लोक ऋण प्रबंध
केंद्रीय बजट में केंद्र सरकार की वार्षिक उधार आवश्यकता निर्धारित की जाती है।
ब्याज दर, ऋण जुटाने का समय और पद्धति जैसे मानदंड चलनिधि की स्थिति और बाज़ार
सम्भावनाओं से प्रभावित होते हैं। रिज़र्व बैंक की ऋण प्रबंध नीति का लक्ष्य रहता
है उधार की लागत कम-से-कम करना, रोल-ओवर जोखिम कम करना, ऋण की परिपक्वता के स्वरूप
को सरल बनाना और सक्रिय गौण बाज़ार के विकास के जरिये सरकारी प्रतिभूति बाज़ारों
की गहनता और तरलता स्थिति में सुधार लाना।