भारिबैं/2014-15/463
आईडीएमडी(डीजीबीए).सीडीडी.सं.3484/15.02.001/2014-15
9 फरवरी 2015
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक/ प्रबंध निदेशक
प्रधान कार्यालय, सरकारी लेखा विभाग
भारतीय स्टेट बैंक/ स्टेट बैंक आफ पटियाला/ स्टेट बैंक आफ बीकानेर एंड जयपुर/
स्टेट बैंक आफ त्रावणकोर/स्टेट बैंक आफ हैदराबाद/ स्टेट बैंक मैसूर/ आंध्रा बैंक/
इलाहाबाद बैंक/बैंक आफ बड़ौदा/ बैंक आफ इंडिया/पंजाब एंड सिंध बैंक/
बैंक आफ महाराष्ट्र/केनरा बैंक/ सेंट्रल बैंक आफ इंडिया/कारपोरेशन बैंक/देना बैंक/
इंडियन बैंक/इंडियन ओवरसीज बैंक/पंजाब नेशनल बैंक/सिन्डीकेट बैंक/यूको बैंक/
ओरिएण्टल बैंक आफ कामर्स/यूनियन बैंक आफ इंडिया/यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया/
विजया बैंक/आईडीबीआई बैंक लि./आईसीआईसीआई बैंक लि.
महोदय/महोदया
किसान विकास पत्र, 2014
1. हम इसके साथ किसान विकास पत्र (केवीपी), 2014 योजना के संबंध में 23 सितंबर 2014 की भारत सरकार की अधिसूचना सं. जी.एस.आर.705(ई) की प्रति आवश्यक कार्रवाई के लिए अग्रेषित कर रहे हैं। भारत सरकार ने इस अधिसूचना के माध्यम से किसान विकास पत्र नियम, 2014 को अधिसूचित किया है, जो कि 23 सितंबर 2014 से प्रभावी हुआ है। अधिसूचना के अनुसार नई किसान विकास पत्र, 2014 योजना को, बचत बैंक का कार्य कर रहे डाक घरों के साथ, एजेंसी बैंकों के उन नामित शाखाओं के माध्यम से कार्यान्वयित की जानी है जो लोक भविष्य निधि, 1968 (पीपीएफ, 1968) योजना के लिए प्राधिकृत किए गए हैं।
2. किसान विकास पत्र नियम, 2014 के नियम 2(एफ) के अनुसार पीपीएफ, 1968 से संबंधित कारोबार कर रही एजेंसी बैंकों की प्राधिकृत शाखाएं किसान विकास पत्र, 2014 से संबंधित कारोबार के लिए भी प्राधिकृत हैं। एजेंसी बैंक पीपीएफ, 1968 योजना के लिए विहित किए गए रिपोर्टिंग प्रक्रिया का ही पालन करेंगे।
3. योजना के अंतर्गत किए गए विभिन्न लेनदेनों के लिए लेखांकन प्रक्रिया संबंधी विवरण को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके अलावा, इस योजना के तहत लेनदेनों को निम्नानुसार वर्गीकृत किया जा सकता है :
प्राप्ति और भुगतान : 8002 – बचत प्रमाणपत्र
00-107 – डाकघर प्रमाणपत्र (नई सिरीज)
01- वर्तमान सिरीज
02 – किसान विकास पत्र
ब्याज : 8008- राष्ट्रीय लघु बचत निधि के आय और व्यय
02 – ग्राहकों को ब्याज का भुगतान
102 – राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र पर ब्याज
08 – डाकघर राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र
09 – किसान विकास पत्र
45 – ब्याज।
4. पीपीएफ,1968 की लेनदेनों की ही तरह केवीपी, 2014 के लेनदेनों अर्थात प्राप्ति, भुगतान, दंड इत्यादि की रिपोर्टिंग दैनिक आधार पर केंद्रीय लेखा अनुभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, नागपुर के सरकारी खाते में सीधे क्रेडिट किया जाए ताकि रिपोर्टिंग, समाधान और लेखांकन में एकरूपता बनी रहे।
5. एजेंसी बैंकों को इस योजना के नियमों और विनियमों का पालन करना होगा और नियमों और विनियमों का पालन नहीं करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें बैंक या शाखा के प्राधिकार को समाप्त करना शामिल है। नियमों और विनियमों का पालन नहीं करने पर यदि कोई आर्थिक देनदारी उत्पन्न होती है, तो इसे संबंधित बैंक द्वारा वहन किया जाएगा।
6. अत: केवीपी, 2014 से संबंधित लेनदेनों को तत्काल प्रभाव से रिपोर्ट करने संबंधी आवश्यक व्यवस्था के लिए आप केंद्रीय लेखा अनुभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, नागपुर से संपर्क करें।
7. संबंधित एजेंसी बैंक किसान विकास पत्र के लिए मांगपत्र को राष्ट्रीय बचत संस्थान, सेमिनरी हिल्स, नागपुर को भेजें और केवीपी प्रमाणपत्र के आवश्यक स्टॉक को भारत प्रतिभूति मुद्रणालय, नासिक से प्राप्त करें। सभी एजेंसी बैंकों को केवीपी से संबंधित संकलित राशि की प्रगति से संबंधित आवधिक रिपोर्ट बजट डिवीजन, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली को प्रस्तुत करना होगा।
8. इस परिपत्र की विषयवस्तु को अपने बैंक की उन शाखाओं के ध्यान में लाएं जो पीपीएफ,1968 योजना को परिचालित कर रही हैं। सबकी सूचना के लिए अपनी शाखाओं के नोटिस बोर्ड पर भी इन अनुदेशों को प्रदर्शित करें।
भवदीय
(आर.के. सिंह)
उप महाप्रबंधक
संलग्नक : यथोक्त। |