला हो, में किए गए विनिर्देशानुसार किसी गतिविधि को करने के लिए इस विनियमावली के तहत रिजर्व बैंक द्वारा प्रदत्त अनुमति के अंतर्गत भारत में शाखा कार्यालय अथवा संपर्क कार्यालय स्थापित कर सकता है, किन्तु ऐसी कोई अन्य गतिविधि नहीं कर सकता है, जिसके लिए रिज़र्व बैंक द्वारा विशेषरूप से अनुमति प्रदान न की गयी हो।

सी. आवेदन फार्म

भारत में शाखा कार्यालय अथवा संपर्क कार्यालय अथवा परियोजना कार्यालय अथवा किसी अन्य कारोबारी स्थल की स्थापना करने का इच्छुक भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक्ति फार्म एफएनसी (अनुबंध सी) में अपना आवेदन पत्र किसी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक को प्रस्तुत करेगा जो इस संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों/दिशानिर्देशों के अनुसार, विनियम 5 के उपबंधों के अंतर्गत, अनुमोदन प्रदान कर सकता है। यदि भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक्ति अनुमोदन प्राप्त करने की तारीख से 6 महीने के भीतर कार्यालय नहीं खोलता है तो भारत में कार्यालय की स्थापना के लिए प्रदान किया गया अनुमोदन रद्द किया जाएगा। यदि भारत से बाहर का निवासी व्यक्ति अपने नियंत्रण से बाहर की परिस्थितियों वश विनिर्दिष्ट समयावधि में कार्यालय खोलने में विफल रहता है तो (आवेदन किए जाने पर) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक ऐसा कार्यालय खोलने के लिए छः माह की और अवधि का समय विस्तार प्रदान कर सकता है। तदुपरांत इस संबंध में और समय विस्तार प्रदान करने के लिए रिज़र्व बैक की पूर्वानुमति आवश्यक होगी।

डी. संपर्क कार्यालय के लिए वैधता अवधि में विस्तार

I. भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक्ति विनियम 4 डी(III) के उपबंधों के अंतर्गत तीन वर्षों की अवधि के लिए इन विनियमों के अंतर्गत संपर्क कार्यालय स्थापित कर सकता है। अनिवासी कंपनी/संस्था वैधता अवधि में विस्तार के लिए संबन्धित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक को आवेदन कर सकता है, और ऐसे आवेदन पत्र की प्राप्ति पर, संबन्धित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक, इस संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अंतर्गत, प्रदत्त मूल अनुमोदन/विस्तारित अवधि की समाप्ति की तारीख से तीन वर्षों की अवधि के लिए विस्तार प्रदान कर सकता है।

II. बैंकों और बीमा कारोबारी कंपनियों के संपर्क कार्यालयों की वैधता अवधि में विस्तार के आवेदनपत्र क्रमशः बैंककारी विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण को सीधे प्रस्तुत किए जाएंगे।

III. विनिर्माण और विकास क्षेत्र में संलग्न एंटिटीज़ जो गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां हैं उन्हें केवल दो वर्षों के लिये संपर्क कार्यालय खोलने की अनुमति दी जाती है। ऐसी एंटिटीज जो गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां हैं और विनिर्माण और विकास क्षेत्र में संलग्न (इंफ्रास्ट्रक्चर विकास कंपनियों को छोड़कर) हैं उनके संपर्क कार्यालयों को समय-विस्तार प्रदान करने की अनुमति नहीं होगी। वैधता अवधि की समाप्ति पर ऐसे कार्यालय या तो बंद करने होंगे अथवा मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के अनुरूप संयुक्त उद्यम / पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी में परिवर्तित किए जाएंगे।

ई. अतिरिक्त कार्यालय

अतिरिक्त शाखा कार्यालय अथवा संपर्क कार्यालय स्थापित करने के इच्छुक भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति अतिरिक्त कार्यालय/यों की युक्तियुक्तता संबंधी आवश्यकता को प्रस्तुत करते हुए नया FNC फॉर्म प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी –I बैंक को प्रस्तुत करेंगे ।

एफ़. परियोजना कार्यालय

I. कोई विदेशी कंपनी भारत में परियोजना कार्यालय खोल सकती है बशर्ते उसने भारत में परियोजना को लागू करने हेतु किसी भारतीय कंपनी से संविदा/ठेका प्राप्त किया हो, और

  1. परियोजना का प्रत्यक्ष निधीयन विदेश से आवक विप्रेषण के जरिए किया गया हो; अथवा

  2. परियोजना का निधीयन द्विपक्षीय अथवा बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय वित्तपोषण एजेंसी द्वारा किया गया हो; अथवा

  3. परियोजना को उचित प्राधिकारी द्वारा मंजूरी प्रदान की गई हो; अथवा

  4. संविदा/ठेका देने वाली भारतीय कंपनी अथवा संस्था को भारत में सार्वजनिक वित्तीय संस्था अथवा बैंक द्वारा परियोजना के लिए दीर्घावधि ऋण प्रदान किया गया हो।

स्पष्टीकरण :

इस विनियम के प्रयोजन के लिए,

  1. द्विपक्षीय अथवा बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय वित्तपोषण एजेंसी' का अभिप्राय विश्व बैंक अथवा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष अथवा समतुल्य संस्था से है।

  2. 'सार्वजनिक वित्तीय संस्था' वह सार्वजनिक वित्तीय संस्था है, जो कि कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 4ए में परिभाषित है।

II. पाकिस्तान से भिन्न किसी अन्य देश का कोई व्यक्ति जिसे सरकारी प्राधिकारण/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम द्वारा किसी परियोजना के लिए संविदा/ठेका प्रदान किया गया है, वह रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति के बिना किसी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक के पास बैंक खाता खोल सकता है।

जी. राज्य पुलिस प्राधिकारियों के पास पंजीयन

बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, ईरान, चीन, हाँगकाँग अथवा मकाउ के व्यक्ति को भारत में शाखा कार्यालय अथवा संपर्क कार्यालय अथवा परियोजना कार्यालय अथवा किसी भी प्रकार के कारोबार स्थल की स्थापना के लिए संबन्धित राज्य के पुलिस प्राधिकारियों के पास पंजीकरण कराना होगा। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक द्वारा इन देशों के व्यक्तियों को दिए गए अनुमोदन पत्र की प्रतिलिपि गृह मंत्रालय, आंतरिक सुरक्षा प्रभाग–I, भारत सरकार को प्रेषित की जाएगी।

एच. निधि / गैर-निधि आधारित सुविधाएं

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक इस संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा जारी दिशा निर्देशों के आधार पर ही शाखा कार्यालयों और परियोजना कार्यालयों को निधि और /अथवा गैर-निधि आधारित सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं।

आई. लाभ अथवा अधिशेष (surplus) का विप्रेषण

I. शाखा कार्यालय प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक, जिसके जरिए विप्रेषण किया जाना/जाता है, की संतुष्टि के अधीन निम्नलिखित दस्तावेजों की प्रस्तुति पर, भारत में देय करों को घटाकर लाभ भारत से बाहर विप्रेषित कर सकता है:

i. संबन्धित वर्ष के लेखापरीक्षित तुलनपत्र और लाभ-हानि लेखे की प्रमाणित प्रतिलिपि।

ii. सनदी लेखाकार का प्रमाणपत्र जिसमें निम्नलिखित प्रमाणित किया गया हो :

  1. विप्रेषणीय लाभ के आकलन का तरीका ;

  2. अनुमत गतिविधियों को करने से विप्रेषणीय लाभ अर्जित किया गया है;

  3. लाभ में शाखा की परिसंपत्तियों के पुनर्मूल्यन से हुआ लाभ शामिल नहीं है।

II. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक परियोजना की समाप्ति / पूर्ण होने तक छिटपुट विप्रेषण करने की अनुमति निम्नलिखित की प्रस्तुति पर दे सकते हैं;

  1. अंतिम लेखापरीक्षित परियोजना लेखों की प्रमाणित प्रतिलिपि ।

  2. सांविधिक लेखापरीक्षक का प्रमाणपत्र जिसमें यह दर्शाया गया हो कि विप्रेषणीय अधिशेष किस प्रकार आकलित किया गया है और इस बात की पुष्टि की गई हो कि आयकर आदि सहित भारत में देयताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त प्रावधान किया गया है।

  3. परियोजना कार्यालय से इस आशय का वचनपत्र कि विप्रेषण से भारत में परियोजना के पूर्ण होने पर किसी भी प्रकार का कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा और भारत में देयताओं को पूर्ण करने के लिए यदि निधियों में कोई कमी होगी तो उसे/उन्हें विदेश से आवक विप्रेषण द्वारा पूरा किया जाएगा।

जे. संपत्ति का अर्जन

शाखा कार्यालय/परियोजना कार्यालय द्वारा संपत्ति का अर्जन विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर अचल संपत्ति का अर्जन और अंतरण) विनियमावली के अंतर्गत जारी दिशानिर्देशों द्वारा विनियमित होगा।

के. परिसम्पत्तियों का अंतरण

इन विनियमों के अंतर्गत शाखा कार्यालय, अथवा संपर्क कार्यालय अथवा परियोजना कार्यालय स्थापित करने के लिए अनुमत भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक्ति संबन्धित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक को अपनी परिसंपत्तियों को भारत में किसी संयुक्त उद्यम / पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी अथवा किसी अन्य संस्था(एंटिटी) को अंतरित करने के लिए आवेदन कर सकता है। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट अनुदेशों से दिशानिर्देशित होंगे।

एल. वार्षिक गतिविधि प्रमाणपत्र (AAC)

शाखा कार्यालय/संपर्क कार्यालय 31 मार्च के अंत में प्राप्ति और भुगतान सहित लेखापरीक्षित वित्तीय विवरण अपने वार्षिक गतिविधि प्रमाणपत्र (अनुबंध डी) सहित संबंधित वर्ष के 30 सितंबर से पूर्व अथवा तक प्रस्तुत करे। यदि संबन्धित कार्यालय के वार्षिक लेखे 31 मार्च से भिन्न किसी अन्य तारीख के अनुसार तैयार किए जाते हों तो लेखापरीक्षित वित्तीय विवरण के साथ वार्षिक गतिविधि प्रमाणपत्र तुलनपत्र की नियत तारीख से 6 माह के भीतर प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक और आयकर महानिदेशालय (अंतरराष्ट्रीय कराधान), ड्रम शेप बिल्डिंग, इंद्रप्रस्थ (IP)इस्टेट, नई दिल्ली–110002 को प्रस्तुत करेगा।

नामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक को परियोजना कार्यालय द्वारा सनदी लेखापरीक्षक द्वारा प्रदत्त वार्षिक गतिविधि प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया जाना है जिसमें परियोजना की स्थिति का उल्लेख हो और यह प्रमाणित किया गया हो कि परियोजना कार्यालय के लेखों की लेखापरीक्षा की गई है और उसकी गतिविधियां रिज़र्व बैंक द्वारा प्रदत्त सामान्य/विशिष्ट अनुमति के अनुरूप रही हैं।

एम. कार्यालय को बंद करना और समापनगत आगम राशि का विप्रेषण

I. निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ शाखा कार्यालय / संपर्क कार्यालय को बंद करने का अनुरोध प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक को प्रस्तुत किया जाए;

i. कार्यालय स्थापित करने के लिए रिज़र्व बैंक / प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक से प्राप्त अनुमोदन प्रति की प्रतिलिपि ।

ii. लेखापरीक्षक का प्रमाणपत्र जिसमें निम्नलिखित का उल्लेख हो:

  1. विप्रेषणीय राशि आकलित करने का तरीका तथा आवेदक की परिसम्पत्तियों और देयताओं का विवरण एवं परिसंपत्तियों के निपटान का तरीका ;

  2. कार्यालय के कर्मचारियों, आदि की उपदान राशि और अन्य लाभों के बकाया सहित भारत में सभी प्रकार की देयताओं को पूर्णतः पूरा किया गया है अथवा उसके लिए पर्याप्त प्रावधान होने की पुष्टि का प्रमाणपत्र;

  3. इस बात की पुष्टि कि भारत से बाहर के स्रोतों से उपचित राशि (निर्यात की आगम राशि सहित) भारत में अप्रत्यावर्तित रहना शेष न हो।

iii. आवेदक / मूल कंपनी से इस आशय की पुष्टि कि भारत में किसी भी न्यायालय में कोई विधिक कार्रवाई संबन्धित कार्यालय के विरुद्ध लंबित नहीं है और विप्रेषण करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है।

iv. भारत में शाखा कार्यालय / संपर्क कार्यालय के समाप्त करने के मामले में, कंपनी रजिस्ट्रार से इस आशय की रिपोर्ट कि कंपनी अधिनियम, 2013 के उपबंधों का अनुपालन किया गया है।

v. रिज़र्व बैंक / प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक द्वारा अनुमोदन प्रदान करते समय विनिर्दिष्ट कोई अन्य दस्तावेज़।

II. भारत में स्थापित शाखा अथवा संपर्क कार्यलय के समापन पर किए जाने वाले विप्रेषण विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का विप्रेषण) विनियमावली के अंतर्गत जारी दिशानिर्देशों द्वारा विनियमित होंगे।

5. भारत में शाखा कार्यालय अथवा संपर्क कार्यालय अथवा परियोजना कार्यालय अथवा किसी अन्य कारोबारी स्थल(कार्यालय) की स्थापना के लिए कतिपय मामलों में रिज़र्व बैंक का अनुमोदन

भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा भारत में शाखा कार्यालय अथवा संपर्क कार्यालय अथवा परियोजना कार्यालय अथवा किसी अन्य कारोबारी स्थल को खोलने के निम्नलिखित मामलों में किए गए आवेदनों पर रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन आवश्यक होगा:

ए. आवेदक पाकिस्तान का नागरिक अथवा में पंजीकृत/निगमित है।

बी. आवेदक बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, ईरान, चीन, हाँग-काँग अथवा मकाउ का नागरिक अथवा में पंजीकृत/निगमित है और आवेदनपत्र जम्मू और कश्मीर, उत्तर पूर्वी क्षेत्र तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूहों में संपर्क कार्यालय, शाखा अथवा परियोजना कार्यालय खोलने हेतु दिया गया है।

सी. आवेदक का प्रधान कारोबार चार क्षेत्रों अर्थात रक्षा, दूर-संचार, निजी सुरक्षा तथा सूचना एवं प्रसारण के क्षेत्र में आता है :

बशर्ते रक्षा क्षेत्र से संबन्धित परियोजना कार्यालय खोलने के प्रस्ताव के मामलों में अनिवासी आवेदक को यदि रक्षा मंत्रालय अथवा सर्विस हैडक्वार्टर अथवा रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (DPSU) द्वारा यदि कोई कांट्रैक्ट प्रदान किया गया है/एग्रीमेंट किया गया है तो उसे भारत सरकार से एतदर्थ अलग से संदर्भित करने / अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी।

डी. आवेदक विदेशी सरकार का गैर-सरकारी संगठन, लाभ-रहित संगठन, बॉडी/एजेंसी/विभाग हो।

ऐसे आवेदनपत्र प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, केंद्रीय कार्यालय कक्ष, नई दिल्ली को अग्रसारित किए जाएंगे और भारत सरकार के परामर्श से उन पर विचार किया जाएगा।

(इंदिरा नानू)
मुख्य महाप्रबंधक


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