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अधिसूचनाएं

बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) नीति – रुपये में मूल्यवर्गीकृत बांडों को ओवरसीज में जारी करना

भारिबैंक/2015-16/193
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 17

29 सितंबर 2015

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक

महोदया/महोदय,

बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) नीति – रुपये में मूल्यवर्गीकृत बांडों को ओवरसीज में जारी करना

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबन्धित समय समय पर यथासंशोधित 1 अगस्त 2005 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 5 में अंतर्विष्ट उपबंधों की ओर आकृष्ट किया जाता है।

2. ओवरसीज़ से रुपये में मूल्यवर्गीकृत उधार लेना सुविधाजनक बनाने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि व्यापक (overarching) बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के अंतर्गत रुपये में मूल्यवर्गीकृत बांडों को ओवरसीज़ में जारी करने के लिए फ्रेमवर्क निर्धारित किया जाए :

  1. पात्र उधारकर्ता: कोई कॉर्पोरेट अथवा निगमित निकाय के साथ-साथ रियल इस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) और इनफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (InvlTs)।

  2. मान्यताप्राप्त निवेशक: वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (FATF) अनुपालक क्षेत्राधिकार का कोई भी निवेशक ।

  3. परिपक्वता: न्यूनतम परिपक्वता अवधि 5 वर्ष।

  4. समग्र लागत: समग्र लागत प्रचलित बाज़ार शर्तों के अनुरूप होनी चाहिए।

  5. राशि: मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के अनुसार।

  6. अंतिम उपयोग: नकारात्मक सूची के सिवाय अंतिम उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

3. रुपये में मूल्यवर्गीकृत बांडों को ओवरसीज़ में जारी करने से संबन्धित विस्तृत दिशानिर्देश अनुबंध में दिये गए हैं।

4. मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार संबंधी दिशानिर्देशों में अंतर्विष्ट सभी अन्य उपबंध जो रिपोर्टिंग अपेक्षाओं (जहां रुपये में मूल्यवर्गीकृत बॉन्ड ओवरसीज़ में जारी कर के उधार लेने का उल्लेख हो इस प्रकार के बाह्य वाणिज्यिक उधार के संबंध में फॉर्म 83 के प्रस्तुतीकरण द्वारा ऋण पंजीकरण संख्या (LRN) प्राप्त करने सहित), बॉन्ड आगम राशि की पार्किंग, उधार लेने के लिए सिक्युरीटी / गारंटी, ईक्विटी में परिवर्तन, जांच के अधीन कंपनियाँ(कार्पोरेट), आदि जो अनुबंध में नहीं दर्शाए गए हैं, वे भी रुपये में मूल्यवर्गीकृत ओवेरसीज़ बांडों के मार्फत उधार लेने के संबंध में भी लागू रहेंगे।

5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने ग्राहकों एवं घटकों को अवगत कराएं ।

6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं।

भवदीय,

(बी.पी.कानूनगो)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

रुपये में मूल्यवर्गीकृत बांडों को ओवरसीज़ में जारी करना

क्र. ईसीबी मानदंड फ्रेमवर्क
1 उधारकर्ता की पात्रता कोई कॉर्पोरेट अथवा निगमित निकाय रुपये में मूल्यवर्गीकृत बांड ओवरसीज़ में जारी करने के लिए पात्र है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के विनियामक अधिकारक्षेत्र में आने वाले रियल इस्टेट इन्वेस्टमें ट्रस्ट और इनफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमें ट्रस्ट भी एतदर्थ पात्र हैं।
2 लिखत (इन्स्ट्रुमेंट) के प्रकार वित्तीय कार्रवाई कार्यदल अनुपालक वित्तीय केन्द्रों में केवल प्लेन वनीला बॉन्ड मेजबान देश के विनियमों के अनुसार निजी व्यवस्था के अंतर्गत अथवा एक्स्चेंज में सूचीबद्धता के मार्फत जारी किए जा सकेंगे।
3 मान्यताप्राप्त निवेशक वित्तीय कार्रवाई कार्यदल अनुपालक क्षेत्राधिकार का कोई भी निवेशक। भारत में निगमित बैंक किसी भी प्रकार से इन बांडों में निवेश नहीं करेंगे। हालांकि, भारतीय बैंक इसके व्यवस्थापक और हामीदार के रूप में कार्य कर सकते हैं। हामीदारी के मामले में, निर्गम से 6 माह के बाद निर्गम के आकार के 5% से अधिक भारतीय बैंकों द्वारा धारित (hold) नहीं किये जाएंगे। इसके अलावा, ऐसे धारण लागू विवेकपूर्ण मानदंडों के अनुरूप/अनुपालन में होंगे ।
4 परिपक्वता न्यूनतम परिपक्वता अवधि 5 वर्ष होगी। न्यूनतम परिपक्वता अवधि पूरी होने से पूर्व इसमें काल और पुट ऑप्शन का प्रयोग करने की अनुमति नहीं होगी।
5 समग्र लागत समग्र लागत प्रचलित बाज़ार शर्तों के अनुरूप होनी चाहिए। यह कार्य प्राप्त अनुभव के आधार पर समीक्षा के अधीन होगा ।
6 अंतिम उपयोग निम्नलिखित के सिवाय, सभी प्रयोजनों के लिए आगम राशियों का उपयोग किया जा सकेगा :
  1. एकीकृत टाउनशिप / सस्ती आवास परियोजनाओं के विकास को छोडकर रियल इस्टेट गतिविधियों के लिए;

  2. पूंजी बाज़ार में निवेश के लिए और घरेलू ईक्विटी में निवेश के लिए आगम राशि का उपयोग;

  3. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संबंधी दिशानिर्देशों के अनुसार प्रतिबंधित गतिविधियों में ;

  4. उल्लिखित उद्देश्यों के लिए अन्य कंपनियों को उधार देने के लिए;और

  5. भूमि की खरीद के लिए

7 राशि स्वचालित मार्ग के अंतर्गत प्रतिवर्ष यह राशि 750 मिलियन अमरीकी डॉलर के समतुल्य होगी। इस सीमा से अधिक के मामले रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के अधीन होंगे।
8 परिवर्तन दर बांडों के निर्गम और ब्याज के भुगतान के लिए तत्संबंधी निपटान की तारीख को किए जाने वाले लेनदेनों के लिए परिवर्तन-दर बाज़ार में प्रचलित विदेशी मुद्रा – भारतीय रुपया परिवर्तन दर होगी।
9 हेजिंग ओवरसीज़ निवेशक भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी के मार्फत अनुमत डेरिवेटिव उत्पाद के जरिये रुपये में अपने एक्स्पोज़र की हेजिंग के लिए पात्र होंगे। निवेशक भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं/अनुषंगियों अथवा भारत में उपस्थिति वाले विदेशी बैंकों की शाखाओं के जरिये बैक टू बैक आधार पर घरेलू बाजार तक भी पहुँच सकते हैं।
10 लीवरेज वित्तीय संस्थाओं के लिए उधार का लीवरेज अनुपात संबन्धित सेक्टोरल विनियामक द्वारा विनिर्दिष्ट विवेकपूर्ण मानदंड, यदि कोई हों, के अनुसार होगा।

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