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Date: 01/07/2011
मास्टर परिपत्र प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार - अनुसूचित जाति (अजा) और अनुसूचित जनजाति (अजजा) को ऋण सुविधाएँ

भारिबैं / 2011-12 / 86
ग्राआऋवि.जीएसएसडी.बीसी.सं.  3 / 09.09.01/2011-12

01  जुलाई  2011

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक
सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक

महोदय,

मास्टर परिपत्र
प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार - अनुसूचित जाति (अजा) और
अनुसूचित जनजाति (अजजा) को ऋण सुविधाएँ

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को ऋण सुविधाएं देने के संबंध में समय-समय पर अनुदेश/निदेश जारी किये हैं । बैंकों को वर्तमान अनुदेश एक जगह उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी वर्तमान दिशानिर्देशों/अनुदेशों/निदेशों को शामिल करते हुए एक मास्टर परिपत्र तैयार किया है जो संलग्न है ।  इस मास्टर परिपत्र को अद्यतन किया गया है और इसमें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी पहले के सभी अनुदेश समेकित हैं । संबंधित परिपत्रों की सूची अनुबंध III में दी गई है  ।

कृपया प्राप्ति सूचना दें।

भवदीया

( डॉ. दीपाली पन्त जोशी )
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


अनुक्रमणिका

क्रम सं.

ब्योरा

1.

अजा/अजजा को ऋण उपलब्ध कराना

2. अनुबंध I

मार्च/सितंबर के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार की स्थिति के अनुसार अजा/अजजा को स्वीकृत अग्रिम दर्शानेवाले विवरण

3. अनुबंध II

मार्च के अन्तिम रिपोर्टिंग शुक्रवार की स्थिति के अनुसार विभेदक ब्याज दर योजना के अन्तर्गत अजा/अजजा को दिए गए अग्रिमों को दर्शाने वाला विवरण

4. अनुबंध III

मास्टर परिपत्र में समेकित परिपत्रों की सूची

मास्टर परिपत्र

अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति को ऋण सुविधाएं

1. अजा/अजजा को ऋण उपलब्ध कराना

1.1 अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति  के कल्याण पर विशेष जोर दिया गया है । अजा/अजजा को अग्रिम प्रदान करने में वृध्दि के लिए बैंकों को निम्नलिखित उपाय करने चाहिए :

आयोजना प्रक्रिया

क) ब्लाक स्तर पर आयोजना प्रक्रिया में अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति को कुछ अधिक महत्व दिया जाए । तदनुसार ऋण आयोजना में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के पक्ष में अधिक महत्व दिया जाए तथा ऐसी विश्वसनीय विशेष योजनाएँ बनाई जाएँ जिससे इन समुदायों के सदस्य तालमेल बिठा सकें ताकि इन योजनाओं में उनकी भागीदारी तथा स्वरोजगार हेतु उन्हें अधिक ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जा सके । बैंकों के लिए यह आवश्यक है कि वे इन समुदायों के ऋण प्रस्तावों पर अत्यधिक सहानुभूतिपूर्वक और समझबूझ से विचार करें ।

ख) अग्रणी बैंक योजना के अन्तर्गत गठित जिला स्तरीय परामर्शदात्री समितियों को बैंकों और विकास एजेंसियों के बीच समन्वय का प्रधान तंत्र बने रहना चाहिए ।

ग) अग्रणी बैंकों द्वारा तैयार की गई जिला ऋण योजनाएँ विस्तृत होनी चाहिए ताकि उनसे रोजगार और विकास योजनाओं की ऋण के साथ सहलग्नता स्पष्ट हो सके ।

घ) बैंकों को स्वरोजगार सृजन के लिए विभिन्न जिलों में गठित जिला उद्योग केन्द्रों से निकट संपर्क स्थापित करने चाहिए ।

ड.) बैंकों को अपनी ऋण प्रक्रिया और नीतियों की आवधिक समीक्षा करनी चाहिए जिनसे यह देखा जा सके कि ऋण समय पर स्वीकृत किए गए तथा पर्याप्त मात्रा में होने के साथ-साथ उत्पादन उन्मुख हैं । साथ ही, यह समीक्षा भी की जानी चाहिए कि इससे उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्तरोत्तर आय सृजित होती है ।

च) अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति को ऋण आयोजना में अधिक महत्व दिया जाए। इन समुदायों के ऋण प्रस्तावों पर सहानुभूतिपूर्वक तथा अविलम्ब विचार किया जाना चाहिए ।

छ) ऋण देने के गहन कार्यक्रमों के अन्तर्गत गाँवों को "अभिस्वीकृत" करते समय इन समुदायों की अधिक संख्या वाले गाँवों को विशेष रुप से चयनित किया जाना चाहिए ; वैकल्पिक रुप से गाँवों में इन समुदायों की बहुलता वाली बस्तियों को अभिस्वीकृत करने पर भी विचार किया जा सकता  है ।

ज) इन समुदायों के सदस्यों सहित कमजोर वर्गों के लिए उपयुक्त विश्वसनीय योजनाएँ आरम्भ करने के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए ।

बैंकों की भूमिका

झ) बैंक स्टाफ को गरीब उधारकर्ताओं की मदद फार्म भरने तथा अन्य औपचारिकताएँ पूरी करने में करनी चाहिए ताकि वे आवेदनपत्र प्राप्त करने की तारीख से नियत अवधि में ऋण सुविधा प्राप्त कर सकें  ।

ञ)  अजा/अजजा को ऋण सुविधाओं के लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उनमें बैंक द्वारा बनाई गई विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरुकता उत्पन्न करनी चाहिए । चूंकि पात्र उधारकर्ताओं में से अधिकांश अशिक्षित व्यक्ति होंगे, अतः ब्रोशरों और अन्य साहित्य इत्यादि के माध्यम से किया गया प्रचार बहुत उपयोग नहीं होगा ।  यह वांछनीय होगा कि बैंक का "फील्ड स्टाफ" ऐसे उधारकर्ताओं से सम्पर्क करके योजनाओं की विशेषताओं के साथ-साथ उनसे मिलने वाले लाभों के बारे में बताएँ  ।  बैंकों को  चाहिए कि वे केवल अजा/अजजा हिताधिकारियों के लिए बैठकें थोड़े-थोड़े अन्तराल में आयोजित करें ताकि वे उनकी ऋण आवश्यकताओं को समझ सकें और उन्हें  ऋण योजना में सम्मिलित कर सकें ।

ट) जैसीकि अपेक्षा की गई है, बैंकों को आवेदन रजिस्टर जमा रजिस्टर, शिकायत रजिस्टर रखना चाहिए तथा संबंधित दस्तावेजों और पास बुक का अनुरक्षण हिन्दी और अंग्रेजी के अतिरिक्त स्थानीय भाषाओं में भी करना चाहिए  ।

ठ)  भारतीय रिज़र्व बैंक / नाबार्ड द्वारा जारी किए गए परिपत्रों को संबंधित स्टाफ के बीच परिचालित किया जाए ताकि वे अनुदेश नोट करके उचित अनुवर्ती कार्रवाई   करें  ।

ड)  बैंकों को सरकार द्वारा प्रायोजित गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों/स्वरोजगार कार्यक्रमों के अन्तर्गत ऋण आवेदन पत्रों पर विचार करते समय अजा/अजजा के उधारकर्ताओं से जमाराशि की मांग नहीं करना चाहिए  ।  यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बैंक को ऋण घटक जारी करते समय, देय राशि की पूरी चुकौती होने तक, सब्सिडी राशि को रोक कर नहीं रखना चाहिए । सब्सिडी न देने से कम वित्त पोषण होगा जिससे आस्ति सृजन/आय सृजन में बाधा आएगी ।

ढ) कल्याण मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में एक राष्ट्रीय अजा/अजजा वित्त और विकास निगम की स्थापना की गई है । बैंक अपनी शाखाओं / नियंत्रक कार्यालयों को सूचित करें कि वे अपेक्षित लक्ष्य प्राप्ति के लिए संस्था को सभी आवश्यक संस्थागत सहायता प्रदान करें  ।

ण)  अजा/अजजा के शासन द्वारा प्रायोजित संगठनों को सामग्री की खरीद और आपूर्ति के विशिष्ट प्रयोजन के लिए तथा / अथवा हिताधिकारियों यथा कामगारों, इन संगठनों के ग्राम और कुटीर उद्योगों के सामान के विपणन को प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्रों को अग्रिम माना जाए ; बशर्ते कि संबंधित अग्रिम पूर्णतया इन संगठनों के हिताधिकारियों की सामग्री की खरीद तथा आपूर्ति तथा/अथवा उनकी सामग्री के विपणन हेतु दिया गया हो ।

अजा/अजजा विकास निगमों की भूमिका

त) कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने सभी राज्य सरकारों को सूचित किया है कि अनुसूचित जाति विकास निगम विश्वसनीय योजनाओं / प्रस्तावों पर बैंक वित्त के लिए विचार कर सकते हैं । ऋणों के लिए संपार्श्विक प्रतिभूति तथा / अथवा तृतीय पक्ष गारंटी के संबंध में बैंकों को प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्रों को उधार के संबंध में जारी दिशानिर्देश लागू होंगे  ।

आवेदनपत्रों का निरसन

थ) यदि अजा/अजजा के संबंध में आवेदनपत्रों को अस्वीकृत किया जाता है तो यह शाखा स्तर की बजाय अगले उच्चतर स्तर पर किया जाना चाहिए । साथ ही, आवेदन निरस्त करने के कारणों का स्पष्ट उल्लेख किया जाए  ।

केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजनाएं

केन्द्र द्वारा प्रायोजित कई प्रमुख योजनाएँ हैं जिनके अन्तर्गत बैंकों द्वारा ऋण प्रदान किया जाता है तथा सरकारी अभिकरणों के माध्यम से सब्सिडी प्राप्त की जाती है ।

इन योजनाओं के अन्तर्गत ऋण उपलब्ध कराने संबंधी निगरानी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा की जाती है । इनमें से प्रत्येक के अन्तर्गत अजा/अजजा समुदायों के सदस्यों के लिए पर्याप्त आरक्षण / छूट है  ।

केन्द्र द्वारा प्रायोजित प्रमुख योजनाओं के अन्तर्गत
अजा/अजजा हिताधिकारियों के लिए आरक्षण

स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना

द) स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना जो ग्रामीण / अर्धशहरी क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन की एक बड़ी योजना है, के अन्तर्गत सहायता प्राप्त परिवारों में से अजा/अजजा के परिवार 50% से कम नहीं होने चाहिए ।

स्वर्ण जयन्ती शहरी रोजगार योजना

ध) स्वर्ण जयन्ती शहरी रोजगार योजना जो शहरी क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन की एक योजना है, के अन्तर्गत अजा/अजजा को स्थानीय जनसंख्या में उनके प्रतिशत के अनुपात में ऋण देने चाहिए ।

विभेदक ब्याज दर योजना

न) विभेदक ब्याज दर योजना के अंतर्गत बैंक कमज़ोर वर्ग के समुदायों को उत्पादक और लाभकारी कार्यकलापों हेतु 4% के रियायती ब्याज दर पर रु. 15,000/- तक वैयक्तिक ऋण प्रदान कर सकते हैं । यह सुनिश्चित करने के लिए कि अजा/अजजा व्यक्ति भी विभेदक ब्याज दर योजना (डीआरआइ) का पर्याप्त लाभ उठाते हैं, बैंकों को सूचित किया गया है कि अजा/अजजा के पात्र उधारकर्ताओं को स्वीकृत किए जाने वाले अग्रिम कुल डीआरआइ अग्रिमों के 2/5 (40 प्रतिशत) से कम न हो ।

स्वच्छकारों की विमुक्ति और पुनर्वास योजना

प)  राष्ट्रीय स्वच्छकार विमुक्ति और पुनर्वास योजना, स्वच्छकार और उनके आश्रितों को वर्तमान में मैला और गंदगी ढोने के अनुवांशिक और घिनौने काम से मुक्त करने और उन्हें वैकल्पिक प्रतिष्ठित व्यवसाय प्रदान करने के लिए है । योजना में प्रथमतः अनुसूचित जाति समुदाय के सभी स्वच्छकार शामिल हैं । अन्य समुदायों के स्वच्छकार भी सहायता के लिए पात्र हैं । अब इस योजना का नाम मैला ढोने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना (एसआरएमएस) है।

केंद्र द्वारा प्रायोजित मुख्य योजनाओं के अंतर्गत
अजा/अजजा हिताधिकारियों को छूट

फ) एसजीएसवाय योजना के अंतर्गत, अजा/अजजा के हिताधिकारी सामान्य श्रेणी के हिताधिकारियों के मामले में परियोजना लागत के 30%, जिसकी उच्चतम सीमा रु. 7500/- हो, की तुलना में परियोजना लागत के 50% सब्सिडी, जिसकी उच्चतम सीमा रु. 10,000/- हो, के लिए पात्र होंगे ।

ब) विभेदक ब्याज दर योजना के अंतर्गत जोत का आकार सिंचित भूमि का एक एकड़ और असिंचित भूमि का 2.5 एकड़ से अधिक न हो, का पात्रता मानदंड अजा/अजजा पर लागू नहीं है । इसके अतिरिक्त योजना के अन्तर्गत आय मानदंड पूरा करनेवाले अजा/अजजा सदस्य, प्रति हिताधिकारी रु. 20,000/- तक का आवास ऋण भी ले सकते हैं जो योजना के अंतर्गत उपलब्ध रु. 15000/- के वैयक्तिक ऋण के अतिरिक्त होगा (यूनियन बजट 2007-08 की घोषणा के अनुसार) ।

2. निगरानी और समीक्षा

2.1 अजा/अजजा हिताधिकारियों को उपलब्ध कराए गए ऋण पर निगरानी रखने के लिए प्रधान कार्यालय में एक विशेष कक्ष की स्थापना की जाए । भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के अतिरिक्त, कक्ष शाखाओं से संबंधित जानकारी/आंकड़ों का संग्रहण, उनका समेकन और भारतीय रिज़र्व बैंक तथा सरकार को अपेक्षित विवरणियों के प्रस्तुतीकरण के लिए उत्तरदायी होगा ।

2.2 संयोजक बैंक को (राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के) अजा/अजजा के लिए राष्ट्रीय आयोग के प्रतिनिधियों को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठकों में आमंत्रित करना चाहिए । साथ ही, बैंक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठकों में भाग लेने के लिए

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वित्तीय विकास निगम तथा राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वित्तीय और विकास निगम के प्रतिनिधियों को भी बुला सकते हैं ।

2.3 बैंकों के मुख्य कार्यालयों द्वारा शाखाओं से प्राप्त विवरणियां और अन्य आंकड़ों के आधार पर अजा/अजजा को दिये गये उधार की आवधिक समीक्षा की जानी चाहिए| ।

2.4 अजा/अजजा को अधिक ऋण उपलब्ध कराने संबंधी उपायों की तिमाही आधार पर निदेशक बोर्ड द्वारा समीक्षा की जानी चाहिए । समीक्षा नोट में संबंधित तिमाही के दौरान वास्तविक कार्यनिष्पादन दर्शाने के साथ-साथ यह जानकारी भी होनी चाहिए कि विभेदक ब्याज दर, एसजीएसवाय आदि जैसी योजनाओं के विशेष संदर्भ में शाखाओं के कारोबार की संभाव्यता और उसके नेटवर्क के परिप्रेक्ष्य में इस क्षेत्र में कवरेज बढ़ाने के बारे में बैंक के क्या प्रस्ताव है । समीक्षा में राज्य स्तरीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति निगमों के विभिन्न प्रयोजन आधारित दौरों के साथ-साथ प्रधान कार्यालय/नियंत्रक कार्यालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से अथवा प्रत्यक्षतः इन समुदायों को उधार न देने में हुई प्रगति पर विचार किया जाना चाहिए । ऐसे समीक्षा नोटों की प्रतिलिपि रिज़र्व बैंक को भेजी जानी चाहिए ।

3. रिपोर्ट करने के लिए अपेक्षाएँ

यह आवश्यक पाया गया है कि प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्रों और विभेदक ब्याज दर योजना (डीआरआइ) के अंतर्गत अजा/अजजा को दिये गये बैंक अग्रिमों के आंकड़े पृथक रुप से हों । तदनुसार, बैंक प्रत्येक वर्ष मार्च व सितंबर के अंतिम शुक्रवार को अर्ध वार्षिक आधार पर उनके दिये गये ऋण दर्शानेवाला विवरण (अनुबंध I) भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करें । साथ ही, बैंक अन्तिम रिपोर्टिंग शुक्रवार की स्थिति के अनुसार डीआरआइ योजना के अन्तर्गत अजा/अजजा को दिए गए ऋण को दर्शानेवाला विवरण वार्षिक आधार पर रिज़र्व बैंक को भेजें।यह विवरण संबंधित छिमाही के अंतसे दो माह के भीतर रिज़र्व बैंक को मिल जाने चाहिए।


अनुबंध I
(पैरा 3)

मार्च / सितंबर के अन्तिम शुक्रवार तक अनुसूचित जाति/जनजाति
को प्रदान किए गए अग्रिमों को दर्शाने वाला विवरण

(राशि हजार रुपयों में )
( सं : वास्तविक)

 

 

अनुसूचित जाति

अनुसूचित जनजाति

कुल

 

 

खातों की सं.

बकाया शेष

खातों की सं.

बकाया शेष

खातों की सं.

बकाया शेष

 

 

1

2

3

4

5

6

 

प्राथमिकता क्षेत्र को अग्रिम

 

 

 

 

 

 

1.

कृषि
क. प्रत्यक्ष
ख. अप्रत्यक्ष

 

 

 

 

 

 

 

इनमें से 5 एकड़ अथवा कम जोत वाले छोटे/ सीमान्त किसानों अथवा भूमिहीन मजदूरों को अग्रिम

 

 

 

 

 

 

2.

लघु उद्यम (उत्पादक और सेवा उद्यम सहित)
क. प्रत्यक्ष
ख. अप्रत्यक्ष

 

 

 

 

 

 

 

इनमें से
(i)  उत्पादक
(ii)  सेवा उद्यम को अग्रिम
(iii) खादी और ग्राम उद्योग क्षेत्र की इकाइयों को अग्रिम

 

 

 

 

 

 

3.

खुदरा व्यापार

 

 

 

 

 

 

4.

शिक्षा

 

 

 

 

 

 

5.

आवास ऋण

 

 

 

 

 

 

6.

माइक्रो ऋण (कृषि और संबद्ध कार्यकलापों के लिए एसएचजी/जेएलजी को प्रदान किए गए ऋण से इतर)

 

 

 

 

 

 

7.

राज्य द्वारा प्रायोजित अजा/अजजा संगठनों को सामग्री की खरीद और आपूर्ति के संबंध में तथा/ अथवा हिताधिकारियों के उत्पाद के विपणन हेतु (कॉलम 5 और 6 में दर्शाया जाए )

 

 

 

 

 

 

8.

केवल अजा/अजजा सदस्यों वाली भागीदारी फर्मों, एसएचजी/जेएलजी आदि के रूप में गठित अजा/अजजा के सदस्यों को उपर्युक्त प्रयोजनों से इतर प्रयोजनों के लिए ऋण प्रदान करना

 

 

 

 

 

 

 

कुल

 

 

 

 

 

 


अनुबंध 1 (क)

मार्च/सितंबर के अंतिम शुक्रवार तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा प्रस्तुत किया जाना

(राशि हजार रूपयों में)

 

अनुसूचित जनजाति

केवल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए लागू

खातों की सं.

बकाया शेष

अजजा सदस्यों वाले एसएचजी को एनएसटीएफडीसी* माइक्रो-ऋण योजना के अंतर्गत संवितरित ऋण

 

 

*एनएसटीएफडीसी  -  राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्तीय विकास निगम


अनुबंध II

मार्च के अन्तिम शुक्रवार की स्थिति के अनुसार विभेदक ब्याज दर
योजना के अन्तर्गत दिए गए अग्रिम

 

अनुसूचित जाति

अनुसूचित जनजाति

कुल

 

खातों की सं.

बकाया शेष

खातों की सं.

बकाया शेष

खातों की सं.

बकाया शेष

 

1

2

3

4

5

6

1. प्रत्यक्ष रुप से दिए गए अग्रिम

 

 

 

 

 

 

2. निम्नलिखित के माध्यम से

 

 

 

 

 

 

अ) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

 

 

 

 

 

 

ब) राज्य द्वारा प्रायोजित अजा/अजजा निगम

 

 

 

 

 

 

स) सरकार द्वारा कुछ विशिष्ट जनजाति क्षेत्रों में पहचान किए गए को-ऑपरेटिव / बड़े आकार वाली बहु-उद्देशीय समितियां (एलएएमपीएस)

 

 

 

 

 

 

कुल

 

 

 

 

 

 


मास्टर परिपत्र

अनुबंध III

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति को ऋण सुविधाएँ

मास्टर परिपत्र में समेकित परिपत्रों की सूची

सं.

परिपत्र सं.

तारीख

विषय वस्तु

1.

डीबीओडी सं.बीपी.बीसी. 172/ सी.464 (आर) - 78

12.12.78

रोजगार सृजन में बैंकों की भूमिका

2.

डीबीओडी सं.बीपी.बीसी. 8/ सी. 453 (के) जन.

9.01.79

छोटे और सीमान्त किसानों को कृषि ऋण

3.

डीबीओडी सं.बीपी.बीसी.45/ सी.469 (86)-81

14.04.81

अजा/अजजा को ऋण सुविधाएँ

4.

डीबीओडी.सं.बीपी.बीसी.132/सी.594/ 81

22.10.81

अजा के विकास पर कार्यकारी दल की सिफारिशें

5.

ग्राआऋवि.सं.पीएस.बीसी.2/सी.594/82

10.09.82

अजा/अजजा को ऋण सुविधाएँ

6.

ग्राआऋवि.सं.पीएस.बीसी.9/सी.594-82

05.11.82

अजा/अजजा विकास निगमों को रियायती बैंक वित्त

7.

ग्राआऋवि.सं.पीएस.बीसी.4/सी.594/83

22.08.83

अजा/अजजा को ऋण सुविधाएँ

8.

ग्राआऋवि.सं.पीएस.1777/सी.594-83

21.11.83

अजा/अजजा को ऋण सुविधाएँ

9.

ग्राआऋवि.सं.पीएस.1814/सी.594-83

23.11.83

अजा/अजजा को ऋण सुविधाएँ

10.

ग्राआऋवि.सं.पीएस.बीसी.20/सी.568(ए)-84

24.01.84

अजा/अजजा को ऋण सुविधाएँ - ऋण आवेदनपत्रों का निरसन

11.

ग्राआऋवि.सं.सीओएनएफएस/274/पीबी-1-1-84/85

15.04.85

अजा/अजजा को उधार देने में निजी क्षेत्र के बैंकों की भूमिका

12.

ग्राआऋवि.सं.सीओएनएफएस/62/पीबी-1-85/86

24.07.85

अजा/अजजा को उधार देने में निजी क्षेत्र के बैंकों की भूमिका

13.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.22/सी.453(यू)-85

09.10.85

डीआरआइ योजना के अन्तर्गत अजजा को ऋण सुविधाएँ

14.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.376/सी.594-87/88

31.07.87

अजा/अजजा को ऋण सुविधाएँ

15.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.129/सी.594 (स्पे.)88-89

28.06.89

राष्ट्रीय अजा/अजजा वित्त और विकास निगम

16.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.50/सी.594-89/90

25.10.89

अजा विकास निगम - इकाई लागत पर अनुदेश

17.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.107/सी.594-89/90

16.05.90

अजा/अजजा को ऋण सुविधाएँ

18.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.1005/सी.594/90-91

04.12.90

अजा/अजजा को ऋण सुविधाएँ - मूल्यांकन अध्ययन

19.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.93/सी.594. एम.एम.एस.-90/91

13.03.91

अजा विकास निगम - इकाई लागत पर अनुदेश

20.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.122/सी.453 (यू)90/ 91

14.05.91

अजा/अजजा को आवास वित्त-डीआरआइ योजना के अन्तर्गत सम्मिलित करना

21.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.118/सी.453 (यू)-92/93

27.05.93

प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को अग्रिम-आवास वित्त

22.

ग्राआऋवि.सं.एलबीएस.बीसी.86/ 02.01.01/96-97

16.12.96

अजा/अजजा हेतु राष्ट्रीय आयोग को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति में सम्मिलित करना

23.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.124/ 09.09.01/96-97

15.04.97

अजा/अजजा के कल्याण हेतु संसदीय समिति - बैंकों द्वारा अजा/अजजा से जमाराशि की मांग करना

24.

ग्राआऋवि.सं.एसएए.बीसी.67/ 08.01.00/98-99

11.02.99

अजा/अजजा को ऋण सुविधाएँ

25.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.51/09.09.01/2002-03

4.12.02

अजा/अजजा के विकास में वित्तीय संस्थानों की भूमिका पर कार्यशाला

26.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.84/ 09.09.01/2002-03

9.4.03

मास्टर परिपत्र में आशोधन

27.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.100/ 09.09.01/2002-03

4.6.03

रिपोर्टिंग प्रणाली में परिवर्तन

28.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.102/ 09.09.01/2002-03

23.6.03

अजा/अजजा को ऋण उपलब्ध कराने की समीक्षा हेतु नमूना अध्ययन

29.

ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी. 49/ 09.09.01/ 2007-08

19.02.08

अजा/अजजा को ऋण सुविधाएं - संशोधित अनुबंध

 
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