आरबीआई/2011-12/337
ग्राआऋवि. एमएसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं.53 /06.02.31/2011-12
4 जनवरी 2012
अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर )
महोदय,
एमएसएमई उधारकर्ताओं को ऋण आवेदनों
की प्राप्ति – सूचना जारी करना
" ऋणदाताओं के लिए उचित प्रथा संहिता संबंधी दिशा-निर्देश" पर दिनांक 5 मई 2003 के परिपत्र बैंपविवि.एलईजी.सं.बीसी. 104/09.07.007/2002-03 का पैरा 2 (बी) देखें जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि वे सभी ऋण आवेदनों की प्राप्ति की सूचना देने की एक प्रणाली तैयार करें। बैंकों को दिनांक 4 मई 2009 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि. एसएमई एंड एनएफएस.बीसी. सं. 102/06.04.01/2008-09 द्वारा यह भी यह सूचित किया गया था कि वे रुग्ण एमएसएमई इकाइयों के पुनर्वास पर कार्यदल (अध्यक्ष: डॉ. के.सी.चक्रबर्ती) की सिफारिश अनुसार ऋण आवेदनों का एक सेन्ट्रल रजिस्ट्रेशन बनाए तथा ऋण आवेदनों के ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण तथा ऋण आवेदनों के ऑनलाइन ट्रेकिंग के लिए भी यही तकनीक का उपयोग करें।
2. इस संबंध में हमें उद्योग संघों / चेम्बर्स से शिकायतें प्राप्त होती रहती है कि बैंक ऋण आवेदनों की प्राप्ति सूचना नहीं देते हैं। अतः यह दोहराया जाता है कि बैंकों को, उनके एमएसएमई उधारकर्ताओं द्वारा हाथ से या ऑनलाइन से प्रस्तुत सभी ऋण आवेदनों के संबंध में प्राप्ति सूचना अनिवार्य रूप से देनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आवेदन फार्म तथा प्राप्ति – सूचना पर भी एक रनिंग क्रम संख्या रिकार्ड किया जा रहा है।
3. बैंकों को ऋण आवेदनों का सेन्ट्रल रजिस्ट्रेशन शुरू करने हेतु और प्रोत्साहित किया जाता है। यही तकनीक ऋण आवेदनों के ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण तथा ऋण आवेदनों के ऑनलाइन ट्रेकिंग के लिए भी उपयोग की जाए।
4. कृपया आप अपनी शाखाओं / नियंत्रक कार्यालयों को कुशल अनुपालन हेतु उचित अनुदेश जारी करें।
5. कृपया प्राप्ति सूचना दें तथा 30 जनवरी 2012 तक एक की गई कार्रवाई रिपोर्ट प्रेषित करें।
भवदीय
( सी.डी.श्रीनिवासन )
मुख्य महाप्रबंधक
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