आरबीआई सं. 2012-13/285
बैंपविवि. बीपी. सं. 56/21.04.098/2012-13
7 नवंबर 2012
16 कार्तिक 1934 (शक)
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर)
महोदय
बैंकों द्वारा चलनिधि जोखिम प्रबंधन
कृपया 17 अप्रैल 2012 को घोषित मौद्रिक नीति वक्तव्य 2012-13 के पैरा 91 से 93 (उद्धरण संलग्न) देखें, जो चलनिधि जोखिम प्रबंधन और चलनिधि मानक संबंधी बासल III मानक के बारे में हैं। आपको स्मरण होगा कि बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बासल समिति (बीसीबीएस) द्वारा सितंबर 2006 और दिसंबर 2010 में प्रकाशित दस्तावेज क्रमशः सुदृढ़ चलनिधि जोखिम प्रबंधन और पर्यवेक्षण के सिद्धांत तथा बासल III: चलनिधि जोखिम माप, मानक और निगरानी के लिए अंतरराष्ट्रीय फ्रेमवर्क के आधार पर रिज़र्व बैंक ने फरवरी 2012 में अपनी वेबसाइट पर चलनिधि जोखिम प्रबंधन और चलनिधि मानक संबंधी बासल III फ्रेमवर्क पर प्रारूप दिशानिर्देशों को टिप्पणी और सुझाव के लिए प्रदर्शित किया था।
2. प्राप्त टिप्पणियों और सुझावों को ध्यान में रखते हुए चलनिधि जोखिम प्रबंध से संबंधित दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दिया गया है और उन्हें परिशिष्ट में प्रस्तुत किया गया है। इनदिशानिर्देशों में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा चलनिधि जोखिम प्रबंधन के संबंध में समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों/मार्गदर्शन का समेकन किया गया है तथा उन्हें बीसीबीएस के सुदृढ़ चलनिधि जोखिम प्रबंधन और पर्यवेक्षण के सिद्धांतों के अनुरूप उपयुक्त नीति से संवर्धित किया गया है।
इनमें चलनिधि जोखिम प्रशासन, चलनिधि स्थितियों की माप, निगरानी और रिज़र्व बैंक को रिपोर्टिंग शामिल है। बैंकों से संवर्धित चलनिधि जोखिम प्रबंधन उपायों का अविलंब कार्यान्वयन अपेक्षित है।
3. बासल III चलनिधि मानक संप्रति बीसीबीएस के प्रेक्षण/सुधार के दौर से गुजर रहा है ताकि वित्तीय बाजार, ऋण प्रसार और आर्थिक प्रगति पर इन मानकों के किसी अवांछित परिणाम से बचा जा सके। अतः, बीसीबीएस द्वारा फ्रेमवर्क में संशोधन के बाद बासल III चलनिधि फ्रेमवर्क पर अंतिम दिशानिर्देश जारी किये जाएंगे।
भवदीय
(दीपक सिंघल)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
संलग्नक : यथोक्त
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