भारिबैंक/2012-13/258
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 45
22 अक्तूबर 2012
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक
महोदया/ महोदय,
भारत से बाहर के निवासी व्यक्तियों के लिए सुविधाएं – विदेशी संस्थागत निवेशक
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की [अधिसूचना सं. फेमा 25/आरबी-2000] विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव संविदाएं)) विनियमावली, 2000 और 28 दिसंबर 2010 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 32 की ओर आकृष्ट किया जाता है।
2. मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों के खाते रखने वाले प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों की केवल नामित शाखाओं को विदेशी संस्थागत निवेशकों के मामले में भारत में ईक्विटी और/या कर्ज (debt) में हुए उनके संपूर्ण निवेश के किसी तारीख विशेष को बाजार मूल्य के संबंध में मुद्रा जोखिम को हेज करने के लिए मार्केट मेकर के रूप में कार्य करने के लिए अनुमति दी गयी है।
3. अब यह निर्णय लिया गया है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों को भारत में ईक्विटी और/या कर्ज (debt) में हुए उनके संपूर्ण निवेश के किसी तारीख विशेष को बाजार मूल्य के संबंध में मुद्रा जोखिम को हेज करने के लिए निम्नलिखित शर्तों के तहत किसी भी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक से संपर्क करने की अनुमति दी जाए:
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कवर के लिए पात्रता नामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक द्वारा दिए गए मूल्यांकन प्रमाणपत्र तथा विदेशी संस्थागत निवेशक द्वारा दिए गए इस आशय के घोषणा पत्र कि उसके ग्लोबल बकाया हेजेस तथा सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों के मार्फत रद्द की गयी डेरिवेटिव संविदाएं उसके निवेशों के बाज़ार मूल्य के भीतर है, के आधार पर निर्धारित की जाए ।
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विदेशी संस्थागत निवेशक कस्टोडियन बैंक को एक तिमाही घोषणापत्र भी देंगे कि सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों के पास बुक की गयी डेरिवेटिव संविदाओं की कुल राशि उनके निवेशों के बाज़ार मूल्य के भीतर है।
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नामित प्राधिकृत व्यापारी बैंकों से भिन्न प्राधिकृत व्यापारी बैंकों के पास बुक किए गए हेजेस का निपटान आरटीजीएस/एनईएफटी के जरिये पदनामित बैंक के पास रखे गए विशेष अनिवासी रुपया खाते के माध्यम से किया जाना है।
4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें।
5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं।
भवदीय,
(रुद्र नारायण कर)
मुख्य महाप्रबंधक
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