भारिबैंक/2011-12/298
ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं.57
13 दिसंबर 2011
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक
महोदया/महोदय,
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (फेमा)
विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 (नियमावली)-
फेमा, 1999 के तहत उल्लंघनों की कंपाउंडिंग
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (एडी श्रेणी-।) बैंकों और उनके ग्राहकों/घटकों का ध्यान, 28 जून 2010 के ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं. 56 और समय समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की भारत सरकार की जी.एस.आर.सं. 383 द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है ।
2. ग्राहक सेवा के उपाय के रूप में और परिचालनगत सुविधा को सुकरता प्रदान करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि फेमा के (i) आवक विप्रेषणों की रिपोर्टिंग में विलंब, (ii) शेयरों के आबंटन के बाद फार्म एफसी-जीपीआर दाखिल करने में विलंब और (iii) शेयरों को जारी करने में 180 दिनों से अधिक विलंब के उल्लंघनों की कंपाउंडिंग करने (अर्थात 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित और समय समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की अनुसूची । के पैराग्राफ क्रमश: 9(1)(ए), 9(1)(बी) तथा 8) के लिए नीचे दर्शाये गये अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों को अधिकार प्रत्यायोजित किये जाएं:
ए) 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 20/2000-आरबी की अनुसूची । का पैराग्राफ 9 (1) (ए), 9 (1) (बी) –
केवल एक सौ लाख रुपये (रु.1,00,00,000/-) से कम की राशि के उल्लंघन के लिए भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, गुवाहाटी, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोची, पटना और पणजी ।
बी) 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 20/2000-आरबी की अनुसूची । का पैराग्राफ 9 (1) (ए), 9 (1) (बी) और 8 –
उल्लंघन की राशि की बिना किसी सीमा के मामले अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई तथा नयी दिल्ली ।
विदेशी मुद्रा विभाग के इन क्षेत्रीय कार्यालयों से संबद्ध कंपाउंडिंग प्राधिकारियों को ऐसे मामलों को उनके स्तर (स्तरों) पर विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 के अनुसार वित्तीय अधिकारों के भीतर कंपाउंड करने के लिए प्राधिकृत किया गया है । तदनुसार, उपर्युक्त (ए) और (बी) में उल्लिखित उल्लंघनों के संबंध में तथा उसमें दर्शायी गयी उल्लंघन की राशि तक कंपाउंडिंग के लिए संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय की सूचना पर अथवा स्वयंप्रेरित रूप से प्राप्त सभी आवेदन पत्र ऐसी कंपनियों द्वारा उस क्षेत्रीय कार्यालय को निर्धारित शुल्क और अन्य संबंधित कागजातों के साथ प्रस्तुत किए जाएं जिनके अधिकार क्षेत्र में वे आती हैं । सभी अन्य आवेदन पत्र पहले की भांति कंपाउंडिंग प्राधिकारी, फेमा के प्रभावी कार्यान्वयन संबंधी कक्ष (सेफा), विदेशी मुद्रा विभाग, 5 वीं मंज़िल, अमर बिल्डिंग, सर पी.एम.रोड, फोर्ट, मुंबई – 400001 को प्रस्तुत किये जाएं । रु.5000/- (रूपये पांच हजार केवल) के निर्धारित शुल्क का भुगतान ''भारतीय रिज़र्व बैंक'' के पक्ष में आहरित डिमांड ड्राफ्ट के द्वारा किया जाए जो आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के स्थान अर्थात संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय अथवा यदि आवेदन पत्र सेफा, मुंबई को प्रस्तुत किया जाता है तो मुंबई में देय हो ।
3. विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 के नियम 8 के उप-नियम (1) के अनुसार, कंपाउंडिंग प्राधिकारी कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज से संबंधित जानकारी, रिकार्ड अथवा कोई अन्य दस्तावेज मांग सकते हैं । यह देखा गया है कि कंपाउंडिंग आवेदन पत्र के साथ समर्थनकारी दस्तावेजों सहित अपेक्षित ब्योरे प्रस्तुत करने में एकरुपता नहीं है। फलत: रिज़र्व बैंक और आवेदनकर्ता के बीच पत्रव्यवहार करना पड़ता है जिससे बचा सकता है । अत: यह निर्णय लिया गया है कि आवेदक निर्धारित फार्मेट में आवेदन पत्र के साथ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, बाह्य वाणिज्यिक उधार, समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश और शाखा कार्यालय/संपर्क कार्यालय, यथा लागू, के ब्योरे भी संलग्नक के अनुसार प्रस्तुत करें और उसके साथ इस आशय का एक वचनपत्र भी संलग्न करें कि उनके विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, आदि जैसी किसी एजेंसी द्वारा कोई जाँच नहीं की जा रही है, साथ ही फेमा, 1999 के तहत उल्लंघनों की कंपाउंडिंग के लिए आवेदन करते समय संस्था के बहिर्नियम और अद्यतन लेखा-परिक्षित तुलन पत्र की प्रतिलिपि भी प्रस्तुत करें ।
4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों/ग्राहकों को अवगत कराएं ।
5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गये हैं ।
भवदीया,
(डा. सुजाता एलिज़ाबेथ प्रसाद)
मुख्य महाप्रबंधक
संलग्नक- एफडीआई
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के संबंध में उल्लंघनों की कंपाउंडिंग के लिए
आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत किये जाने वाले ब्योरे
- आवेदक का नाम
- निगमन की तारीख
- कार्य-कलापों का स्वरूप
- विदेशी निवेशक के बारे में संक्षिप्त विवरण
निगमन की तारीख से आज (आवेदन) की तारीख तक आवेदक कंपनी द्वारा प्राप्त विदेशी आवक विप्रेषणों के ब्योरे
टेबल ए
क्रम सं. |
विप्रेषक का नाम |
कुल राशि (भारतीय रुपये में) |
प्राप्ति की तारीख |
भा.रि.बैंक को रिपोर्ट करने की तारीख* |
विलंब, यदि कोई हो |
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कुल |
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* भा.रि.बैंक को रिपोर्ट करने की तारीख (और न कि प्राधिकृत व्यापारी को रिपोर्ट करने की तारीख) |
टेबल बी
निवेशक का नाम |
शेयरों के आबंटन की तारीख |
आबंटित शेयरों की संख्या |
राशि जिसके लिए शेयर आबंटित किये गये |
भा.रि.बैंक को रिपोर्ट करने की तारीख* |
विलंब, यदि कोई हो |
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कुल |
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टेबल सी
यदि शेयर आवेदन राशि अतिरिक्त है
क्रम सं. |
विप्रेषक का नाम |
कुल राशि (भारतीय रुपये में) |
प्राप्ति की तारीख |
अतिरिक्त शेयर आवेदन राशि |
शेयर आवेदन राशि वापस करने की तारीख |
विदेशी मुद्रा में राशि |
भा.रि.बैंक के अनुमोदन पत्र की सं. और तारीख |
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कुल |
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टेबल डी
प्राधिकृत पूँजी
क्रम सं. |
तारीख |
प्राधिकृत पूँजी |
निम्नलिखित तारीख से |
बोर्ड की बैठक की तारीख |
आरओसी के साथ फाइलिंग की तारीख |
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ए=बी+सी
कृपया समर्थक दस्तावेज प्रस्तुत करें
टेबल ए – एफआइआरसी की प्रतियां जिन पर भा.रि.बैंक में प्राप्ति की तारीख की मुहर हो
टेबल बी - एफसीजीपीआर की प्रतियां जिन पर भा.रि.बैंक में प्राप्ति की तारीख की मुहर हो
टेबल सी – शेयरों की वापसी/ आबंटन करने वाला पत्र – भा.रि.बैंक से प्राप्त अनुमोदन पत्र ए2फार्म
- शेयर आवेदन राशि की प्राप्ति और शेयरों के आबंटन की अवधि के तुलन पत्र की प्रतियां
- उल्लंघनों का स्वरूप तथा उल्लंघनों के कारण
संलग्नक-ईसीबी
बाह्य वाणिज्यिक उधार के संबंध में उल्लंघनों की कंपाउंडिंग के लिए
आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत किये जाने वाले ब्योरे
• आवेदक का नाम |
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• निगमन की तारीख |
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• कार्य-कलापों का स्वरूप |
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• विदेशी उधारदाता के बारे में संक्षिप्त ब्योरे |
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• क्या आवेदक पात्र उधारकर्ता है? |
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• क्या उधारदाता पात्र उधारदाता है? |
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• क्या उधारदाता ईक्विटी धारक है? |
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• ऋण करार के समय उनके शेयर होल्डिंग का स्तर क्या है? |
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बाह्य वाणिज्यिक उधार के ब्योरे |
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• ऋण करार की तारीख |
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• राशि विदेशी मुद्रा में और भारतीय रुपये में |
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• ब्याज दर |
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• ऋण की अवधि |
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• चुकौती के ब्योरे |
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• आहरण द्वारा कमी के ब्योरे |
आहरण द्वारा
कमी की तारीख |
विदेशी मुद्रा
में राशि |
भारतीय
रु. में राशि |
• एलआरएन के ब्योरे – आवेदन पत्र और प्राप्ति (receipt) |
• प्रस्तुत की गयी ईसीबी2 विवरणी के ब्योरे; रिटर्न की अवधि; प्रस्तुतीकरण की तारीख |
• ईसीबी के विदेशी मुद्रा और भारतीय रुपये में उपयोग के ब्योरे |
• उल्लंघन का स्वरूप और उल्लंघन के कारण |
• सभी समर्थनकारी दस्तावेज प्रस्तुत किये जाएं |
संलग्नक – ओडीआई
समुद्रपारीय निवेश के संबंध में उल्लंघनों की कंपाउंडिंग के लिए
आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत किये जाने वाले ब्योरे
- आवेदक का नाम
- निगमन की तरीख
- कार्य-कलापों का स्वरूप
- समुद्रपारीय कंपनी का नाम
- समुद्रपारीय कंपनी के निगमन की तारिख
- समुद्रपारीय कंपनी द्वारा किये जाने वाले कार्य-कलापों का स्वरूप
- कंपनी का स्वरूप- पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्था/संयुक्त उद्यम
- भेजे गये विप्रेषण के ब्योरे-विप्रेषण की तारीख;विदेशी मुद्रा में और भारतीय रुपये में राशि
- अन्य वित्तीय प्रतिबद्धता के ब्योरे
- आवेदित और प्राप्त यूआइएन के ब्योरे
- शेयर प्रमाणपत्र प्राप्ति की तारीख
- यदि आवश्यक हो तो अन्य विनियामक का अनुमोदन
- प्रस्तुत किय गए वार्षिक कार्यनिष्पादन रिपोर्ट (APRs) के ब्योरे: -----को समाप्त अवधि के लिए; प्रस्तुतीकरण की तारीख
- उल्लंघन का स्वरूप और उल्लंघन के कारण
- सभी समर्थनकारी दस्तावेज प्रस्तुत किये जाएं
संलग्नक–शाखा कार्यालय/संपर्क कार्यालय
भारत में शाखा/संपर्क कार्यालय के संबंध में उल्लंघनों की कंपाउंडिंग के लिए
आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत किये जाने वाले ब्योरे
- आवेदक का नाम
- निगमन की तारीख
- संपर्क कार्यालय/शाखा कार्यालय खोलने के लिए अनुमोदन की तारीख
- अनुमोदन की वैधता अवधि
- किये जाने वाले कार्य-कलापों का स्वरूप
- संपर्क कार्यालय/शाखा कार्यालय की आय और व्यय
- वार्षिक कार्यकलाप प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की तारीख
- उल्लंघन का स्वरूप और उल्लंघन के कारण
- सभी समर्थनकारी दस्तावेज प्रस्तुत किये जाएं
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