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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

अधिसूचनाएं


केवाईसी पर मास्टर निदेश (एमडी) में संशोधन

आरबीआई/2023-24/107
विवि.एएमएल.आरईसी.66/14.01.001/2023-24

04 जनवरी, 2024

सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/सीईओ

महोदय/महोदया

केवाईसी पर मास्टर निदेश (एमडी) में संशोधन

कृपया समय-समय पर संशोधित केवाईसी पर 25 फरवरी 2016 के मास्टर निदेश (एमडी) का संदर्भ लें, जिसके अनुसार विनियमित संस्थाओं (आरई) को अपने ग्राहकों के लिए निदेशों में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ग्राहक संबंधी समुचित सावधानी (सीडीडी) करनी होगी।

2. मौजूदा निदेशों में, “पॉलिटिकली एक्सपोज़्ड पर्सन” (पीईपी) की परिभाषा केवाईसी पर एमडी की धारा 3 के खंड (ए) के उप-खंड (xvii) में प्रदान की गई है। बेहतर स्पष्टता प्रदान करने के लिए, पीईपी की परिभाषा को मास्टर निदेश की धारा 41 के स्पष्टीकरण के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया गया है:

"स्पष्टीकरण: इस धारा के प्रयोजन के लिए, "पॉलिटिकली एक्सपोज़्ड पर्सन" (पीईपी) ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें किसी दूसरे देश द्वारा प्रमुख सार्वजनिक कार्यों सौंपे गए है, जिनमें राज्यों/सरकारों के प्रमुख, वरिष्ठ राजनेता, वरिष्ठ सरकारी या न्यायिक या सैन्य अधिकारी, राज्य के स्वामित्व वाले निगमों के वरिष्ठ अधिकारी और महत्वपूर्ण राजनीतिक दल के अधिकारी शामिल हैं।''

3. परिणामस्वरूप, उपरोक्त उद्धृत मास्टर निदेश की धारा 3 के खंड (ए) के उप-खंड (xvii) को हटा दिया गया है। केवाईसी एमडी के प्रासंगिक अनुभागों को ऊपर उल्लिखित परिवर्तनों को दर्शाने के लिए संशोधित किया गया है।

भवदीय

(साईदत्त संग्राम केशरी प्रधान)
महाप्रबंधक

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