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Date: 06/05/2019
प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार – लक्ष्‍य और वर्गीकरण

भारिबैं/2018-19/179
विसविवि.केंका.प्लान.बीसी.18/04.09.01/2018-19

06 मई 2019

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सभी लघु वित्त बैंक

महोदय / महोदया,

प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार – लक्ष्‍य और वर्गीकरण

कृपया दिनांक 04 अप्रैल 2019 के पहले द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2019-20 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के पैरा 10 तथा दिनांक 07 जुलाई 2016 के मास्टर निदेश - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी)- प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार – लक्ष्‍य और वर्गीकरण के पैरा 9 और लघु वित्‍त बैंकों (एसएफबी) के लिए प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार – लक्ष्‍य और वर्गीकरण पर दिनांक 06 जुलाई 2017 को जारी संग्रह के पैरा 5 का संदर्भ ग्रहण करें जिसमें प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत वर्गीकरण के लिए आवास ऋण की पात्रता मानदंड वर्णित की गई है।

2. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए उक्त मास्टर निदेश के अनुसार, प्रति परिवार निवासी यूनिट की खरीद / निर्माण के लिए व्‍यक्तियों को 20 लाख तक के ऋण बशर्ते निवासी यूनिट की समग्र सीमा 25 लाख से अधिक न हो, प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत वर्गीकरण के लिए पात्र हैं। लघु वित्‍त बैंकों के लिए जारी संग्रह के अनुसार, प्रति व्‍यक्तियों को महानगरीय केंद्रों (दस लाख और उससे अधिक की आबादी वाले) में 28 लाख तक के ऋण और अन्‍य केंद्रों में 20 लाख तक के ऋण बशर्ते निवासी यूनिट की समग्र सीमा महानगरीय केंद्रों और अन्‍य केंद्रों में क्रमश: 35 लाख और 25 लाख से अधिक न हो, प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत वर्गीकरण के लिए पात्र हैं।

3. अन्य अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के अनुरूप आरआरबी और एसएफबी भी व्यवसाय कर सके, इस हेतु अब यह निर्णय लिया गया है कि प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार के तहत पात्र होने के लिए आवास ऋण की सीमा को बढ़ाया जाए। तदनुसार, आरआरबी और एसएफबी के संबंध में, प्रति व्‍यक्तियों को महानगरीय केंद्रों (दस लाख और उससे अधिक की आबादी वाले) में 35 लाख तक के ऋण और अन्‍य केंद्रों में 25 लाख तक के ऋण बशर्ते निवासी यूनिट की समग्र सीमा महानगरीय केंद्रों और अन्‍य केंद्रों में क्रमश: 45 लाख और 30 लाख से अधिक न हो, क्रमशः प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार के अंतर्गत वर्गीकरण के लिए पात्र होंगे।

4. इसके अतिरिक्त, आरआरबी के लिए जारी उक्त मास्टर निदेश के पैरा 9.4 तथा एसएफबी के लिए जारी संग्रह के पैरा 5.4 में निर्धारित किए गए अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस) और निम्न आय समूह (एलआईजी) के लोगों के लिए केवल मकान बनवाने के प्रयोजन संबंधी आवास परियोजनाओं के संबंध में ऋण के लिए पात्र होने हेतु वार्षिक 2 लाख की मौजूदा पारिवारिक आय सीमा को प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत निर्दिष्ट आय मानदंडों के साथ संरेखित करते हुए उसे ईडब्लूएस के लिए 3 लाख प्रति वर्ष और एलआईजी के लिए 6 लाख प्रति वर्ष के रूप में संशोधित किया गया है।

5. तदनुसार, आरआरबी / एसएफबी को इस परिपत्र की तारीख से प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार के तहत वर्गीकरण के लिए संशोधित मानदंडों को पूरा करने वाले आवास ऋण के अपने बकाया पोर्टफोलियो को पुनः गणना करने की अनुमति है।

6. मास्टर निदेश/ संग्रह के तहत निर्दिष्ट सभी अन्य नियम एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी।

भवदीय,

(गौतम प्रसाद बोरा)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

 
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