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Date: 14/07/2016
गंदे / विरूपित / अपूर्ण नोटों के लिए विनिमय की सुविधा

भारिबैं/2016-17/15
डीसीएम(नोट विनिमय)सं.120/08.07.18/2016-17

जुलाई 14, 2016

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी
समस्त बैंक

महोदय / महोदया,

गंदे / विरूपित / अपूर्ण नोटों के लिए विनिमय की सुविधा

कृपया उपरोक्त विषय पर भारतीय रिजर्व बैंक (नोट वापसी) नियमावली, 2009 तथा दिनांक 01 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र डीसीएम (एनई) सं.जी-2/08.07.18/2015-16 का संदर्भ लें ।

2. नोट वापसी नियमावली, 2009 के तहत विरूपित / अपूर्ण नोटों की विनिमय सुविधा प्राधिकृत बैंक शाखाओं में उपलब्ध है तथा दिनांक 28 जनवरी, 2013 के परिपत्र डीसीएम (एनई) सं.3498/08.07.18/2012-13 के माध्यम से गैर तिजोरी शाखाओं में भी यह सुविधा बढ़ाई गई थी। इस प्रकार यह सुविधा पूरी बैंकिंग प्रणाली में उपलब्ध है । उसी प्रकार, गंदे नोटों के विनिमय की सुविधा भी सभी बैंक शाखाओं में उपलब्ध है । फीडबैक पर आधारित समीक्षा में, ग्राहक संरक्षण को बढ़ाने तथा ग्राहक सेवा में सुधार लाने के क्रम में इस प्रक्रिया में निम्नलिखित संशोधन करने का निर्णय लिया गया है ।

3.1 गंदे नोटों का विनिमय :

3.1.1 कम संख्या में प्रस्तुत किए गए नोट : जहां किसी व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत किए गए नोटों की संख्या 20 नग तक है और जिसका अधिकतम मूल्य रू. 5000/- प्रतिदिन हो, तो बैंक को उसे काउंटर पर नि:शुल्क बदल कर देना चाहिए ।

3.1.2 अधिक संख्या में प्रस्तुत किए गए नोट : जहां किसी व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत किए गए नोटों की संख्या 20 नग अथवा मूल्य रू 5000 प्रतिदिन से अधिक हो, तो बैंक रसीद देकर, बाद में मूल्य को जमा करने के लिए नोटों को स्वीकार कर सकते हैं । बैंकों में ग्राहक सेवा विषय पर मास्टर परिपत्र (दिनांक 01 जुलाई, 2015 का परिपत्र डीबीआर.सं.एलईजी.बीसी.21/09.07.006/2015-16) के अनुसार स्वीकृत किया गया सेवा प्रभार बैंक वसूल सकते हैं । यदि प्रस्तुत किया गया मूल्य रू. 50000/- से अधिक है तो, बैंकों से सामान्य सावधानियाँ बरतने की अपेक्षा की जाती है ।

3.2 विरूपित तथा अपूर्ण नोटों का विनिमय :

3.2.1 यद्यपि प्राधिकृत शाखाएँ नोट वापसी नियमावली, 2009 के भाग III (www.rbi.org.in > प्रकाशन > सामयिक) में विरूपित तथा अपूर्ण नोटों के विनिमय के लिए दी गई प्रक्रिया को जारी रख सकती हैं तथा अधिनिर्णयन के लिए प्रस्तुत किए गए नोटों के लिए प्राप्ति रसीद जारी करें, गैर-तिजोरी शाखाओं को कम संख्या तथा अधिक संख्या में प्रस्तुत किए गए नोटों के लिए निम्न प्रक्रिया का अनुसरण करने की आवश्यकता है ।

3.2.2 कम संख्या में प्रस्तुत किए गए नोट : जहां प्रस्तुत किए गए नोटों की संख्या 5 नग तक है, गैर-तिजोरी शाखाओं को सामान्यत: इन नोटों का अधिनिर्णयन नोट वापसी नियमावली, 2009 के भाग III में दी गई प्रक्रिया के अनुसार करना चाहिए तथा विनिमय मूल्य का भुगतान काउंटर पर ही करें । यदि गैर-तिजोरी शाखाएँ विरूपित नोटों का अधिनिर्णयन करने में सक्षम नहीं हैं, तो प्राप्ति रसीद देकर नोट प्राप्त किए जा सकते हैं तथा अधिनिर्णयन के लिए सम्बद्ध मुद्रा तिजोरी शाखाओं को भेजा जा सकता है । प्रस्तुतकर्ता को रसीद पर भुगतान की संभावित तारीख के बारे में सूचित करना चाहिए तथा यह 30 दिन से अधिक नहीं होना चाहिए । इलैक्ट्रोनिक माध्यम से विनिमय मूल्य को जमा करने के लिए प्रस्तुतकर्ता से बैंक खाते का विवरण प्राप्त किया जाना चाहिए ।

3.2.3 अधिक संख्या में प्रस्तुत किए गए नोट : जो व्यक्ति 5 नग से अधिक विरूपित तथा अपूर्ण नोट जिंका अधिकतम मूल्य रू 5000 प्रस्तुत करते हैं , उन्हे इस प्रकार के नोटों को बीमाकृत डाक द्वारा अपने बैंक खाते का विवरण (खाता संख्या, शाखा का नाम, आईएफएससी आदि) देते हुए नजदीकी मुद्रा तिजोरी शाखा में भेजने हेतु सूचित करें अथवा व्यक्तिगत रूप से जाकर बदलवा लें। मुद्रा तिजोरी शाखाओं को बीमाकृत डाक द्वारा विरूपित नोट प्राप्त होने पर 30 दिन के भीतर विनिमय मूल्य प्रेषक के खाते में इलैक्ट्रोनिक माध्यम से जमा किया जाना चाहिए । अन्य सभी व्यक्ति जो रू 5000 मूल्य से अधिक के विरूपित नोट प्रस्तूत करते हैं उन्हे निकटतम तिजोरी शाखा जाने के लिए सूचित करें।

4. इस संबंध में बैंकों द्वारा दी गई सेवाओं से असंतुष्ट प्रस्तुतकर्ता बैंक/डाक रसीदों को प्रमाण के रूप में संलग्न कर संबन्धित बैंकिंग लोकपाल से आवश्यक कार्रवाई हेतु संपर्क कर सकते हैं ।

भवदीय

(पी. विजय कुमार)
मुख्य महाप्रबंधक

 
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