भारिबैंक/2012-13/361
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.68
2 जनवरी 2013
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए सभी प्राधिकृत व्यक्ति
महोदया/महोदय,
अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी) मापदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने / धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत प्राधिकृत व्यक्तियों के दायित्व - मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियाँ
प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित 27 नवंबर 2009 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.17 [ए.पी. (एफएल/आरएल सीरीज) परिपत्र सं. 04] के संलग्नक के एफ-भाग-॥ की ओर आकृष्ट किया जाता है ।
2. भावी ग्राहकों पर मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियां करने के लिए अपने ग्राहक को जानने (केवाइसी) की आवश्यकताओं को पूर्ण करने का बोझ कम करने की दृष्टि से, अब यह निर्णय लिया गया है कि:
यदि भावी ग्राहक द्वारा पहचान प्रमाण के लिए प्रस्तुत दस्तावेज पर दिया गया पता उसके द्वारा घोषित पते के अनुरूप हो, तो उक्त दस्तावेज पहचान और पता दोनों के वैध प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जा सकता है। यदि पहचान प्रमाण के लिए प्रस्तुत दस्तावेज पर दिया गया पता ग्राहक द्वारा घोषित मौजूदा पते से भिन्न हो तो पते के लिए अलग से प्रमाण प्राप्त कर लिया जाए।
3. समय-समय पर यथा संशोधित 27 नवंबर 2009 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.17 [ए.पी. (एफएल/आरएल सीरीज) परिपत्र सं. 04] में निहित सभी अन्य अनुदेश यथावत बने रहेंगे ।
4. प्राधिकृत व्यक्ति इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों को अवगत कराएं ।
5. ये दिशानिर्देश प्राधिकृत व्यक्तियों के सभी एजेंटों/फ्रेंचाइजीज़ पर भी यथोचित परिवर्तनों सहित लागू होंगे तथा यह सुनिश्चित करने का उत्तरदायित्व फ्रेंचाइजर्स का ही होगा कि उनके एजेंट/फ्रेंचाइजीज़ भी इन दिशानिर्देशों का पालन करें।
6. कृपया आप अपने प्रधान अधिकारी को इस परिपत्र की प्राप्ति सूचना देने के लिए सूचित करें ।
7. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) और धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए), 2002 और समय समय पर यथा संशोधित धन शोधन निवारण (लेनदेनों के स्वरुप और मूल्य संबंधी अभिलेखों के रखरखाव, रखरखाव की प्रक्रिया और पद्धति तथा जानकारी प्रस्तुत करने के लिए समय और बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन और रखरखाव) नियम, 2005 के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं ।
भवदीय,
(रुद्र नारायण कर)
मुख्य महाप्रबंधक
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