भारिबैंक/2011-12/397
ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं.77
15 फरवरी 2012
सभी प्राधिकृत व्यक्ति
महोदया/महोदय,
धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)
करने संबंधी मानक - मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियां
प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान 19 सितंबर 2011 के ए.पी. (डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं.21 और 23 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जो कतिपय क्षेत्राधिकारों के एएमएल/सीएफटी व्यवस्था में कमियों के कारण उत्पन्न जोखिमों के संबंध में थे ।
2. वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने इस विषय पर 28 अक्तूबर 2011 को एक और विवरण जारी किया है (प्रतिलिपि संलग्न) ।
3. प्राधिकृत व्यक्तियों को तदनुसार सूचित किया जाता है कि वे संलग्न विवरण में निहित जानकारी पर विचार करें ।
4. तथापि, इससे प्राधिकृत व्यक्तियों को इन देशों और क्षेत्राधिकारों के साथ वैध लेनदेन करने में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए ।
5. ये दिशानिर्देश प्राधिकृत व्यक्तियों के सभी एजेंटों/फ्रेंचाइजीज़ को भी यथोचित परिवर्तनों सहित लागू होंगे तथा फ्रेंचाइजर्स का ही यह सुनिश्चित करने का उत्तरदायित्व होगा कि उनके एजेंट/फ्रेंचाइजीज़ भी इन दिशानिर्देशों का पालन करते हैं ।
6. प्राधिकृत व्यक्ति इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत करायें ।
7. कृपया आप अपने प्रधान अधिकारी को इस परिपत्र की प्राप्ति सूचना देने के लिए सूचित करें ।
8. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) और धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए), 2002 और समय समय पर यथा संशोधित धन शोधन निवारण (लेनदेनों के स्वरुप और मूल्य संबंधी अभिलेखों के रखरखाव, रखरखाव की प्रक्रिया और पद्धति तथा जानकारी प्रस्तुत करने के लिए समय और बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन और रखरखाव) नियम, 2005 के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं ।
भवदीया,
(मीना हेमचंद्र)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |