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अधिसूचनाएं

उचित उधार प्रथा - ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क

आरबीआई/2023-24/53
विवि.एमसीएस.आरईसी.28/01.01.001/2023-24

18 अगस्त 2023

सभी वाणिज्यिक बैंक (भुगतान बैंकों को छोड़कर, लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित)
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
सभी एनबीएफसी (एचएफसी सहित) और
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी)

महोदया/ महोदय,

उचित उधार प्रथा - ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क

दंडात्मक ब्याज के प्रकटीकरण में तर्कसंगतता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) के लिए विभिन्न दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। वर्तमान दिशानिर्देशों के अंतर्गत, ऋण देने वाली संस्थाओं के पास ब्याज की दंडात्मक दरें लगाने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करने की परिचालन स्वायत्तता है। यह पाया गया है कि कई आरई, ऐसी शर्तें जिन पर क्रेडिट सुविधाएं स्वीकृत की गई थीं, उधारकर्ता द्वारा उनकी चूक/गैर-अनुपालन किए जाने के मामले में, लागू ब्याज दरों के अलावा, दंडात्मक ब्याज दरों का प्रयोग कर रही हैं।

2. दंडात्मक ब्याज/शुल्क लगाने का इरादा अनिवार्य रूप से ऋण अनुशासन की भावना निर्माण करना है, न की ऐसे शुल्क ब्याज की अनुबंधित दर से अधिक राजस्व वृद्धि उपकरण के रूप में उपयोग करने के लिए है। हालाँकि, पर्यवेक्षी समीक्षाओं में दंडात्मक ब्याज/शुल्क लगाने संबंध में आरई द्वारा भिन्न प्रथाएं जिनसे ग्राहकों में शिकायतें और विवाद उत्पन्न होते हैं के उदाहरण मिले हैं।

3. ऋणों पर दंडात्मक ब्याज/शुल्क वसूलने के लिए आरई द्वारा अपनाई गई प्रथाओं की समीक्षा करने पर, अपनाए जाने हेतु निम्नलिखित निर्देश जारी किए गए हैं: -

(i) उधारकर्ता द्वारा ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का अनुपालन न करने पर कोई दंड, यदि लगाया जाता है, तो उसे 'दंडात्मक शुल्क' के रूप में माना जाएगा, और इसे 'दंडात्मक ब्याज' के रूप में नहीं लगाया जाएगा, जो अग्रिमों पर लगाए गए ब्याज की दर में जोड़ा जाता है। दंडात्मक शुल्कों का कोई पूंजीकरण नहीं किया जाएगा अर्थात ऐसे शुल्कों पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लिया जाएगा। हालाँकि, इससे ऋण खाते में ब्याज चक्रवृद्धि की सामान्य प्रक्रियाएँ प्रभावित नहीं होंगी।

(ii) आरई द्वारा ब्याज दर में कोई अतिरिक्त घटक शामिल नहीं किए जाएंगे और इन दिशानिर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

(iii) आरई को दंडात्मक शुल्क अथवा ऋण पर समान शुल्क, चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाए, पर बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करनी होगी।

(iv) दंडात्मक शुल्क की मात्रा उचित होगी और किसी विशेष ऋण/उत्पाद श्रेणी के भीतर भेदभाव किए बिना ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के अनुपालन न करने के अनुरूप होगी।

(v) 'व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को, व्यवसाय के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए' स्वीकृत किए गए ऋणों के मामले में दंडात्मक शुल्क, महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के समान गैर-अनुपालन के लिए गैर-व्यक्तिगत उधारकर्ताओं पर लागू दंडात्मक शुल्क से अधिक नहीं होगा।

(vi) दंडात्मक शुल्क की मात्रा और कारण आरई द्वारा ग्राहकों को ऋण समझौते और लागू होने वाले सबसे महत्वपूर्ण नियम तथा शर्तों / मुख्य तथ्य विवरण (केएफएस) में स्पष्ट रूप से बताया जाएगा, इसके अलावा आरई की वेबसाइट पर भी ब्याज दरों और सेवा शुल्कों के तहत प्रदर्शित किया जाएगा।

(vii) जब भी उधारकर्ताओं को ऋण के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का पालन न करने के लिए अनुस्मारक भेजे जाते हैं, तो लागू दंडात्मक शुल्क के बारे में सूचित किया जाएगा। इसके अलावा, दंडात्मक शुल्क लगाने के किसी भी घटना और उसके कारण को भी सूचित किया जाएगा।

(viii) ये अनुदेश 1 जनवरी 2024 से लागू होंगे। आरई द्वारा अपने नीतिगत ढांचे में उचित संशोधन किया जाए और प्रभावी तिथि से प्राप्त/नवीनीकृत किए गए सभी नए ऋणों के संबंध में उक्त अनुदेशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए। मौजूदा ऋणों के मामले में, नई दंडात्मक शुल्क व्यवस्था में स्विचओवर अगली समीक्षा या नवीनीकरण तिथि या इस परिपत्र के प्रभावी होने की तारीख से छह महीने, जो भी पहले हो, पर सुनिश्चित किया जाए।

4. उपर्युक्त अनुदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21, 35ए और 56, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45जेए, 45एल और 45एम और राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 30ए के तहत जारी किए गए हैं और ये अनुदेश लागू आरई के प्रासंगिक मास्टर निदेशों/मास्टर परिपत्रों में अद्यतन किए जाएंगे। मास्टर निदेशों/मास्टर परिपत्रों में संशोधनों की सूची अनुबंध में प्रदान की गई है।

5. हालाँकि, ये निर्देश क्रेडिट कार्ड, बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण और संरचित बाध्यताएं जो उत्पाद विशिष्ट निदेशों के अंतर्गत आते हैं उन पर लागू नहीं होंगे।

भवदीय

(सन्तोष कुमार पाणिग्राही)
मुख्य महाप्रबंधक

संलग्न: यथोक्त


अनुबंध

I. प्रासंगिक मास्टर निर्देशों में संशोधन
पैरा सं. विद्यमान खंड संशोधित खंड
ए. मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (अग्रिम पर ब्याज दर) निदेश, 2016 दिनांक 03 मार्च 2016
5 बैंक अग्रिमों पर दंडात्मक ब्याज वसूलने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करेंगे जो उचित और पारदर्शी होगी। दंडात्मक ब्याज की दर ऋण चुकाने के लिए प्रोत्साहन और ग्राहकों की वास्तविक कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए तय की जाएगी। हटाया गया
  बशर्ते कि समय-समय पर संशोधित परिपत्र आरपीसीडी.योजना.वीसी.15/04.09.01/2001-02 दिनांक 17 अगस्त 2001 में उल्लिखित अग्रिमों पर कोई दंडात्मक ब्याज नहीं लिया जाएगा। हटाया गया

बी. मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - गैर-प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण गैर-जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 दिनांक 1 सितंबर 2016

29 लागू गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा उधारकर्ताओं को मंजूरी पत्र या अन्य प्रकार से, मंजूर किए गए ऋण की राशि स्थानीय भाषा में अथवा उधारकर्ता द्वारा समझी जाने वाली भाषा में लिखित रूप में, ऋण की शर्तों के साथ, जिसमें वार्षिक आधार पर ब्याज की दर तथा उसे लागू करने का तरीका भी दिया हो, सूचित करना चाहिए और उधारकर्ता द्वारा इन शर्तों की स्वीकृति को अपने अभिलेख में रखना चाहिए। जैसाकि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के विरुद्ध सामान्यतः अधिक ब्याज/दण्ड ब्याज लगाने के संबंध में शिकायतें प्राप्त होती है, अतः लागू गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां ऋण करार पत्र में विलम्ब चुकौती के लिए लगाये जाने वाले ब्याज दण्ड का उल्लेख स्पष्ट अक्षरों में करें। लागू गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा उधारकर्ताओं को मंजूरी पत्र या अन्य प्रकार से, मंजूर किए गए ऋण की राशि स्थानीय भाषा में अथवा उधारकर्ता द्वारा समझी जाने वाली भाषा में लिखित रूप में, ऋण की शर्तों के साथ, जिसमें वार्षिक आधार पर ब्याज की दर तथा उसे लागू करने का तरीका भी दिया हो, सूचित करना चाहिए और उधारकर्ता द्वारा इन शर्तों की स्वीकृति को अपने अभिलेख में रखना चाहिए। जैसाकि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के विरुद्ध सामान्यतः अधिक ब्याज/ दंडात्मक शुल्क लगाने के संबंध में शिकायतें प्राप्त होती है, अतः लागू गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां ऋण करार पत्र में विलम्ब चुकौती के लिए लगाये जाने वाले दण्ड का उल्लेख स्पष्ट अक्षरों में करें।
  (नया खंड सम्मिलित किया गया)
ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क
उधारकर्ता द्वारा ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का अनुपालन न करने पर कोई दंड, यदि लगाया जाता है, तो उसे 'दंडात्मक शुल्क' के रूप में माना जाएगा, और इसे 'दंडात्मक ब्याज' के रूप में नहीं लगाया जाएगा, जो अग्रिमों पर लगाए गए ब्याज की दर में जोड़ा जाता है। दंडात्मक शुल्कों का कोई पूंजीकरण नहीं किया जाएगा अर्थात ऐसे शुल्कों पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लिया जाएगा। हालाँकि, इससे ऋण खाते में ब्याज चक्रवृद्धि की सामान्य प्रक्रियाएँ प्रभावित नहीं होंगी।

आरई द्वारा ब्याज दर में कोई अतिरिक्त घटक शामिल नहीं किए जाएंगे और इन दिशानिर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

आरई को दंडात्मक शुल्क या ऋण पर समान शुल्क, चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाए, पर बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करनी होगी।

दंडात्मक शुल्क की मात्रा उचित होगी और किसी विशेष ऋण/उत्पाद श्रेणी के भीतर भेदभाव किए बिना ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के अनुपालन न करने के अनुरूप होगी।

'व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को, व्यवसाय के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए' स्वीकृत किए गए ऋणों के मामले में दंडात्मक शुल्क, महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के समान गैर-अनुपालन के लिए गैर-व्यक्तिगत उधारकर्ताओं पर लागू दंडात्मक शुल्क से अधिक नहीं होगा।

दंडात्मक शुल्क की मात्रा और कारण आरई द्वारा ग्राहकों को ऋण समझौते और लागू होने वाले सबसे महत्वपूर्ण नियम तथा शर्तों / मुख्य तथ्य विवरण (केएफएस) में स्पष्ट रूप से बताया जाएगा, इसके अलावा आरई की वेबसाइट पर भी ब्याज दरों और सेवा शुल्कों के तहत प्रदर्शित किया जाएगा।

जब भी उधारकर्ताओं को ऋण के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का पालन न करने के लिए अनुस्मारक भेजे जाते हैं, तो लागू दंडात्मक शुल्क के बारे में सूचित किया जाएगा। इसके अलावा, दंडात्मक शुल्क लगाने के किसी भी घटना और उसके कारण को भी सूचित किया जाएगा।

ये अनुदेश 1 जनवरी 2024 से लागू होंगे। आरई द्वारा अपने नीतिगत ढांचे में उचित संशोधन किया जाए और प्रभावी तिथि से प्राप्त/नवीनीकृत किए गए सभी नए ऋणों के संबंध में उक्त अनुदेशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए। मौजूदा ऋणों के मामले में, नई दंडात्मक शुल्क व्यवस्था में स्विचओवर अगली समीक्षा या नवीनीकरण तिथि या इस परिपत्र के प्रभावी होने की तारीख से छह महीने, जो भी पहले हो, पर सुनिश्चित किया जाए।

 
सी. मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण गैर-जमा स्वीकार करने वाली कंपनी और जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 दिनांक 1 सितंबर 2016
29 लागू गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा उधारकर्ताओं को मंजूरी पत्र या मंजूर किए गए ऋण की राशि स्थानीय भाषा में अथवा उधारकर्ता द्वारा समझी जाने वाली भाषा में लिखित रूप में या अन्य प्रकार से, ऋण की शर्तों के साथ, जिसमें वार्षिक आधार पर ब्याज की दर तथा उसे लागू करने का तरीका भी दिया हो, सूचित करना चाहिए और उधारकर्ता द्वारा इन शर्तों की स्वीकृति को अपने अभिलेख में रखना चाहिए। जैसाकि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के विरुद्ध सामान्यतः अधिक ब्याज/दण्ड ब्याज लगाने के संबंध में शिकायतें प्राप्त होती है, अतः लागू गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां ऋण करार पत्र में विलम्ब चुकौती के लिए लगाये जाने वाले ब्याज दण्ड का उल्लेख स्पष्ट अक्षरों में करें। लागू गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा उधारकर्ताओं को मंजूरी पत्र या मंजूर किए गए ऋण की राशि स्थानीय भाषा में अथवा उधारकर्ता द्वारा समझी जाने वाली भाषा में लिखित रूप में या अन्य प्रकार से, ऋण की शर्तों के साथ, जिसमें वार्षिक आधार पर ब्याज की दर तथा उसे लागू करने का तरीका भी दिया हो, सूचित करना चाहिए और उधारकर्ता द्वारा इन शर्तों की स्वीकृति को अपने अभिलेख में रखना चाहिए। जैसाकि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के विरुद्ध सामान्यतः अधिक ब्याज/ दंडात्मक शुल्क लगाने के संबंध में शिकायतें प्राप्त होती है, अतः लागू गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां ऋण करार पत्र में विलम्ब चुकौती के लिए लगाये जाने वाले दंड का उल्लेख स्पष्ट अक्षरों में करें।
  (नया खंड सम्मिलित किया गया)
ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क
उधारकर्ता द्वारा ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का अनुपालन न करने पर कोई दंड, यदि लगाया जाता है, तो उसे 'दंडात्मक शुल्क' के रूप में माना जाएगा, और इसे 'दंडात्मक ब्याज' के रूप में नहीं लगाया जाएगा, जो अग्रिमों पर लगाए गए ब्याज की दर में जोड़ा जाता है। दंडात्मक शुल्कों का कोई पूंजीकरण नहीं किया जाएगा अर्थात ऐसे शुल्कों पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लिया जाएगा। हालाँकि, इससे ऋण खाते में ब्याज चक्रवृद्धि की सामान्य प्रक्रियाएँ प्रभावित नहीं होंगी।

आरई द्वारा ब्याज दर में कोई अतिरिक्त घटक शामिल नहीं किए जाएंगे और इन दिशानिर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

आरई को दंडात्मक शुल्क या ऋण पर समान शुल्क, चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाए, पर बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करनी होगी।

दंडात्मक शुल्क की मात्रा उचित होगी और किसी विशेष ऋण/उत्पाद श्रेणी में भेदभाव किए बिना ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के अनुपालन न करने के अनुरूप होगी।

'व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को, व्यवसाय के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए' स्वीकृत किए गए ऋणों के मामले में दंडात्मक शुल्क, महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के समान गैर-अनुपालन के लिए गैर-व्यक्तिगत उधारकर्ताओं पर लागू दंडात्मक शुल्क से अधिक नहीं होगा।

दंडात्मक शुल्क की मात्रा और कारण आरई द्वारा ग्राहकों को ऋण समझौते और लागू होने वाले सबसे महत्वपूर्ण नियम तथा शर्तों / मुख्य तथ्य विवरण (केएफएस) में स्पष्ट रूप से बताया जाएगा, इसके अलावा आरई की वेबसाइट पर भी ब्याज दरों और सेवा शुल्कों के तहत प्रदर्शित किया जाएगा।

जब भी उधारकर्ताओं को ऋण के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का पालन न करने के लिए अनुस्मारक भेजे जाते हैं, तो लागू दंडात्मक शुल्क के बारे में सूचित किया जाएगा। इसके अलावा, दंडात्मक शुल्क लगाने के किसी भी घटना और उसके कारण को भी सूचित किया जाएगा।

ये अनुदेश 1 जनवरी 2024 से लागू होंगे। आरई द्वारा अपने नीतिगत ढांचे में उचित संशोधन किया जाए और प्रभावी तिथि से प्राप्त/नवीनीकृत किए गए सभी नए ऋणों के संबंध में उक्त अनुदेशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए। मौजूदा ऋणों के मामले में, नई दंडात्मक शुल्क व्यवस्था में स्विचओवर अगली समीक्षा या नवीनीकरण तिथि या इस परिपत्र के प्रभावी होने की तारीख से छह महीने, जो भी पहले हो, पर सुनिश्चित किया जाए।
डी. मास्टर निदेश – गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021 दिनांक 17 फरवरी 2021
74.2 एचएफसी पारदर्शी रूप से उधारकर्ता को ऋण आवेदन को संसाधित करने के लिए देय शुल्क / प्रभार, ऋण राशि स्वीकृत / वितरित नहीं होने पर वापसी योग्य शुल्क की राशि, पूर्व-भुगतान विकल्प और शुल्क, यदि कोई हो, विलंबित पुनर्भुगतान के लिए दंडात्मक ब्याज/जुर्माना, यदि कोई हो, ऋण को स्थिर दरों से फ्लोटिंग दरों पर बदलने के लिए रूपांतरण शुल्क, किसी भी ब्याज रीसेट खंड का होना अथवा कोई अन्य मामला जो उधारकर्ता के हित को प्रभावित करता है के बारे में सभी जानकारी का खुलासा करेंगे। दूसरे शब्दों में, एचएफसी को पारदर्शी तरीके से ऋण आवेदन के प्रसंस्करण/मंजूरी में शामिल सभी शुल्कों सहित 'सभी लागत' का खुलासा करना चाहिए।यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसे प्रभार/ शुल्क भेदभाव रहित हों। एचएफसी पारदर्शी रूप से उधारकर्ता को ऋण आवेदन को संसाधित करने के लिए देय शुल्क / प्रभार, ऋण राशि स्वीकृत / वितरित नहीं होने पर वापसी योग्य शुल्क की राशि, पूर्व-भुगतान विकल्प और शुल्क, यदि कोई हो, देरी से पुनर्भुगतान के लिए दंडात्मक शुल्क, यदि कोई हो, ऋण को स्थिर दरों से फ्लोटिंग दरों पर बदलने के लिए रूपांतरण शुल्क, किसी भी ब्याज रीसेट खंड का होना अथवा कोई अन्य मामला जो उधारकर्ता के हित को प्रभावित करता है के बारे में सभी जानकारी का खुलासा करेंगे। दूसरे शब्दों में, एचएफसी को पारदर्शी तरीके से ऋण आवेदन के प्रसंस्करण/मंजूरी में शामिल सभी शुल्कों सहित 'सभी लागत' का खुलासा करना चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसे प्रभार/ शुल्क भेदभाव रहित हों।
75.2 एचएफसी उधारकर्ता को उधारकर्ता स्वीकृति पत्र या अन्य के माध्यम से वार्षिक ब्याज दर, आवेदन की विधि, ईएमआई संरचना, पूर्व भुगतान प्रभार, दंडात्मक ब्याज (यदि कोई हो) सहित सभी नियमों और शर्तों के बारे में स्थानीय भाषा या किसी ऐसी भाषा जिसे उधारकर्ता समझता है में लिखित रूप में सूचित करेंगी और उधारकर्ता द्वारा इन नियमों और शर्तों की लिखित स्वीकृति को अपने अभिलेख में रखेंगी। एचएफसी उधारकर्ता को स्वीकृति पत्र या अन्य के माध्यम से वार्षिक ब्याज दर, आवेदन की विधि, ईएमआई संरचना, पूर्व भुगतान प्रभार, दंडात्मक शुल्क (यदि कोई हो) सहित सभी नियमों और शर्तों के साथ स्वीकृत ऋण की राशि के बारे में स्थानीय भाषा या ऐसी भाषा जिसे उधारकर्ता समझता है में लिखित रूप में सूचित करेंगी और उधारकर्ता द्वारा इन नियमों और शर्तों की लिखित स्वीकृति को अपने अभिलेख में रखेंगी।
76.2 एचएफसी संवितरण अनुसूची, ब्याज दरों, दंडात्मक ब्याज (यदि कोई हो), सेवा प्रभार, पूर्व भुगतान प्रभार, अन्य लागू शुल्क/प्रभारों आदि सहित निबंधन और शर्तों में किसी भी परिवर्तन के बारे में उधारकर्ता को स्थानीय भाषा या उधारकर्ता द्वारा समझी जाने वाली भाषा में नोटिस देंगे। एचएफसी को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ब्याज दरों और शुल्कों में परिवर्तन केवल भावी प्रभाव से ही किए जाएं। इस संबंध में एक उपयुक्त शर्त ऋण करार में शामिल की जानी चाहिए। एचएफसी संवितरण अनुसूची, ब्याज दरों, दंडात्मक शुल्क (यदि कोई हो), सेवा प्रभार, पूर्व भुगतान प्रभार, अन्य लागू शुल्क/प्रभारों आदि सहित निबंधन और शर्तों में किसी भी परिवर्तन के बारे में उधारकर्ता को स्थानीय भाषा या उधारकर्ता द्वारा समझी जाने वाली भाषा में नोटिस देंगे। एचएफसी को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ब्याज दरों और शुल्कों में परिवर्तन केवल भावी प्रभाव से ही किए जाएं। इस संबंध में एक उपयुक्त शर्त ऋण करार में शामिल की जानी चाहिए।
80.1 प्रत्येक एचएफसी का बोर्ड निधियों की लागत, मार्जिन और जोखिम प्रीमियम जैसे प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखते हुए एक ब्याज दर मॉडल अपनाएगा और ऋण और अग्रिमों के लिए प्रभारित की जाने वाली ब्याज दर का निर्धारण करेगा। ब्याज दर और जोखिम के उन्नयन के दृष्टिकोण और विभिन्न श्रेणी के उधारकर्ताओं के लिए अलग-अलग ब्याज दर वसूलने के औचित्य को आवेदन पत्र में उधारकर्ता या ग्राहक को सूचित किया जाएगा और स्वीकृति पत्र में स्पष्ट रूप से व्यक्त किया जाएगा। एचएफसी के बोर्ड दंडात्मक ब्याज/प्रभारों (यदि कोई हो) के लिए स्पष्ट रूप से नीति भी निर्धारित करेंगे। प्रत्येक एचएफसी का बोर्ड निधियों की लागत, मार्जिन और जोखिम प्रीमियम जैसे प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखते हुए एक ब्याज दर मॉडल अपनाएगा और ऋण और अग्रिमों के लिए प्रभारित की जाने वाली ब्याज दर का निर्धारण करेगा। ब्याज दर और जोखिम के उन्नयन के दृष्टिकोण और उधारकर्ताओं की विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग ब्याज दर वसूलने के औचित्य को आवेदन पत्र में उधारकर्ता या ग्राहक के सामने प्रकट किया जाएगा और स्वीकृति पत्र में स्पष्ट रूप से सूचित किया जाएगा। एचएफसी का बोर्ड दंडात्मक शुल्क (यदि कोई हो) के लिए स्पष्ट रूप से नीति निर्धारित करेंगे।
80.3 ब्याज दर और दंडात्मक ब्याज (यदि कोई हो) वार्षिक दर होनी चाहिए ताकि उधारकर्ता को खाते में प्रभारित की जाने वाली सटीक दरों के बारे में पता हो। ब्याज दर वार्षिक दर होनी चाहिए ताकि उधारकर्ता को खाते में प्रभारित की जाने वाली सटीक दरों के बारे में पता हो।
81 यद्यपि ब्याज दरों को बैंक द्वारा विनियमित नहीं किया जाता है, एक निश्चित स्तर से अधिक ब्याज दरों को अत्यधिक देखा जा सकता है और यह न तो धारणीय हो सकती है और न ही सामान्य वित्तीय अभ्यास के अनुरूप हो सकती है। एचएफसी ब्याज दरों और प्रसंस्करण और अन्य प्रभारों (दंडात्मक ब्याज, यदि कोई हो सहित) के निर्धारण में उचित आंतरिक सिद्धांत और प्रक्रियाएं निर्धारित करेंगे। इस संबंध में ऋणों से संबन्धित शर्तों और नियमों के संबंध में पारदर्शिता के बारे में उचित व्यवहार संहिता के निर्देशों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। एचएफसी को यह भी सलाह दी जाती है कि वे प्रक्रिया और प्रचालनों की निगरानी के लिए एक आंतरिक तंत्र स्थापित करें ताकि उधारकर्ताओं के साथ संचार में पर्याप्त पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। यद्यपि ब्याज दरों को बैंक द्वारा विनियमित नहीं किया जाता है, एक निश्चित स्तर से अधिक ब्याज दरों को अत्यधिक माना जा सकता है और यह न तो धारणीय हो सकती है और न ही सामान्य वित्तीय अभ्यास के अनुरूप हो सकती है। एचएफसी ब्याज दरों और प्रसंस्करण और अन्य प्रभारों (दंडात्मकशुल्क, यदि कोई हो सहित) के निर्धारण में उचित आंतरिक सिद्धांत और प्रक्रियाएं निर्धारित करेंगे। इस संबंध में ऋणों से संबन्धित शर्तों और नियमों के संबंध में पारदर्शिता के बारे में उचित व्यवहार संहिता के निर्देशों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। एचएफसी को यह भी सलाह दी जाती है कि वे प्रक्रिया और प्रचालनों की निगरानी के लिए एक आंतरिक तंत्र स्थापित करें ताकि उधारकर्ताओं के साथ संचार में पर्याप्त पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
  (नया अनुभाग सम्मिलित किया गया)
ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क
उधारकर्ता द्वारा ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का अनुपालन न करने पर कोई दंड, यदि लगाया जाता है, तो उसे 'दंडात्मक शुल्क' के रूप में माना जाएगा, और इसे 'दंडात्मक ब्याज' के रूप में नहीं लगाया जाएगा, जो अग्रिमों पर लगाए गए ब्याज की दर में जोड़ा जाता है। दंडात्मक शुल्कों का कोई पूंजीकरण नहीं किया जाएगा अर्थात ऐसे शुल्कों पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लिया जाएगा। हालाँकि, इससे ऋण खाते में ब्याज चक्रवृद्धि की सामान्य प्रक्रियाएँ प्रभावित नहीं होंगी।

आरई द्वारा ब्याज दर में कोई अतिरिक्त घटक शामिल नहीं किए जाएंगे और इन दिशानिर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

आरई को दंडात्मक शुल्क या ऋण पर समान शुल्क, चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाए, पर बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करनी होगी।

दंडात्मक शुल्क की मात्रा उचित होगी और किसी विशेष ऋण/उत्पाद श्रेणी में भेदभाव किए बिना ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के अनुपालन न करने के अनुरूप होगी।

'व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को, व्यवसाय के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए' स्वीकृत किए गए ऋणों के मामले में दंडात्मक शुल्क, महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के समान गैर-अनुपालन के लिए गैर-व्यक्तिगत उधारकर्ताओं पर लागू दंडात्मक शुल्क से अधिक नहीं होगा।

दंडात्मक शुल्क की मात्रा और कारण आरई द्वारा ग्राहकों को ऋण समझौते और लागू होने वाले सबसे महत्वपूर्ण नियम तथा शर्तों / मुख्य तथ्य विवरण (केएफएस) में स्पष्ट रूप से बताया जाएगा, इसके अलावा आरई की वेबसाइट पर भी ब्याज दरों और सेवा शुल्कों के तहत प्रदर्शित किया जाएगा।

जब भी उधारकर्ताओं को ऋण के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का पालन न करने के लिए अनुस्मारक भेजे जाते हैं, तो लागू दंडात्मक शुल्को के बारे में सूचित किया जाएगा। इसके अलावा, दंडात्मक शुल्क लगाने के किसी भी घटना और उसके कारण को भी सूचित किया जाएगा।

ये अनुदेश 1 जनवरी 2024 से लागू होंगे। आरई द्वारा अपने नीतिगत ढांचे में उचित संशोधन किया जाए और प्रभावी तिथि से प्राप्त/नवीनीकृत किए गए सभी नए ऋणों के संबंध में उक्त अनुदेशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए। मौजूदा ऋणों के मामले में, नई दंडात्मक शुल्क व्यवस्था में स्विचओवर अगली समीक्षा या नवीनीकरण तिथि या इस परिपत्र के प्रभावी होने की तारीख से छह महीने, जो भी पहले हो, पर सुनिश्चित किया जाए।
82.3 एचएफसी अपनी शाखाओं में नोटिस लगाकर; टेलीफोन या हेल्प-लाइन के माध्यम से; कंपनी की वेबसाइट पर; नामित स्टाफ/हेल्प डेस्क के माध्यम से; या सेवा गाइड / टैरिफ अनुसूची प्रदान करते हुए ब्याज दरों, सामान्य शुल्क और प्रभारों (दंडात्मक ब्याज सहित, यदि कोई हो) के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। एचएफसी अपनी शाखाओं में नोटिस लगाकर; टेलीफोन या हेल्प-लाइन के माध्यम से; कंपनी की वेबसाइट पर; नामित स्टाफ/हेल्प डेस्क के माध्यम से; या सेवा गाइड / टैरिफ अनुसूची प्रदान करते हुए ब्याज दरों, सामान्य शुल्क और प्रभारों (दंडात्मक शुल्क सहित, यदि कोई हो) के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।
85.9 एचएफसी के परिचालन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए सेवा शुल्क, ब्याज दरें, दंडात्मक ब्याज (यदि कोई हो), प्रस्तावित सेवाएं, उत्पाद जानकारी, विभिन्न लेनदेनों के लिए समय मानदंड और शिकायत निवारण तंत्र आदि जैसे विभिन्न प्रमुख पहलुओं को प्रदर्शित किया जाना आवश्यक है। एचएफसी को "नोटिस बोर्ड", "बुकलेट/ब्रोशर", "वेबसाइट", "प्रदर्शन के अन्य तरीके" और "अन्य मुद्दों" पर अनुबंध XII के अनुसार निर्देशों का पालन करना होगा। एचएफसी के परिचालन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रमुख पहलुओं जैसे सेवा शुल्क, ब्याज दरें, दंडात्मक शुल्क (यदि कोई हो), प्रस्तावित सेवाएं, उत्पाद जानकारी, विभिन्न लेनदेनों के लिए समय मानदंड और शिकायत निवारण तंत्र आदि जैसे विभिन्न प्रमुख पहलुओं को प्रदर्शित किया जाना आवश्यक है। एचएफसी को "नोटिस बोर्ड", "बुकलेट/ब्रोशर", "वेबसाइट", "प्रदर्शन के अन्य तरीके" और "अन्य मुद्दों" पर अनुबंध XII के अनुसार निर्देशों का पालन करना होगा।
 
II. संबंधित मास्टर परिपत्र के पैराग्राफ के अतिरिक्त अनुदेश
ई. मास्टर परिपत्र - अग्रिमों का प्रबंधन - यूसीबी दिनांक 25 जुलाई 2023
पैरा सं. विद्यमान पैरा अतिरिक्त अनुदेश जो लागू होंगे
    उधारकर्ता द्वारा ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का अनुपालन न करने पर कोई दंड, यदि लगाया जाता है, तो उसे 'दंडात्मक शुल्क' के रूप में माना जाएगा, और इसे 'दंडात्मक ब्याज' के रूप में नहीं लगाया जाएगा, जो अग्रिमों पर लगाए गए ब्याज की दर में जोड़ा जाता है। दंडात्मक शुल्कों का कोई पूंजीकरण नहीं किया जाएगा अर्थात ऐसे शुल्कों पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लिया जाएगा। हालाँकि, इससे ऋण खाते में ब्याज चक्रवृद्धि की सामान्य प्रक्रियाएँ प्रभावित नहीं होंगी।

आरई द्वारा ब्याज दर में कोई अतिरिक्त घटक शामिल नहीं किए जाएंगे और इन दिशानिर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

आरई को दंडात्मक शुल्क या ऋण पर समान शुल्क, चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाए, पर बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करनी होगी।

दंडात्मक शुल्क की मात्रा उचित होगी और किसी विशेष ऋण/उत्पाद श्रेणी के भीतर भेदभाव किए बिना ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के अनुपालन न करने के अनुरूप होगी।

'व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को, व्यवसाय के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए' स्वीकृत किए गए ऋणों के मामले में दंडात्मक शुल्क, महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के समान गैर-अनुपालन के लिए गैर-व्यक्तिगत उधारकर्ताओं पर लागू दंडात्मक शुल्क से अधिक नहीं होगा।

दंडात्मक शुल्क की मात्रा और कारण आरई द्वारा ग्राहकों को ऋण समझौते और लागू होने वाले सबसे महत्वपूर्ण नियम तथा शर्तों / मुख्य तथ्य विवरण (केएफएस) में स्पष्ट रूप से बताया जाएगा, इसके अलावा आरई की वेबसाइट पर भी ब्याज दरों और सेवा शुल्कों के तहत प्रदर्शित किया जाएगा।

जब भी उधारकर्ताओं को ऋण के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का पालन न करने के लिए अनुस्मारक भेजे जाते हैं, तो लागू दंडात्मक शुल्क के बारे में सूचित किया जाएगा। इसके अलावा, दंडात्मक शुल्क लगाने के किसी भी घटना और उसके कारण को भी सूचित किया जाएगा।

ये अनुदेश 1 जनवरी 2024 से लागू होंगे। आरई द्वारा अपने नीतिगत ढांचे में उचित संशोधन किया जाए और प्रभावी तिथि से प्राप्त/नवीनीकृत किए गए सभी नए ऋणों के संबंध में उक्त अनुदेशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए। मौजूदा ऋणों के मामले में, नई दंडात्मक शुल्क व्यवस्था में स्विचओवर अगली समीक्षा या नवीनीकरण तिथि या इस परिपत्र के प्रभावी होने की तारीख से छह महीने, जो भी पहले हो, पर सुनिश्चित किया जाए।
एफ. दिनांक 1 जुलाई 2015 का बैंकों में ग्राहक सेवा - मास्टर परिपत्र
पैरा 6 सेवा शुल्क लगाना उधारकर्ता द्वारा ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का अनुपालन न करने पर कोई दंड, यदि लगाया जाता है, तो उसे 'दंडात्मक शुल्क' के रूप में माना जाएगा, और इसे 'दंडात्मक ब्याज' के रूप में नहीं लगाया जाएगा, जो अग्रिमों पर लगाए गए ब्याज की दर में जोड़ा जाता है। दंडात्मक शुल्कों का कोई पूंजीकरण नहीं किया जाएगा अर्थात ऐसे शुल्कों पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लिया जाएगा। हालाँकि, इससे ऋण खाते में ब्याज चक्रवृद्धि की सामान्य प्रक्रियाएँ प्रभावित नहीं होंगी।

आरई द्वारा ब्याज दर में कोई अतिरिक्त घटक शामिल नहीं किए जाएंगे और इन दिशानिर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

आरई को दंडात्मक शुल्क या ऋण पर समान शुल्क, चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाए, पर बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करनी होगी।

दंडात्मक शुल्क की मात्रा उचित होगी और किसी विशेष ऋण/उत्पाद श्रेणी के भीतर भेदभाव किए बिना ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के अनुपालन न करने के अनुरूप होगी।

'व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को, व्यवसाय के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए' स्वीकृत किए गए ऋणों के मामले में दंडात्मक शुल्क, महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के समान गैर-अनुपालन के लिए गैर-व्यक्तिगत उधारकर्ताओं पर लागू दंडात्मक शुल्क से अधिक नहीं होगा।

दंडात्मक शुल्क की मात्रा और कारण आरई द्वारा ग्राहकों को ऋण समझौते और लागू होने वाले सबसे महत्वपूर्ण नियम तथा शर्तों / मुख्य तथ्य विवरण (केएफएस) में स्पष्ट रूप से बताया जाएगा, इसके अलावा आरई की वेबसाइट पर भी ब्याज दरों और सेवा शुल्कों के तहत प्रदर्शित किया जाएगा।

जब भी उधारकर्ताओं को ऋण के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का पालन न करने के लिए अनुस्मारक भेजे जाते हैं, तो लागू दंडात्मक शुल्क के बारे में सूचित किया जाएगा। इसके अलावा, दंडात्मक शुल्क लगाने के किसी भी घटना और उसके कारण को भी सूचित किया जाएगा।

ये अनुदेश 1 जनवरी 2024 से लागू होंगे। आरई द्वारा अपने नीतिगत ढांचे में उचित संशोधन किया जाए और प्रभावी तिथि से प्राप्त/नवीनीकृत किए गए सभी नए ऋणों के संबंध में उक्त अनुदेशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए। मौजूदा ऋणों के मामले में, नई दंडात्मक शुल्क व्यवस्था में स्विचओवर अगली समीक्षा या नवीनीकरण तिथि या इस परिपत्र के प्रभावी होने की तारीख से छह महीने, जो भी पहले हो, पर सुनिश्चित किया जाए।
 
जी. दिनांक 1 जुलाई 2015 का मास्टर परिपत्र - ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध
पैरा 2.5 ऋणदाताओं के लिए उचित व्यवहार संहिता पर दिशानिर्देश दंडात्मक शुल्क की मात्रा और कारण आरई द्वारा ग्राहकों को ऋण समझौते और लागू होने वाले सबसे महत्वपूर्ण नियम तथा शर्तों / मुख्य तथ्य विवरण (केएफएस) में स्पष्ट रूप से बताया जाएगा, इसके अलावा आरई की वेबसाइट पर भी ब्याज दरों और सेवा शुल्कों के तहत प्रदर्शित किया जाएगा।

जब भी उधारकर्ताओं को ऋण के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का पालन न करने के लिए अनुस्मारक भेजे जाते हैं, लागू दंडात्मक शुल्क के बारे में सूचित किया जाएगा। इसके अलावा, दंडात्मक शुल्क लगाने के किसी भी घटना और उसके कारण को भी सूचित किया जाएगा।

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