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भुगतान और निपटान प्रणाली

अर्थव्‍यवस्‍था की समग्र दक्षता में सुधार करने में भुगतान और निपटान प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अंतर्गत राशि-मुद्रा, चेकों जैसी कागज़ी लिखतों के सुव्‍यवस्थित अंतरण और विभिन्‍न इलेक्‍ट्रॉनिक माध्‍यमों के लिए विभिन्‍न प्रकार की व्‍यवस्‍थाएं हैं।

विहंगावलोकन

किसी भी देश का केंद्रीय बैंक आमतौर पर राष्ट्रीय भुगतान प्रणालियों के विकास में प्रेरक शक्ति होता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भारत के केंद्रीय बैंक के रूप में इस विकासात्मक भूमिका को निभा रहा है और आरबीआई ने देश में सकुशल, सुरक्षित, सुदृढ़, कुशल, सुलभ और अधिकृत भुगतान प्रणालियों के लिए कई पहल की है।

भारत में, भुगतान और निपटान प्रणाली को भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) द्वारा नियंत्रित किया जाता है जिसे दिसंबर 2007 में कानून बनाया गया था। पीएसएस अधिनियम और इसके तहत तैयार किए गए भुगतान और निपटान प्रणाली विनियम, 2008 (पीएसएस विनियम) 12 अगस्त 2008 से प्रभावी हुए। पीएसएस अधिनियम की धारा 4 के अनुसार, आरबीआई के अलावा कोई भी व्यक्ति आरबीआई द्वारा प्राधिकृत किए बिना भारत में भुगतान प्रणाली शुरू या संचालित नहीं कर सकता है ।

भुगतान और निपटान प्रणाली विनियमन और पर्यवेक्षण बोर्ड (बीपीएसएस), आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की एक उप-समिति, आरबीआई में भुगतान प्रणाली पर सर्वोच्च नीति बनाने वाली संस्था है। बीपीएसएस को देश में सभी भुगतान और निपटान प्रणालियों को विनियमित करने और पर्यवेक्षण करने के लिए नीतियों को अधिकृत करने, निर्धारित करने और मानकों को निर्धारित करने का अधिकार है। आरबीआई का भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग (डीपीएसएस) बीपीएसएस के सचिवालय के रूप में कार्य करता है और इसके निर्देशों को निष्पादित करता है।

तब से रिज़र्व बैंक ने विभिन्न प्रकार के भुगतान प्रणाली परिचालकों को प्राधिकृत किया है, जैसे कि वित्तीय बाजार के बुनियादी ढांचे (प्रतिभूतियाँ, त्रिपक्षीय रेपो, विदेशी मुद्रा व्यापार, रुपया / विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव निपटान, आदि को सक्षम करने के लिए), खुदरा भुगतान संगठन (एटीएम स्विच, तेज भुगतान प्रणाली, चेक समाशोधन, स्वचालित समाशोधन, आधार-आधारित भुगतान, टोल संग्रह, आदि को संचालित करने वाले), कार्ड भुगतान नेटवर्क, सीमा-पार इनबाउंड मनी ट्रांसफर संस्थाएं, स्वचालित टेलर मशीन (एटीएम) नेटवर्क, व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर, प्रीपेड भुगतान साधन (पीपीआई) जारीकर्ता, तत्काल धन हस्तांतरण सेवा प्रदाता, ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम (टीआरईडीएस) ऑपरेटर, भारत बिल पेमेंट सेंट्रल यूनिट (बीबीपीसीयू), भारत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग यूनिट्स (बीबीपीओयू), आदि।

पीएसएस अधिनियम के तहत भारत में भुगतान प्रणाली स्थापित करने और संचालित करने के लिए आरबीआई द्वारा अधिकृत भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों (पीएसओ) की सूची यहां उपलब्ध है।

डिजिटल भुगतान

कागज आधारित/नकद भुगतान

अन्य भुगतान प्रणाली/सेवाएं

भुगतान और निपटान प्रणाली विनियमन और पर्यवेक्षण बोर्ड (बीपीएसएस)

भारत में भुगतान प्रणाली विजन

वित्तीय बाजार इंफ्रास्ट्रक्चर्स का विनियमन और पर्यवेक्षण


भुगतान और निपटान प्रणाली की निगरानी

भुगतान और निपटान प्रणाली की निगरानी केंद्रीय बैंक का कार्य है जिसके द्वारा मौजूदा और नियोजित प्रणालियों की निगरानी, के माध्यम से सुरक्षा और दक्षता के उद्देश्यों को बढ़ावा दिया जाता है और इन उद्देश्यों के संबंध में इनका आंकलन किया जाता है और जहां कहीं आवश्यक होता है वहाँ परिवर्तन किया जाता है। भुगतान और निपटान प्रणाली की देखरेख के द्वारा, केंद्रीय बैंक प्रणालीगत स्थिरता बनाए रखने और प्रणालीगत जोखिम को कम करने, और भुगतान और निपटान प्रणाली में जनता के विश्वास को बनाए रखने में मदद करते हैं। भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 और उसके अंतर्गत बनाई गई भुगतान और निपटान प्रणाली विनियमावली, 2008, भारतीय रिजर्व बैंक को आवश्यक सांविधिक समर्थन प्रदान करती है ताकि, यह देश में भुगतान और निपटान प्रणाली के निरीक्षण का कार्य कर सके।

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