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Date: 16/08/2016
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि आर. एस. को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर निदेश जारी किए- जमाराशि भुगतान करने के संबंध में छूट

16 अगस्‍त 2016

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि आर. एस. को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
पर निदेश जारी किए- जमाराशि भुगतान करने के संबंध में छूट

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अधिसूचित किया है कि दि आर. एस. को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुम्बई, महाराष्ट्र को दिनांक 24 जून 2015 के निदेश के माध्‍यम से छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए गए थे। इन निदेशों की वैधता क्रमश: दिनांक 21 दिसंबर 2015 तथा दिनांक 22 जून 2016 के निदेश द्वारा क्रमश: छह माह और तीन माह तक बढ़ाई गई थी और ये निदेश 25 सितंबर 2016 तक वैध हैं। अन्‍य शर्तों के बीच मौजूदा निदेशों के अनुसार जमाकर्ता को अपने बचत खाते या चालू खाते या अन्‍य काई जमा खाते, चाहे जिस किसी नाम से जाना जाता हो, से 1,000/- तक की राशि के आहरण की अनुमति दी गई थी।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 56 के पठित 35ए की उप-धारा (1) और (2) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए दि आर. एस. को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को जारी किए गए निदेशों में दिनांक 11 अगस्त 2016 के सुधारित निदेश के अनुसार संशोधन किया जो इस प्रकार है:

“जमाकर्ता को प्रत्‍येक बचत खाता या चालू खाता या सावधि जमा खाता या अन्‍य कोई जमा खाता (चाहे जिस किसी नाम से जाना जाता हो) से 10,000 (रुपए दस हज़ार मात्र) राशि आहरण करने की अनुमति दी जाए बशर्ते यदि कोई जमाकर्ता बैंक के प्रति उधारकर्ता या जमानतदार जिनमें बैंक जमा के आधार पर दिए गए ऋण भी शमिल है, की हैसियत से देयता रखता है, तो सबसे पहले उक्‍त राशि को तत्‍संबंधी उधारखातों में समायोजित किया जाना चाहिए। जमाकर्ता को अदा करने वाली राशि को निलंब खाते में और / या चिह्न‍ि प्रतिभूतियों में अलग से रखना चाहिए जिसका उपयोग, बैंक संशोधित निदेशों के अनुसार केवल जमाकर्ता को भुगतान करने के लिए करेगा।“

संदर्भाधीन निदेशों के अन्‍य नियम व शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी और 25 सितंबर 2016 की कारोबार समाप्ति तक वैध रहेंगी तथा समीक्षाधीन होंगी। दिनांक 11 अगस्त 2016 के निदेश की प्रति को बैंक के परिसर में जनसाधारण के अवलोकनार्थ प्रदर्शित किया गया है।

उपर्युक्‍त संशोधन से यह तात्‍पर्य न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक उपर्युक्‍त बैंक की वित्‍तीय स्थिति में काफी हद तक हुए सुधार से संतुष्‍ट है।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/426

 
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