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Date: 16/12/2016
31 मार्च, 2017 तक विशेष उपाय: तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस), एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) और अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सेवा डेटा (यूएसएसडी) के लिए ग्राहक प्रभारों का यौक्तिकीकरण

आरबीआई/2016-17/185
डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.1516/02.12.004/2016-17

16 दिसंबर 2016

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) के सभी प्रतिभागी,
एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) और
अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सेवा डेटा (यूएसएसडी) आधारित *99# सिस्टम्स

महोदया / महोदय,

31 मार्च, 2017 तक विशेष उपाय: तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस), एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) और अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सेवा डेटा (यूएसएसडी) के लिए ग्राहक प्रभारों का यौक्तिकीकरण

दिनांक 08 नवंबर 2016 के परिपत्र सं.डीसीएम (पीएलजी) सं.1226/10.27.00/2016-17 के अंतर्गत 500 और 1000 मूल्यवर्ग के मौजूदा बैंक नोटों (विनिर्दिष्ट बैंक नोट-एसबीएन) की विधि मान्य मुद्रा होने की मान्यता समाप्त किए जाने के अनुसरण में सरकार विभिन्न हितधारकों के परामर्श से समाज के एक बड़े वर्ग द्वारा डिजिटल भुगतान को अपनाए जाने को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के लिए कई उपाय कर रही है। एक अस्थायी उपाय के रूप में, अब यह निर्णय लिया गया है कि भाग लेने वाले सभी बैंक और प्रीपेड भुगतान लिखत (पीपीआई) जारीकर्ता तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस), यूएसएसडी आधारित *99# और एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) सिस्टम्स में निपटाए गए 1000 तक के लेनदेनों के लिए ग्राहकों से कोई भी प्रभार वसूल नहीं करेंगे।

2. उपर्युक्त उपाय 1 जनवरी, 2017 से प्रभावी होंगे और 31 मार्च, 2017 तक लागू रहेंगे। इस दौरान भारतीय रिजर्व बैंक संबन्धित हितधारकों द्वारा उक्त चैनलों के अंतर्गत प्रभारों की समीक्षा कराएगा।

3. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के तहत जारी किया गया है।

भवदीया

(नंदा एस. दवे)
मुख्य महाप्रबंधक

 
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