आरबीआई/2023-24/104
विवि.एसपीई.आरईसी.63/13.03.00/2023-2024
01 जनवरी 2024
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदया/महोदय
शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए थोक जमा पर अनुदेशों की समीक्षा
कृपया दिनांक 12 मई 2016 के मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (सहकारी बैंक - जमा पर ब्याज दर) दिशानिर्देश, 2016 का पैरा 3 (ए) (i) देखें, जिसके अनुसार "थोक जमाराशि" का अभिप्राय पंद्रह लाख रुपये और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमाराशि है।
2. समीक्षा करने पर, टियर 3 और 4 में अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के लिए थोक जमाराशि सीमा को एक करोड़ रुपये और उससे अधिक तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। तदनुसार, प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के लिए "थोक जमाराशि" का अभिप्राय अब यह होगा:
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संशोधित विनियामक ढांचे के तहत टियर 3 और 4 यूसीबी के रूप में वर्गीकृत अनुसूचित यूसीबी के लिए एक करोड़ रुपये और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमाराशियां।
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अन्य सभी यूसीबी (अर्थात टियर 3 और 4 में अनुसूचित यूसीबी के अलावा) के लिए पंद्रह लाख रुपये और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमाराशियां।
संशोधित मास्टर निदेश के प्रासंगिक अनुभाग अनुबंध में दर्शाए गए हैं।
3. इस संबंध में अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे।
भवदीय
(सुनील टी.एस. नायर)
मुख्य महाप्रबंधक
संलग्नक: यथोक्त
अनुबंध
[01 जनवरी 2024 के परिपत्र विवि.एसपीई.आरईसी.63/13.03.00/2023-2024 का संलग्नक]
दिनांक 12 मई 2016 को जारी मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (सहकारी बैंक – जमाराशियों पर ब्याज दर) निदेश, 2016
मास्टर निदेश में संशोधन |
क्रम सं. |
वर्तमान खंड |
संशोधित खंड |
पैरा 3 (ए) (i) |
परिभाषाएं
(ए) इन निदेशों में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, यहां दिए गए शब्दों का वही अभिप्राय होगा जो उन्हें नीचे दिया गया है:
i) "थोक जमाराशि" का अर्थ है पंद्रह लाख रुपये और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमाराशियां। |
परिभाषाएं
(ए) इन निदेशों में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, यहां दिए गए शब्दों का वही अभिप्राय होगा जो उन्हें नीचे दिया गया है:
i) "थोक जमाराशि" का अर्थ है:
i. संशोधित विनियामक ढांचे के तहत टियर 3 और 4 यूसीबी के रूप में वर्गीकृत अनुसूचित यूसीबी के लिए एक करोड़ रुपये और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमाराशियां।
ii. अन्य सभी सहकारी बैंकों (अर्थात टियर 3 और 4 में अनुसूचित यूसीबी के अलावा) के लिए पंद्रह लाख रुपये और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमाराशियां। |
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