प्रश्न 1. क्या बैंक ब्याज मुक्त जमाराशियां स्वीकार कर सकते हैं?
उत्तर: मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (जमाराशियों पर ब्याज दर) निदेश, 2025 के पैरा 29.5 के अनुसार बैंक केवल चालू खाते में ब्याज मुक्त जमाराशियां स्वीकार कर सकते हैं।
प्रश्न 2. पुनर्निवेश जमाराशि का क्या अर्थ है?
उत्तर: मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (जमाराशियों पर ब्याज दर) निदेश, 2025 के पैराग्राफ 4.22 के अनुसार पुनर्निवेश जमाराशियां वह जमाराशियां हैं जहां ब्याज (जब भी देय हो) परिपक्वता तक उसी अनुबंधित दर पर पुनर्निवेशित किया जाता है जिसे परिपक्वता तिथि पर मूल राशि के साथ आहरित किया जा सकता है।
प्रश्न 3. क्या बैंक दिवंगत कर्मचारी के नाबालिग बच्चे/बच्चों के नाम पर रखी गई जमाराशि पर बैंक कर्मचारी को स्वीकार्य अतिरिक्त ब्याज का भुगतान कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं। इन निदेशों के पैरा 9.1.6 के अनुसार बच्चे (नाबालिग सहित) बैंक के दिवंगत कर्मचारी को मिलने वाले अतिरिक्त ब्याज के लिए पात्र नहीं हैं।
प्रश्न 4. क्या बैंक के कर्मचारियों को मिलने वाला अतिरिक्त ब्याज न्यायालय द्वारा नाबालिग बच्चे को दिए गए मुआवजे पर दिया जा सकता है, जो की नाबालिग बच्चे और माता पिता के संयुक्त नाम मे जमा किया गया हो?
उत्तर: नहीं। चूंकि मुद्रा नाबालिग बच्चे से संबंधित है न कि बैंक कर्मचारी से, अत: इन निदेशों के पैरा 9.1.6 के अनुसार अतिरिक्त ब्याज नहीं दिया जा सकता है।
प्रश्न 5. क्या बैंक, यदि कर्मचारी का नाम दूसरे अथवा तीसरे क्रम में आ रहा हो तो सदस्य/सेवानिवृत्त बैंक स्टाफ के सदस्य (सदस्य/परिवार के सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से रखे गए) की सावधि जमाराशि पर बैंक अतिरिक्त ब्याज दर दे सकते हैं?
उत्तर: नहीं। इन निदेशों के पैरा 9.1.6 के अनुसार, बैंक के स्टाफ सदस्य/सेवानिवृत्त स्टाफ सदस्य द्वारा अकेले या परिवार के सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से रखे गए सावधि जमाराशियों पर अतिरिक्त ब्याज का लाभ तभी उपलब्ध होगा जब स्टाफ सदस्य/सेवानिवृत्त स्टाफ सदस्य प्रमुख खाताधारक हो।
प्रश्न 6. क्या बैंक आंशिक समय-पूर्व आहरण के मामले में दंड लगा सकते हैं?
उत्तर: दंड से संबंधित प्रावधान इन निदेशों के पैरा 15 में निहित हैं। बैंकों द्वारा उनकी व्यापक बोर्ड अनुमोदित नीति के अनुसार समयपूर्व आहरण एवं आंशिक समयपूर्व आहरण की विस्तृत प्रक्रिया निर्धारित की जाती है।
प्रश्न 7. क्या बैंक सरकारी विभागों/सरकारी योजनाओं के नाम पर बचत बैंक खाता खोल सकते हैं?
उत्तर: इन निदेशों के पैरा 29.8 के अनुसार बचत बैंक खाता केवल उन सरकारी विभागों/सरकारी योजनाओं के नाम पर खोला जा सकता है जो मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (जमाराशियों पर ब्याज दर) निदेश, 2025 की अनुसूची-I में दिए गए हैं।
प्रश्न 8. क्या बैंक सरकारी वित्तपोषण योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए निजी संस्थाओं के नाम पर बचत बैंक खाता खोल सकते हैं?
उत्तर: नहीं। इन निदेशों की अनुसूची-I की मद (vii) के साथ पठित पैरा 29.8 के अनुसार सरकारी वित्तपोषण योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए निजी संस्था के नाम पर बचत बैंक खाता नहीं खोला जा सकता है।
प्रश्न 9. क्या संबंधित राज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, के तहत पंजीकृत समितियां बचत बैंक खाता खोलने के लिए पात्र हैं?
उत्तर: नहीं। इन निदेशों के पैरा 29.8 की अनुसूची-I की मद (iv) के अनुसार सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 (एसआरए, 1860) के तहत पंजीकृत समितियां अथवा राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेश में लागू किसी अन्य कानून के तहत पंजीकृत समितियां, जिनका उद्देश्य साहित्यिक, वैज्ञानिक और धर्मार्थ गतिविधियों को बढ़ावा देना है, वह बैंकों में बचत बैंक खाता खोलने के लिए पात्र हैं। तदनुसार, किसी अन्य सोसाइटी/सोसाइटियों के नाम पर बचत बैंक खाते नहीं खोले जा सकते।
प्र 10. बैंकों द्वारा अतिदेय घरेलू मीयादी जमाराशि पर कौन सी ब्याज दर दी जाएगी?
उत्तर. पैरा 10.2 के संदर्भ में, यदि घरेलू मीयादी जमाराशि (टीडी) परिपक्व होती है और उसकी राशि अदायगी नहीं होती है, बैंक में अदावी धन की राशि पर बचत खाते के लिए लागू ब्याज दर अथवा परिपक्व मीयादी जमाराशि पर अनुबंधित ब्याज दर लागू होगी, जो भी कम हो।
प्र 11. दिवंगत जमाकर्ता के नाम पर उपलब्ध परिपक्व घरेलू जमा पर ब्याज किस दर पर देय है?
उत्तर. इन अनुदेशों के पैरा 5 के साथ पढ़े गए पैरा 13 के संदर्भ में, एक मृत व्यक्ति जमा धारक अथवा दो या अधिक संयुक्त जमा धारकों के नाम पर उपलब्ध परिपक्व जमा पर ब्याज की दर, जहां एक जमा धारक की मृत्यु हो गई है, उस व्यापक नीति के अनुसार होगी जिसे निदेशक मण्डल या मण्डल की किसी समिति, जिसे शक्तियाँ हैं, द्वारा उचित रूप से अनुमोदित किया गया है।
प्र 12. क्या बैंक समय-पूर्व आहरण के लिए दंड लगा सकते हैं?
उत्तर. हां। मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (जमाराशियों पर ब्याज दर) निदेश, 2025 के पैरा 15, 18 और 27 के संदर्भ में, बैंक अपने निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित व्यापक नीति के अनुसार समय-पूर्व आहरण के लिए दंड लगा सकते हैं। दंड के घटकों को जमा करने के समय जमा धारकों के ध्यान में स्पष्ट रूप से लाना चाहिए।
प्र 13. क्या बैंक एफ़सीएनआर(बी) योजना के तहत आवर्ती जमा स्वीकार कर सकते हैं?
उत्तर. नहीं। इन निदेशों के पैरा 20.2.1 के अनुसार, बैंक एफ़सीएनआर(बी) योजना के तहत आवर्ती जमा स्वीकार नहीं कर सकते हैं।
प्र 14. एफसीएनआर (बी) जमा के नवीनीकरण के मामले में ब्याज दर क्या है?
उत्तर. इन निदेशों के पैरा 22 के अनुसार, ब्याज निम्नलिखित के अनुसार भुगतान किया जाएगा:
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यदि परिपक्वता की तारीख से नवीकरण की तारीख तक (दोनों दिन शामिल करते हुए) अवधि 14 दिनों से अधिक न हो, तो इस प्रकार नवीकृत जमाराशि पर देय ब्याज दर नवीकरण की अवधि के लिए वह उपयुक्त दर होनी चाहिए जो परिपक्वता की तारीख को अथवा जमाकर्ता द्वारा नवीकरण की मांग की तारीख को, जो भी कम हो, लागू हो।
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नवीनीकरण के सभी अन्य मामलों में, नवीनीकृत राशि पर बकाया अवधि के लिए ब्याज दर को एक नई अवधि की जमा राशि के रूप में मानकर निर्धारित किया जाएगा।
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यदि नवीनीकरण के बाद, जमा को योजना के तहत निर्धारित न्यूनतम अवधि की समाप्ति से पहले आहरित किया जाता है, फेमा, 1999 के तहत अधिकृत बैंक अपनी विवेकाधिकार पर, देय अवधि के लिए अर्थात् मूल परिपक्वता की तारीख के पार की गई अवधि के लिए भुगतान किए गए ब्याज को पुनर्प्राप्त कर सकते हैं।
प्र.15 क्या बैंक जमा संग्रहण के लिए कोई शुल्क /दलाली शुल्क/ कमीशन चुका सकते हैं?
उत्तर. नहीं। इन निदेशों के पैरा 29.1 के संदर्भ में, निम्न के अतिरिक्त, बैंक किसी भी रूप में अथवा तरीके से किसी भी व्यक्ति, फर्म, कंपनी, संघ, संस्थान या अन्य व्यक्ति को जमा पर कोई पारिश्रमिक, शुल्क, कमीशन, दलाली अथवा प्रोत्साहन नहीं दे सकते हैं,:
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विशेष योजना के तहत घर-घर जमा इकट्ठा करने के लिए नियुक्त एजेंटों को दिया गया कमीशन।
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वाणिज्यिक बैंकों द्वारा आउटसोर्सिंग व्यवस्था के हिस्से के रूप में सीधे बिक्री एजेंटों/सीधे विपणन एजेंटों को दिया गया कमीशन।
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कारोबार सुलाभकर्ताओं या कारोबार प्रतिनिधियों को दिया जाने वाला पारिश्रमिक।
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सहकारी बैंकों के स्टाफ सदस्यों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर स्वीकृत प्रोत्साहन।
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