भारिबैंक/2013-14/553
ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं.117
4 अप्रैल 2014
सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक
महोदया/महोदय,
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (फेमा)
विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 (नियमावली)-
फेमा, 1999 के तहत उल्लंघनों की कंपाउंडिंग
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, 13 दिसंबर 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 57 और भारत सरकार द्वारा 3 मई 2000 के जी.एस.आर.सं. 383(ई) के जरिए अधिसूचित विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000, समय समय पर यथा संशोधित, की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके तहत भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों को फेमा के तहत हुए उल्लंघनों की कंपाउंडिंग के लिए शक्तियों का प्रत्यायोजन किया गया है।
2. समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों को और शक्तियों का प्रत्यायोजन किया जाए। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों में नीचे दर्शाये गये अनुसार कंपाउंडिंग की शक्तियां निहित होंगी:
क्र.सं. |
फेमा विनियम |
उल्लंघनों का संक्षिप्त ब्योरा |
1. |
3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा. 20/2000-आरबी की अनुसूची । का पैराग्राफ 9 (1) (ए) |
शेयरों को जारी करने के लिए प्राप्त आवक विप्रेषण की रिपोर्टिंग में देरी। |
2. |
3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा. 20/2000-आरबी की अनुसूची । का पैराग्राफ 9 (1) (बी) |
शेयर जारी करने के बाद फॉर्म एफसी (जीपीआर) फाईल करने में देरी। |
3. |
3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा. 20/2000-आरबी की अनुसूची । का पैराग्राफ 8 |
शेयर जारी करने/शेयर आवेदन राशि की वापसी मेँ 180 दिनों से ज्यादा देरी, निधियों की प्राप्ति के प्रकार, आदि । |
4. |
3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा. 20/2000-आरबी की अनुसूची । का पैराग्राफ 5 |
शेयरों को जारी करने के लिए मूल्य निर्धारण संबंधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन। |
5. |
3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा. 20/2000-आरबी के विनियम 5(1) के साथ पठित विनियम 2(ii) |
अपात्र लिखतों जैसे अपरिवर्तनीय डिबेंचरों, आंशिक रूप से भुगतान किए गए शेयरों, आप्शनैलिटी शर्त के साथ शेयरों, आदि को जारी करना। |
6. |
3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा. 20/2000-आरबी की अनुसूची । का पैराग्राफ 2 और 3 |
जहां कहीं आवश्यक हो क्रमश: भारतीय रिजर्व बैंक अथवा एफआईपीबी (FIPB) की मंजूरी के बिना शेयर जारी करना। |
3. उल्लिखित उल्लंघनों को, उल्लंघन राशि की सीमा पर विचार किए बिना, सभी क्षेत्रीय कार्यालयों (कोची और पणजी को छोड़कर) द्वारा कंपाउंड किया जा सकता है। कोची और पणजी क्षेत्रीय कार्यालय उक्त प्रकार के एक सौ लाख रुपये (रु.1,00,00,000/-) से कम के उल्लंघनों को कंपाउंड कर सकते हैं। पणजी और कोची क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिकार क्षेत्र के एक सौ लाख रुपये (रु.1,00,00,000/-) से अधिक के ऐसे उल्लंघनों तथा फेमा के तहत हुए अन्य उल्लंघनों को फेमा के प्रभावी कार्यान्वयन संबंधी कक्ष (सेफा), मुंबई द्वारा पहले की भांति कंपाउंड किया जाता रहेगा।
4. तदनुसार, उक्त उल्लंघनों से संबंधित कंपाउंडिंग के लिए आवेदन पत्र संबंधित एंटिटियों द्वारा उन क्षेत्रीय कार्यालयों को प्रस्तुत किए जाएंगे जिनके अधिकार क्षेत्र में वे आती हैं। अन्य सभी उल्लंघनों के लिए, आवेदनपत्र CEFA, विदेशी मुद्रा विभाग, 5 वीं मंजिल, अमर भवन, सर पी॰एम॰ रोड, फोर्ट, मुंबई - 400001 को प्रस्तुत किए जाते रहेंगे।
5. ये संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। कंपाउंडिंग संबंधी अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तित बने रहेंगे।
6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत कराएं ।
7. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गये हैं ।
भवदीय,
(रुद्र नारायण कर)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |