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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 – (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – भाग्योदय फ़्रेंड्स अर्बन को- ऑपरेटिव बैंक लि., वरुड, जिला अमरावती, महाराष्ट्र – अवधि का विस्तार

23 अक्टूबर 2019

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 – (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – भाग्योदय फ़्रेंड्स अर्बन को-
ऑपरेटिव बैंक लि., वरुड, जिला अमरावती, महाराष्ट्र – अवधि का विस्तार

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनहित में बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उपधारा (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भाग्योदय फ़्रेंड्स अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., वरुड, जिला अमरावती, महाराष्ट्र को 17 जनवरी 2019 की कारोबार समाप्ति से निदेश जारी किए थे। अब भारतीय रिजर्व बैंक ने इस निदेश की अवधि 18 अक्टूबर 2019 से 17 अप्रैल 2020 तक, छ्ह महीने के लिए बढाई है, जो कि समीक्षाधीन है। ये निदेश जमाराशि की निकासी/स्वीकृति पर कुछ प्रतिबंधों तथा/अथवा सीमा को निर्धारित करते है। बैंक परिसर में निदेश की प्रति आम जनता के अवलोकनार्थ प्रदर्शित की गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन निदेशों में परिशोधन किए जाने पर विचार कर सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि इस बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द किया गया है। बैंक अपने वित्तीय स्थिती में सुधार होने तक प्रतिबंधों के अधीन बैंकिंग कारोबार जारी रखेगा ।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1011

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