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Date: 13/02/2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सुलैमानि को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वडोदरा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया

13 फरवरी 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सुलैमानि को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वडोदरा, गुजरात
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 10 फरवरी 2025 के आदेश द्वारा सुलैमानि को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वडोदरा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखने’ और ‘जमाराशियों पर ब्याज दर’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए 2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:

बैंक ने:

  1. विवेकपूर्ण अंतर-बैंक (सकल) एक्सपोज़र सीमा का पालन करने में विफल रहा;

  2. न्यूनतम अवधि के लिए मियादी जमा प्रदान किया, जो निर्धारित अवधि के अनुसार नहीं थी; और

  3. अपात्र संस्थाओं के नाम पर कुछ बचत जमा खाते खोले।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/2147

 
   भारतीय रिज़र्व बैंक सर्वाधिकार सुरक्षित

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