Click here to Visit the RBI’s new website

बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

प्रेस प्रकाशनी


भारतीय रिजर्व बैंक ने बंधन बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

29 अक्टूबर 2019

भारतीय रिजर्व बैंक ने बंधन बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने 29 अक्टूबर 2019 को एक आदेश द्वारा, बंधन बैंक लिमिटेड (बैंक) पर एक करोड़ रुपये का मौद्रिक दंड लगाया। यह दंड बैंक को बैंकिंग लाइसेंस जारी करते समय बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 22 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिज़र्व बैंक द्वारा लगाई गई शर्तों के साथ पठित दिनांक 22 फरवरी 2013 के “निजी क्षेत्र में नए बैंकों को लाइसेंसिग के लिए दिशानिर्देश” (लाइसेंसिंग दिशानिर्देश) में निहित प्रमोटर होल्डिंग संबंधी दिशानिर्देशों के गैर- अनुपालन के लिए लगाया गया है। यह दंड बैंक द्वारा पूर्वोक्त लाइसेंसिंग दिशानिर्देश और शर्तों का अनुपालन करने में की गई चूक को ध्यान में रखते हुए अधिनियम की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि :

लाइसेंसिंग की शर्तों के साथ पठित पूर्वोक्त लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों के संदर्भ में, बैंक से अपेक्षित था कि बैंक के कारोबार शुरू करने की तारीख से तीन साल के अंदर बैंक अपनी गैर-संचालक वित्तीय होल्डिंग कंपनी की कुल चुकता इक्विटी पूंजी के 40% से अतिरिक्त की शेयरहोल्डिंग को 40% से नीचे लाएं। तथापि बैंक उक्त लाइसेंससिग दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल रहा, बैंक को एक नोटिस(एससीएन) जारी किया गया था जिसमें उससे यह पूछा गया था कि वह कारण बताएं कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उक्त लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों का अनुपालन न करने हेतु उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि बैंक पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी लाइसेंसिंग शर्तों के साथ पठित लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों के गैर-अनुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1051

2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष