भारिबैंक/2012-13/294
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.51
15 नवंबर 2012
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए सभी प्राधिकृत व्यक्ति
महोदया/महोदय,
अपने ग्राहक को जानिये (केवाइसी) मापदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने / धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत प्राधिकृत व्यक्तियों के दायित्व - मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियाँ
प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान 22 दिसंबर 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 60 द्वारा यथा संशोधित 27 नवंबर 2009 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.17 [ए.पी. (एफएल/आरएल सीरीज) परिपत्र सं. 04] के संलग्नक के एफ-भाग ॥ की ओर आकृष्ट किया जाता है ।
2. पासपोर्ट से भिन्न दस्तावेज प्राप्त करने में आने वाली समस्याओं के संबंध में संपूर्ण मुद्रा परिवर्तकों से प्राप्त कतिपय अभ्यावेदनों के आधार पर और अन्य देशों में मुद्रा परिवर्तन के लिए अपनायी जाने वाली क्रियाविधि को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि उल्लिखित भाग में निहित कतिपय अनुदेशों में संशोधन किया जाए । संशोधित अनुदेश संलग्नक में दिये गये हैं ।
3. समय समय पर यथा संशोधित 27 नवंबर 2009 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.17 [ए.पी. (एफएल/आरएल सीरीज) परिपत्र सं. 04] में निहित सभी अन्य अनुदेश यथावत बने रहेंगे ।
4. प्राधिकृत व्यक्ति इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों को अवगत कराएं ।
5. ये दिशानिर्देश प्राधिकृत व्यक्तियों के सभी एजेंटों/फ्रेंचाइजीज़ पर भी यथोचित परिवर्तनों सहित लागू होंगे तथा यह सुनिश्चित करने का उत्तरदायित्व फ्रेंचाइजर्स का ही होगा कि उनके एजेंट/फ्रेंचाइजीज़ भी इन दिशानिर्देशों का पालन करें।
6. कृपया आप अपने प्रधान अधिकारी को इस परिपत्र की प्राप्ति सूचना देने के लिए सूचित करें ।
7. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) और धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए), 2002 और समय समय पर यथा संशोधित धन शोधन निवारण (लेनदेनों के स्वरुप और मूल्य संबंधी अभिलेखों के रखरखाव, रखरखाव की प्रक्रिया और पद्धति तथा जानकारी प्रस्तुत करने के लिए समय और बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन और रखरखाव) नियम, 2005 के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं ।
भवदीय,
(रुद्र नारायण कर)
मुख्य महाप्रबंधक
संलग्नक
[ 15 नवंबर 2012 के ए.पी.(डीआइआर सीरीज)
परिपत्र सं.51 का संलग्नक ]
ग्राहक पहचान क्रियाविधि
सत्यापित की जानेवाली विशेषताएं और
ग्राहकों से प्राप्त किये जानेवाले दस्तावेज
मौजूदा दिशानिर्देश |
संशोधित दिशानिर्देश |
विशेषताएं |
दस्तावेज |
विशेषताएं |
दस्तावेज |
व्यक्तियों के साथ लेनदेन |
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व्यक्तियों के साथ लेनदेन |
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वैध नाम और उपयोग किया गया कोई अन्य नाम |
(i) पारपत्र (ii)पैनकार्ड (iii)मतदाता पहचान कार्ड (iv)ड्राइविंग लाइसेंस (v) पहचान पत्र (प्राधिकृत व्यक्ति की संतुष्टि के अधीन) (vi) ग्राहक की पहचान और निवास का सत्यापन करते हुए किसी मान्यताप्राप्त सरकारी प्राधिकारी अथवा सरकारी सेवक से प्राप्त पत्र जिससे प्राधिकृत व्यक्ति संतुष्ट हो)। |
वैध नाम और उपयोग किया गया कोई अन्य नाम |
(i) पारपत्र (ii)पैनकार्ड (iii)मतदाता पहचान कार्ड (iv)ड्राइविंग लाइसेंस (v) पहचान पत्र (प्राधिकृत व्यक्ति की संतुष्टि के अधीन) (vi) ग्राहक की पहचान और निवास का सत्यापन करते हुए किसी मान्यता- प्राप्त सरकारी प्राधिकारी अथवा सरकारी सेवक से प्राप्त पत्र जिससे प्राधिकृत व्यक्ति संतुष्ट हो)। |
सही स्थायी पता
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(i) टेलीफोन बिल (ii) बैंक खाता विवरण(iii) मान्यताप्राप्त सरकारी प्राधिकारी से पत्र (iv) इलेक्ट्रीसिटी बिल (v) राशन कार्ड (vi) नियोक्ता से पत्र (प्राधिकृत व्यक्ति की संतुष्टि के अधीन)
(ग्राहक की जानकारी देनेवाले उक्त दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज जिससे प्राधिकृत व्यक्ति संतुष्ट हो ।)
टिप्पणी: - विदेशी पर्यटकों के मामले में, पासपोर्ट, जिसमें पहचान विशेषताएं और पता निहित हो, की प्रतिलिपियां पहचान और पते दोनों के लिए दस्तावेजी प्रमाण के रूप में स्वीकार की जा सकती हैं । इसके अतिरिक्त, भारतीय आप्रवास प्राधिकारियों द्वारा विधिवत मुहर लगे (स्टाम्प्ड) अनिवासियों के वीज़ा (अनुमति पत्र) की प्रतिलिपि भी प्राप्त की जाए तथा रिकार्ड में रखी जाए । |
सही स्थायी पता |
(i) टेलीफोन बिल (ii) बैंक खाता विवरण (iii) मान्यताप्राप्त सरकारी प्राधिकारी से पत्र (iv) इलेक्ट्रीसिटी बिल (v) राशन कार्ड (vi) नियोक्ता से पत्र (प्राधिकृत व्यक्ति की संतुष्टि के अधीन)
(ग्राहक की जानकारी देनेवाले उक्त दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज जिससे प्राधिकृत व्यक्ति संतुष्ट हो ।)
टिप्पणी: - विदेशी पर्यटकों के मामले में, पासपोर्ट, जिसमें पहचान विशेषताएं और पता निहित हो, की प्रतिलिपियां पहचान और पते दोनों के लिए दस्तावेजी प्रमाण के रूप में स्वीकार की जा सकती हैं । इसके अतिरिक्त, भारतीय आप्रवास प्राधिकारियों द्वारा विधिवत मुहर लगे (स्टाम्प्ड) अनिवासियों के वीज़ा (अनुमति पत्र) की प्रतिलिपि भी प्राप्त की जाए तथा रिकार्ड में रखी जाए । तथापि, जहाँ न तो पासपोर्ट में कोई पता निहित होता है, न ही विदेशी पर्यटक पते का प्रमाण प्रस्तुत कर पाता है, वहाँ प्राधिकृत व्यक्ति भारतीय आप्रवास प्राधिकारियों द्वारा विधिवत मुहर लगे (स्टाम्प्ड) पासपोर्ट और वीज़ा (अनुमति पत्र) की प्रतिलिपि तथा स्थायी पते के संबंध में विदेशी पर्यटकों द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित घोषणापत्र प्राप्त करें तथा रिकार्ड में रखें । |
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