भारिबैं/2012-13/230
डीपीएसएस. सीओ. पीडी. सं. 560/02.14.006/2012-13
01 अक्तूबर 2012
सभी सिस्टम प्रदाता, सिस्टम प्रतिभागी और
अन्य सभी संभावित प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता
महोदय,
भारतमें प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी और परिचालित करनेके लिए नीतिगत दिशानिर्देश - संशोधन
कृपया उक्त विषय पर हमारे परिपत्रों 27 अप्रैल, 2009 के आरबीआई 2008-09/458 डीपीएसएस.सीओ. पीडी. सं. 1873/02.14.06/2008-09, 14 अगस्त 2009 के आरबीआई /2009-10/123 डीपीएसएस. सीओ. पीडी. सं. 344/02.14.06/2009-10; 4 नवंबर 2010 के आरबीआई/2010-11/261 डीपीएसएस. सीओ. सं. 1041/02.14.006/2010-2011; 24 नवंबर, 2010 के आरबीआई/2010-11/289 डीपीएसएस. सीओ. एडी. सं.780/02.27.004/2010-11; 27 दिसंबर 2010 के आरबीआई/2010-11/341 डीपीएसएस. सीओ. ओएसडी. सं. 1445/06.12.001/2010-11; 23 मार्च 2011 के आरबीआई /2010-11/444 डीपीएसएस. सं.2174/02.14.004/2010-11; 4 मई 2011 केआरबीआई 2010-11/512 डीपीएसएस. सीओ. सं.2501/02.14.06/2010-11; 4 अगस्त 2011 के आरबीआई/2011-12/144 डीपीएसएस. सीओ. पीडी. सं. 225/02.14.006/2011-12; 14 जून 2012 के आरबीआई/2011-12/601 डीपीएसएस. सीओ. पीडी. सं. 2256 /02.14.006/ 2011-12 का संदर्भ लें।
2. कृपया, देशी धन अंतरण – छूट के संबंध में 05 अक्तूबर 2011 के हमारे दिशानिर्देश आरबीआई /2011-12/213 डीपीएसएस. सीओ. पीडी. सं. 62/02.27.019/2011-2012 का भी संदर्भ लें।
3. समीक्षा करने पर रिजर्व बैंक ने निम्नलिखित संशोधनों को आवश्यक माना है:
क. प्रीपेड भुगतान लिखतों के वर्गीकरण और मूल्य संबंधी सीमा का यौक्तिकीकरण
हमारे पिछले दिशानिर्देशों में निर्दिष्ट सेमी क्लोज्ड प्रीपेड भुगतान लिखतों की पाँच श्रेणियों को तीन व्यापक श्रेणियों के अंतर्गत निम्नानुसार रखा गया है:
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सेमी क्लोज्ड सिस्टम प्रीपेड भुगतान लिखतों कोग्राहक के बारे में न्यूनतम जानकारी के साथ `10,000 तक के लिए जारी किया जा सकता है बशर्ते कि किसी भी समय बकाया राशि `10,000 रुपये से अधिक न हो और किसी भी महीने में रीलोड्स का मूल्य `10,000 से अधिक न हो। इन्हें केवल इलेक्ट्रोनिक रूप में ही जारी किया जा सकता है।
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धन शोधन निवारण अधिनियम के नियम 2 (घ) के अंतर्गत परिभाषित किसी ‘आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज़’ को स्वीकार करके `10,000 से `50,000 तक के मूल्योंके सेमी क्लोज्ड सिस्टम प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी किया जा सकता है। ऐसे प्रीपेड भुगतान लिखतों को केवल इलेक्ट्रोनिक रूप में ही जारी किया जा सकता है और ये नॉन-रीलोडेबल प्रकृति के ही होने चाहिए।
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केवाईसी की सभी शर्तों को पूरा करके सेमी क्लोज्ड सिस्टम प्रीपेड भुगतान लिखतों को `50,000 तक की राशि के लिए जारी किया जा सकता है और ये रीलोडेबल प्रकृति के हो सकते हैं।
ख. एस्क्रो प्रबंधन को सशक्त बनाना
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प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने वाली गैर-बैंक कंपनियों से यह अपेक्षित है कि वे 27 अप्रैल 2009 और 24 नवंबर 2010 के दिशानिर्देशों में विहित शर्तों के अनुसार किसी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक में एस्क्रो खाते में बकाया राशि रखें।
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यह भी सूचित किया जाता है कि जब भी जारीकर्ता/ एजेंट/वितरक किसी उपयोगकर्ता को प्रीपेड भुगतान लिखत बेचता है उसी समय एस्क्रो खाते को भी क्रेडिट कर दिया जाना चाहिए। इसके अलावा एस्क्रो खाते में बकाया राशि पर्याप्त होनी चाहिए ताकि उपयोगकर्ताके पास प्रीपेड भुगतान लिखत की बकाया राशि और किसी भी समय उपयोगकर्ता के द्वारा प्रीपेड भुगतान लिखत के उपयोग से उत्पन्न होने वाली दायित्वों को कवर किया जा सके।
ग. देशी धन अंतरण छूट
5 अक्तूबर 2011 को जारी दिशानिर्देशों के अनुसार देशी धन अंतरण को निम्नलिखित माध्यमों से अनुमति प्राप्त है (i) एक ही जारीकर्ता द्वारा जारी किए गए एक प्रीपेड भुगतान लिखत से दूसरे प्रीपेड भुगतान लिखत को; और (ii) पूर्ण केवाईसी के साथ जारी प्रीपेडभुगतान लिखत से एक बैंक खाते को, `5000/- रुपये तक और जिसकी मासिक सीमा होगे `25,000 रुपये प्रति धनप्रेषक हो। उपर्युक्त पैरा 3 क में दर्शाये गए संशोधनों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि उसमें उल्लिखित प्रीपेड भुगतान लिखतों की सभी तीन श्रेणियों को देशी धन अंतरण के लिए अनुमति होगी। 5 अक्तूबर 2011 के दिशानिर्देशों में दर्शाई गई अन्य शर्तें यथावत रहेंगी।
4. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का 51) की धारा 18 के अंतर्गत जारी किया जा रहा है और यह जारी होने की तिथि से प्रभावी होगा।
5. कृपया प्राप्ति की सूचना दें।
भवदीय
(विजय चुग)
मुख्य महाप्रबंधक |