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अधिसूचनाएं

प्राथमिकताप्राप्‍त क्षेत्र को उधार – लक्ष्‍य और वर्गीकरण - एमएफआइ को आगे उधार देने हेतु बैंक ऋण – आय सृजन मानदंड में संशोधन

आरबीआई/2012-13/ 558
ग्राआऋवि.केका.प्‍लान.बीसी. 80/04.09.01/2012-13

27 जून, 2013

अध्‍यक्ष/प्रबंधक निदेशक/मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी
[सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)]

महोदया/महोदय,

प्राथमिकताप्राप्‍त क्षेत्र को उधार – लक्ष्‍य और वर्गीकरण - एमएफआइ को आगे उधार देने हेतु बैंक ऋण – आय सृजन मानदंड में संशोधन

कृपया आप प्राथमिकताप्राप्‍त क्षेत्र को उधार – लक्ष्‍य और वर्गीकरण पर 20 जुलाई 2012 के परिपत्र सं. ग्राआऋवि.केका.प्‍लान.बीसी. 13/04.09.01/2012-13 का पैरा VIII (क) देखें जिसमें अन्‍य बातों के साथ-साथ यह उल्‍लेख किया गया है कि आगे उधार दिए जाने हेतु एमएफआइ को दिये गये बैंक ऋण प्राथमिकताप्राप्‍त क्षेत्र अग्रिम श्रेणी के रूप में वर्गीकृत किए जाने के पात्र होंगेयदि आय सृजन कार्यकलापों को दी जानेवाली ऋण की सकल राशि एमएफआइ द्वारा प्रदत्‍त कुल ऋण के 75 प्रतिशत से कम न हो।

2. उपर्युक्‍त प्रावधान की समीक्षा करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि आगे उधार दिए जाने हेतु एमएफआइ को दिया जानेवाला बैंक ऋण अब प्राथमिकताप्राप्‍त क्षेत्र अग्रिम श्रेणी के रूप में वर्गीकृत किए जाने के पात्र होंगेयदि आय सृजन गतिविधि के लिए दी जानेवाले ऋण की सकल राशि एमएफआय द्वारा प्रदत्‍त कुल ऋण के 70 प्रतिशत से कम न हो।

3. दिनांक 20 जुलाई 2012 के परिपत्र सं. ग्राआऋवि.केका.प्‍लान.बीसी. 13/04.09.01/2012-13 के पैरा VIII में दिए गए अन्‍य सभी दिशानिर्देश अपरिवर्तित बने रहेंगे।

भवदीय,

(ए. के. मिश्र)
महाप्रबंधक


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