आरबीआई/2011-12/622
शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी). परि. सं. 41/ 12.05.001/2011-12
26 जून 2012
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदया / महोदय,
आवास ऋण- शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा प्रतिबंधात्मक प्रभार/पुर्वभुगतान दंड लगाना
कृपया बैंक प्रभार लगाना /प्रदर्शित करना पर 26 मई 2006 का हमारा परिपत्र शबैंवि. बीपीडी. (पीसीबी) परि.सं. 54 /09.39.000 /2005-06 देखें।
2. 17 अप्रैल 2012 को घोषित मौद्रिक नीति वक्तव्य 2012-13 में फ्लोटिंग ब्याज दर पर आवास ऋण से संबंधित पैरा 81 से 83 की ओर शहरी सहकारी बैंकों का ध्यान आकर्षित किया जाता है। बैंकों में ग्राहक सेवा पर समिति (अध्यक्ष: एम दामोदरन) के यह ध्यान मे आया है कि आवास ऋण के पुर्वभुगतान पर बैंको द्वारा लगाए जानेवाले प्रतिबंधात्मक प्रभार का आवास ऋण उधारकर्ता विरोध कर रहे हैं, विशेषत: ब्याज दर घट रहे है इस स्थिति में बैंक विद्यमान आवास ऋण उधारकर्ताओं को कम ब्याज दर का लाभ देने में अनिच्छुक है। ऐसे में प्रतिबंधात्मक प्रभार एक रोक लगानेवाली पद्धति जान पडती है जो उधारकर्ताओं को उपलब्ध सस्ते स्रोतो का विकल्प चुनने के लिए हतोत्साहित करते हैं।
3. आवास ऋण पर प्रतिबंधात्मक प्रभार/ पुर्वभुगतान दंड हटाने से विद्यमान तथा नए उधारकर्ताओं के बीच का भेदभाव कम होगा तथा बैंकों के बीच की स्पर्धा के परिणामस्वरूप बेहतर मूल्य पर फ्लोटिंग दर आवास ऋण मिलेगा। गत समय में कुछ बैंकों ने स्वेच्छा से फ्लोटिंग दर आवास ऋण का पुर्वभुगतान दंड समाप्त किया है फिर भी बेंकिग प्रणाली में एकरूपता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। अत: यह निर्णय लिया गया है कि तत्काल प्रभाव से शहरी सहकारी बैंकों को फ्लोटिंग दर आवास ऋण पर प्रतिबंधात्मक प्रभार/पुर्वभुगतान दंड लगाने के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी।
भवदीय,
(ए.उदगाता)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
अनु: यथोक्त |