आरबीआई/2021-22/120
ए.पी.(डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं.16
नवंबर 08, 2021
प्रति
सभी प्राधिकृत व्यक्ति
महोदया / महोदय
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा ऋण में निवेश – समीक्षा
प्राधिकृत डीलर श्रेणी – I (ए. डी. श्रेणी – I) के बैंकों का ध्यान 17 अक्तूबर 2019 की अधिसूचना सं.फेमा.396/2019-आरबी के माध्यम से अधिसूचित तथा समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण विलेख) विनियमावली, 2019 की अनुसूची-1 और इसके अंतर्गत जारी निदेशों की तरफ आकर्षित किया जाता है।
2. रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निम्नलिखित निदेशों की तरफ भी ध्यान आकर्षित किया जाता है :
क. ए.पी.(डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं. 31 दिनांक 15 जून 2018, समय-समय पर यथासंशोधित, और
ख. ए.पी.(डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं. 34 दिनांक 24 मई 2019, समय-समय पर यथासंशोधित।
3. यूनियन बजट 2021-22 में यह घोषणा की गई थी कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा अवसंरचना निवेश न्यासों (आईएनवीआईटी) और भूसंपदा निवेश न्यासों (आरईआईटी) के ऋण वित्तपोषण को संबंधित कानूनों में समुचित संशोधन करते हुए सक्षम किया जाएगा। तदनुसार यह निर्णय किया गया है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को अवसंरचना निवेश न्यासों और भूसंपदा निवेश न्यासों द्वारा निर्गमित प्रतिभूतियों में निवेश की अनुमति प्रदान की जाए। विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ऋण विलेख) विनियमावली, 2019 में आवश्यक संशोधन (अधिसूचना सं. फेमा. 396/2019-आरबी दिनांक 17 अक्तूबर 2019) 21 अक्तूबर 2021 को अधिसूचित कर दिए गए थे, और इस परिपत्र के साथ संलग्न हैं।
4. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा मध्यम अवधि व्यवस्था (एमटीएफ) या स्वैच्छिक प्रतिधारणा मार्ग (वीआरआर) के तहत अवसंरचना निवेश न्यासों और भूसंपदा निवेश न्यासों द्वारा निर्गमित ऋण प्रतिभूतियों का अधिक्रय किया जा सकता है। ऐसे निवेशों को सीमाओं के भीतर ही रखा जाएगा और इन पर एमटीएफ और वीआरआर के अलग-अलग विनियमों के तहत ऋण प्रतिभूतियों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा निवेश हेतु निबंधन और शर्तें लागू होंगी।
5. ए. डी. श्रेणी – I के बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु को अपने संबंधित ग्राहकों/घटकों के ध्यान में लाएं।
6. इस परिपत्र में निहित निदेशों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है और यदि किसी अन्य कानून के तहत कोई अनुमति/अनुमोदन अपेक्षित हैं तो इनसे उन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
भवदीया
(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक |