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Date: 01/07/2011
मास्टर परिपत्र-संबद्ध कार्यकलाप (allied activities)-बीमा कारोबार में प्रवेश, क्रेडिट कार्ड जारी करना तथा कतिपय उत्पादों की मार्केटिंग एवं वितरण

भारिबैं /2011-12/27
गैबैंपवि(नीति प्रभा.)कंपरि.सं.233/03.10.001/2011-12

1 जुलाई 2011

सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफसीज)

प्रिय महोदय,

मास्टर परिपत्र-संबद्ध कार्यकलाप (allied activities)-बीमा कारोबार में प्रवेश,
क्रेडिट कार्ड जारी करना तथा कतिपय उत्पादों की मार्केटिंग एवं वितरण

सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने उल्लिखित विषय पर 30 जून 2011 तक जारी सभी अनुदेशों को समेकित किया है। यह नोट किया जाए कि परिशिष्ट में सूचीबद्ध अधिसूचनाओं में अंतर्विष्ट सभी अनुदेश, जहाँ तक वे इस विषय से संबंधित हैं, मास्टर परिपत्र में समेकित एवं अद्यतन कर दिये गये हैं। मास्टर परिपत्र बैंक की वेब साइट (http://www.rbi.org.in). पर भी उपलब्ध है।

भवदीया,

(उमा सुब्रमणियम)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


बीमा कारोबार में प्रवेश

गवर्नर महोदय द्वारा वर्ष 2000-2001 के लिए 27 अप्रैल 2000 को घोषित मौद्रिक एवं ऋण नीति के वक्तव्य में, अन्य बातों के साथ-साथ, यह उल्लेख किया था कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा बीमा कारोबार में प्रवेश करने के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। तदनुसार, बाजार सहभागियों के दृष्टिकोणों/सुझावों/टिप्पणियों पर विचार करते हुए बैंक ने 9 जून 2000 को दिशानिर्देशों के अंतिम रूप को जारी किया था, जिन्हें नीचे दिया जा रहा है। इच्छुक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को सूचित किया जाता है कि वे अपने सांविधिक लेखापरीक्षक से विधिवत प्रमाणित कराए हुए आवश्यक ब्योरों के साथ अपना आवदेन पत्र गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग के उस क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत करें जिसके अधिकार-क्षेत्र में कंपनी का पंजीकृत कार्यालय आता है।

(क) भारतीय रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ शुल्क आधारित एवं जोखिम रहित बीमा कारोबार करने की एजेंसी का कारोबार, रिज़र्व बैंक की अनुमति के बिना, कतिपय शर्तों के साथ कर सकती हैं;

(ख) भारतीय रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत, पात्रता मानदण्ड पूरे करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ जोखिम सहित बीमा कारोबार करने के लिए ज्वाइंट वेंचर कंपनी स्थापित कर सकती हैं बशर्ते सुरक्षा उपायों के तहत ऐसा किया जाए। ऐसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी सामान्यत: बीमा कंपनी की प्रदत्त पूंजी के अधिकतम 50% तक ज्वाइंट वेंचर कंपनी की ईक्विटी को ले (होल्ड) सकती है। भारतीय रिज़र्व बैंक, चयनित आधार पर, प्रारंभ में किसी प्रवर्तक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी को, ईक्विटी में अंशदान विनिर्दिष्ट अवधि में पूरा होने तक की अवधि के लिए, उच्च अंशदान की अनुमति दे सकता है। 1यह स्पष्ट किया जाता है कि एक ही समूह की गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी की एक से अधिक कंपनी (वित्तीय गतिविधि करती हो या नहीं) यदि बीमा कंपनी में हिस्सेदारी (स्टेक ) लेना चाहती है तो एक ही समूह की सभी कंपनियों के योगदान को गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के लिए बीमा संयुक्त उपक्रम में 50 प्रतिशत की निर्धारित सीमा हेतु गिना जाएगा.

प्रारंभ में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा चुनिंदा आधार पर, निर्धारित समयावधि के अंदर लंबित विनिवेश इक्विटी के लिए प्रमोटर गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा उच्च  इक्विटी योगदान की अनुमति दी जा सकती है.

(ग) भारतीय रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ जो ज्वाइंटवेंचर में सहभागिता के पात्रता मानदण्ड पूरे नहीं करती हैं, अपनी स्वाधिकृत निधियों के 10% तक या रु. 50 करोड़, जो भी कम हो, बीमा कंपनी में निवेश कर सकती हैं बशर्ते ऐसे निवेश की वे पात्रता रखती हों।

2. किसी भी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी को ऐसा कारोबार विभागीय तौर पर करने की अनुमति नहीं होगी। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी की सहायक या उसी ग्रुप की कंपनी या किसी अन्य गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी जो गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के कारोबार में लगी है या बैंकिंग कारोबार में लगी है को समान्यत: जोखिम सहभागिता के आधार पर बीमा कंपनी के साथ जुड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

भारतीय रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ जो निवेशक के रूप में या जोखम सहभागिता के आधार पर बीमा कारोबार में प्रवेश करती हैं, उन्हें एतदर्थ भारजीय रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमति लेनी होगी। सभी संबंधित पहलुओं को दृष्टिगत रखते हुए बैंक मामले -दर- मामले के आधार पर अनुमति देगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि बीमा कारोबार में शामिल जोखिम गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के कारोबार में अंतरित न हो जाए तथा बीमा कारोबार से उत्पन्न जोखिम गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के कारोबार को प्रदूषित न कर दे।

2एकही समूह की कंपनी" का अर्थ ऎसी व्यवस्था जिसमें दो या दो से अधिक संस्थान का निम्नलिखित संबंधो में से किसी के द्वारा एक दुसरे से जुडा रहना. सहायक कंपनी- मूल कंपनी (एएस 21 के प्रावधानों के तहत परिभाषित), संयुक्त उपक्रम (एएस 27 के प्रावधानों के तहत परिभाषित) , सम्बद्ध (एएस 23 के प्रावधानों के तहत परिभाषित), प्रोमोटर - प्रोमोटी (सेबी विनियमन,1997 ( शेयरो का अधिग्रहण तथा टेकओवर) के आधार पर) , लिस्टेड कंपनी के लिए, संबंधित पार्टी (एएस18 के प्रावधानों के तहत परिभाषित) , समान ब्रांड वाले नाम तथा  ईक्विटी में 20% तथा अधिक का निवेश.

[30 जून 2000 के परिपत्र सं. गैबैंपवि.(नीति प्रभा.)कंपरि. सं. 13/02.01/99-2000, 1 जनवरी 2002 के परिपत्र सं. गैबैंपवि.(नीति प्रभा.)कंपरि. सं. 18/02.01/2001-02 के साथ पठित 10 फरवरी 2004 के परिपत्र सं. गैबैंपवि.(नीति प्रभा.)कंपरि. सं. 35/10.24/2003-04 में ब्योरे दिए गए हैं]

क्रेडिट कार्ड जारी करना

3. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को रिज़र्व बैक की पूर्वानुमति के बिना क्रेडिट कार्ड कारोबार करने की अनुमति नहीं है। क्रेडिट कार्ड कारोबार के संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि जमाराशियाँ न स्वीकारने वाली कंपनियों सहित कोई भी कंपनी जो यह कारोबार करने की इच्छुक हो उसके लिए यह अपेक्षित है कि उसके पास पंजीकरण प्रमाणपत्र हो, विशेष रूप से इस कारोबार में प्रवेश की अनुमति के अलावा पूर्व शर्त के तहत न्यूनतम निवल स्वाधिकृत निधियाँ 100 करोड़ रुपए हों तथा इस संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर लगायी गयी शर्ते भी पूरी करती हो। 21 फरवरी 2005 को स्पष्ट रूप से सूचित किया गया था कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को डेबिट कार्ड, स्मार्ट कार्ड, स्टोर वैल्यू कार्ड, चार्ज कार्ड, आदि जारी करने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को रिज़र्व बैंक द्वारा वाणिज्य बैंकों को 21 नवंबर 2005 के परिपत्र सं. बैंपविवि.एफएसडी.बीसी. 49/24.01.011/2005-06 में जारी अनुदेशों का भी पालन करना है।

[7 जुलाई 2004 के परिपत्र सं. गैबैंपवि.(नीति प्रभा.) कंपरि. सं. 41/10.27/2004-05, 21 नवंबर 2005 के परिपत्र सं. बैंपविवि.एफएसडी.बीसी. 49/24.01.011/2005-06 में ब्योरे दिए गए हैं]

को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करना

4. यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को, चयनित आधार, पर अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के साथ, बिना जोखिम की हिस्सेदारी के, को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति से प्रारंभ में दो वर्षों के लिए एवं तदुपरांत समीक्षा के अधीन जारी करने की अनुमति दी जाए। न्यूनतम पात्रता अपेक्षाओं को पूरी करने वाली तथा कतितपय विनिर्धारणों का पालन करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ एतदर्थ आवदन करने की पात्र हैं।

[4 दिसंबर 2006 के परिपत्र सं. गैबैंपवि.(नीति प्रभा.) कंपरि. सं. 83/03.10.27/2006-07 में ब्योरे दिए गए हैं]

गैर बैंकिं वित्तीय कंपनियों द्वारा पारस्परिक निधियों (मुचुअल फंडों) का वितरण

5. इसके अलावा यह निर्णय लिया गया है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को, चयनित आधार पर, मुचुअल फंडों के एजेंट के रूप में मुचुअल फंड उत्पादों को बेचने और उन्हें वितरित करने की अनुमति प्रारंभ में दो वर्षों की अवधि के लिए और तदुपरांत उसकी समीक्षा के अधीन दी जाए। कतिपय न्यूनतम पात्रता अपेक्षाओं को पूरी करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ एतदर्थ आवेदन करने की पात्र हैं। किसी अवांछित/दूषित कार्य/परिचालन की जानकारी रिज़र्व बैंक को मिलने पर, 3 माह की नोटिस देकर अनुमति वापस ली जा सकेगी।

[4 दिसंबर 2006 के परिपत्र सं.गैबैंपवि.(नीति प्रभा.)कंपरि.सं.84/03.10.27/2006-07 में ब्योरे दिए गए हैं]


परिशिष्ट

क्र.

परिपत्र सं.

दिनांक

1. 

गैबैंपवि.(नीति प्रभा.)कंपरि. सं. 13/02.01/99-2000

30 जून 2000

2. 

गैबैंपवि.(नीति प्रभा.)कंपरि. सं. 18/02.01/2001-02

1 जनवरी 2002

3. 

गैबैंपवि.(नीति प्रभा.)कंपरि. सं. 35/10.24/2003-04

10 फरवरी 2004

4. 

गैबैंपवि.(नीति प्रभा.) कंपरि. सं. 41/10.27/2004-05

7 जुलाई 2004

5. 

गैबैंपवि.(नीति प्रभा.) कंपरि. सं. 83/03.10.27/2006-07

4 दिसंबर 2006

6. 

गैबैंपवि.(नीति प्रभा.)कंपरि. सं. 84/03.10.27/2006-07

4 दिसंबर 2006

7. 

गैबैंपवि.(नीति प्रभा.)कंपरि. सं. 221/03.02.002/2010-11

27 मई 2011


127 मई 2011 की अधिसूचना सं:डीएनबीएस.पीडी.सीसी 221.221/03.02.002/2010-11 द्वारा जोडा गया

2 27 मई 2011 की अधिसूचना सं:डीएनबीएस.पीडी.सीसी 221.221/03.02.002/2010-11

 
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