फेमा का लक्ष्य विदेशी व्यापार और भुगतान की सुविधा प्रदान करना तथा भारत में विदेशी
मुद्रा बाजारों के व्यवस्थित विकास और उसके अनुरक्षण को बढ़ावा देना है। इस बदलाव पर
जोर डालते हुए रिज़र्व बैंक ने इसी बीच (31 जनवरी 2004 से) विदेशी मुद्रा लेनदेन का
कार्य करने वाले अपने विभाग मुद्रा नियंत्रण विभाग के नाम में संशोधन कर इसे विदेशी
मुद्रा विभाग बना दिया है।