Download
the hindi
font
 
   हमारा परिचय     उपयोग सूचना     अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न     वित्तीय शिक्षण     शिकायतें   अन्य संपर्क     अतिरिक्त विषय 
Home >> PressReleases - Display
Date: 31/08/2020
रिज़र्व बैंक ने बाजार की स्थितियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की

31 अगस्त 2020

रिज़र्व बैंक ने बाजार की स्थितियों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की

25 अगस्त 2020 को विशेष खुले बाजार परिचालन की घोषणा करते हुए, रिज़र्व बैंक ने कहा कि वह उभरती तरलता और बाजार की स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा और वित्तीय बाजारों के क्रमबद्ध कार्यकलाप को सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय करेगा।

2. हाल ही में, वैश्विक स्तर पर हुई घटनाओं के कारण विदेश में प्रतिफल स्थिर होने के बीच मुद्रास्फीति की संभावनाओं और राजकोषीय स्थिति से संबंधित चिंताओं के कारण बाजार की भावना प्रभावित हुई है।

3. मुद्रास्फीति के लिए संभावनाओं पर, 6 अगस्त 2020 को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के संकल्प ने मुद्रास्फीति के दबाव के स्रोतों की पहचान की और अपेक्षा की कि हालांकि हेडलाइन मुद्रास्फीति की दर क्यू2: 2020-21 में बढ़ सकती है, यह एच2: 2020-21 में मध्यम होगी। तदनुसार, एमपीसी ने अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार का समर्थन करने के लिए रुकने का और उपलब्ध समय को विवेकपूर्ण रूप से उपयोग करने का निर्णय लिया। ऐसे संकेत हैं कि खाद्य और ईंधन की कीमतें स्थिर हो रही हैं और लागत-प्रेरित कारक मध्यम हो रहे हैं। इसके अलावा, रुपये की हालिया अधिमूल्यन, आयातित मुद्रास्फीति दबावों को नियंत्रित करने की दिशा में काम कर रही है। रिज़र्व बैंक इन घटनाक्रमों के बारे में सतर्क रहता है। मौद्रिक नीति के निभावकारी रुख के समर्थन में, रिज़र्व बैंक अर्थव्यवस्था में पर्याप्त तरलता और वित्तपोषण की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

4. 2020-21 के लिए एक संवर्धित बाजार उधार कार्यक्रम के बावजूद, रिज़र्व बैंक ने केंद्र और राज्यों के एच1: 2020-21 में निर्धारित उधारों का 90 प्रतिशत से अधिक पूरा करते हुए, निर्बाध रूप से वर्ष की पहली छमाही के लिए उधार कैलेंडर का प्रबंधन किया है। रिज़र्व बैंक ने आश्वासन दिया है कि वर्ष 2020-21 के लिए केंद्र और राज्यों का उधार कार्यक्रम बिना कोई बाधा के पूरा किया जाएगा।

5. बाजार की सुव्यवस्थित स्थितियों और अनुकूल वित्तीय स्थितियों को सुनिश्चित करते रहने के लिए, निम्नलिखित उपायों की घोषणा की जा रही है:

  1. रिज़र्व बैंक अतिरिक्त विशेष खुले बाज़ार परिचालन का आयोजन करेगा, जिसमें सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री 10,000 करोड़ के दो ट्रांच में कुल मिलाकर 20,000 करोड़ रुपये की होगी। नीलामी 10 सितंबर 2020 और 17 सितंबर 2020 को आयोजित की जाएगी। रिज़र्व बैंक बाजार की स्थितियों से अनुबद्ध इस प्रकार के परिचालन आगे आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

  2. रिज़र्व बैंक सितंबर के मध्य में अस्थिर दरों पर (अर्थात, प्रचलित रेपो दर पर) 100,000 करोड़ की कुल राशि के लिए मीयादी रेपो परिचालन का आयोजन करेगा, ताकि अग्रिम कर बहिर्वाह के कारण बाजार पर बढ़ते दबाव को कम किया जा सके। धन की लागत को कम करने के लिए, जिन बैंकों ने दीर्घावधि रेपो परिचालन (एलटीआरओ) के तहत निधि का उपभोग किया हो, वे परिपक्वता से पहले इन लेनदेन को रिवर्स करने का विकल्प चुन सकते हैं। इस प्रकार, बैंक उस समय प्रचलित रेपो दर (5.15 प्रतिशत) पर ली गई निधि लौटाकर अपनी ब्याज देयता को कम कर सकते हैं और 4 प्रतिशत की मौजूदा रेपो दर पर निधि प्राप्त कर सकते हैं। विवरण अलग से अधिसूचित किया जा रहा है।

  3. वर्तमान में, बैंकों को एसएलआर प्रतिभूतियों में अपनी निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) का 18 प्रतिशत बनाए रखने की आवश्यकता होती है। एचटीएम श्रेणी में धारित किए जाने वाले निवेश की मौजूदा सीमा कुल निवेश का 25 प्रतिशत है। बैंकों को इस सीमा को पार करने की अनुमति दी जाती है बशर्ते कि एनडीटीएल की 19.5 प्रतिशत की कुल सीमा के भीतर एसएलआर प्रतिभूतियों में अतिरिक्त निवेश किया गया हो। प्रमुख बैंकों द्वारा एचटीएम श्रेणी में रखी गई एसएलआर प्रतिभूतियाँ वर्तमान में एनडीटीएल के लगभग 17.3 प्रतिशत हैं। हालांकि, एनडीटीएल सीमा के 19.5 प्रतिशत के करीब कुछ बैंकों के साथ अंतर-बैंक भिन्नताएं हैं। तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों को 1 सितंबर 2020 से एचटीएम के अंतर्गत अधिग्रहीत एसएलआर प्रतिभूतियों के नए अधिग्रहण के लिए 31 मार्च 2021 तक एनडीटीएल की 22 प्रतिशत की समग्र सीमा तक अनुमति दी जाएगी, जिसकी बाद में समीक्षा की जाएगी। विवरण अलग से अधिसूचित किया जा रहा है।

  4. रिज़र्व बैंक विभिन्न प्रकार के लिखतों के माध्यम से आवश्यक रूप से बाजार परिचालन करने के लिए तैयार है ताकि सुव्यवस्थित बाजार कार्यकलाप सुनिश्चित किया जा सके।

6. रिज़र्व बैंक अनुकूल वित्तीय स्थिति को बनाए रखते हुए अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने, कोविड-19 के प्रभाव को कम करने और व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखते हुए सतत विकास के पथ पर पुनर्स्थापित करने के लिए अपने नियंत्रण वाले सभी लिखतों का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2020-2021/263

 
   भारतीय रिज़र्व बैंक सर्वाधिकार सुरक्षित

इंटरनेट एक्सप्लोरर 5 और उससे अधिक के 1024 X 768 रिजोल्यूशन में अच्छी प्रकार देखा जा सकता है।