भारिबैं/2012-13/156
ग्राआऋवि.सं.एसएमइ एण्ड एनएफएस.बीसी.20/06.02.31/2012-13
1 अगस्त 2012
अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक /
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय ,
माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र को उधार – वित्तीय साक्षरता और परामर्शी सहायता की अनिवार्यता
एमएसएमइ की चौथी जनगणना में यह पाया गया है कि एमएसएमइ क्षेत्र में वित्तीय वंचन (एक्स्लूजन) की मात्रा काफी अधिक (92 प्रतिशत) है। अत: बैंकों के लिए यह अनिवार्य है कि उक्त वंचित यूनिटों को औपचारिक बैंकिंग क्षेत्र के भीतर लाया जाए।
2. अध्ययनों से पता चला है कि लेखाकरण तथा वित्त, कारोबारी आयोजना आदि सहित वित्तीय साक्षरता, परिचालनगत कौशल का अभाव एमएसई के उधारकर्ताओं के लिए कठिन चुनौती बनी है, जिसके कारण इन जटिल वित्तीय क्षेत्रों से बैंकों द्वारा सुविधा प्रदान किए जाने की जरूरत अधोरेखित हो जाती है । साथ ही साथ, एमएसई उद्यम माप (स्केल) एवं आकार के अभाव के कारण इस संबंध में और असहाय बन जाते हैं।
3. इन कमियों को कारगर ढ़ंग से तथा निर्णायक रुप से दूर करने के लिए बैंक शाखाओं को अपने एमएसई ग्राहकों को वित्तीय साक्षरता एवं परामर्शी सहायता प्रदान करते हुए उनके कार्यों के प्रति अधिक सक्रिय भूमिका अपनानी होगी । इसके लिए बैंक या तो अपनी शाखाओं में अपनी तुलनात्मक सुविधानुसार अलग से विशेष कक्ष स्थापित करें अथवा उनके द्वारा स्थापित वित्तीय साक्षरता केंद्रों में इसके लिए अलग कार्य मद (वर्टिकल) बनाएं। इस क्षेत्र की जरुरतों को पूरा करने के लिए बैंक के स्टाफ को भी अनुकूलित प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षित कराया जाए ।
4. कृपया प्राप्ति सूचना दें और 24 अगस्त 2012 तक एक कार्रवाई रिपोर्ट भेज दें ।
भवदीय
(सी. डी. श्रीनिवासन )
मुख्य महाप्रबंधक
|