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Date: 09/09/2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, बिदर, कर्नाटक पर मौद्रिक दंड
लगाया

9 सितंबर 2025

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, बिदर, कर्नाटक पर मौद्रिक दंड
लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 3 सितंबर 2025 के आदेश द्वारा दि डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, बिदर, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 और 31 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 5.50 लाख (पाँच लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। सांविधिक प्रावधानों के उल्लंघन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त प्रावधानों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक ने:

  1. निदेशक संबंधी ऋण स्वीकृत किए; और

  2. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपने खातों और तुलन-पत्र को प्रकाशित करने और निर्धारित समय-सीमा के भीतर आरबीआई/नाबार्ड को उनकी प्रतियां प्रस्तुत करने में विफल रहा।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1059

 
   भारतीय रिज़र्व बैंक सर्वाधिकार सुरक्षित

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