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Date: 01/04/2020
भारतीय रिज़र्व बैंक ने COVID-19 महामारी से निपटने के लिए अतिरिक्त उपायों की घोषणा की

01 अप्रैल 2020

भारतीय रिज़र्व बैंक ने COVID-19 महामारी से निपटने के लिए
अतिरिक्त उपायों की घोषणा की

1. निर्यात आगमों की प्राप्ति-अवधि का विस्तार

वर्तमान में यह अपेक्षित है कि निर्यातकों द्वारा निर्यात की गई वस्तुओं और साफ्टवेयरों का संपूर्ण मूल्य प्राप्त कर लिया जाए और उसे निर्यात की तारीख से 9 महीने के भीतर देश में प्रत्यावर्तित कर दिया जाए। COVID-19 महामारी के कारण हुए व्यवधान के मद्देनजर, 31 जुलाई 2020 तक या इस तारीख को किए गए निर्यात के लिए निर्यात से प्राप्त राशि और प्रत्यावर्तन की समयावधि को निर्यात की तारीख से 15 महीने तक बढ़ा दिया गया है। यह उपाय निर्यातकों को, विस्तारित अवधि के भीतर विशेष रूप से COVID -19 से प्रभावित देशों से, अपने आगमों को प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा तथा विदेशों में खरीददारों के साथ भावी निर्यात संविदाएं तय करने के लिए निर्यातकों को अधिक सहूलियत प्रदान करेगा।

2. राज्यों और संघशासित प्रदेशों के अर्थोपाय अग्रिमों (डब्ल्यूएमए) की सीमाओं की समीक्षा

रिज़र्व बैंक ने राज्य सरकारों और संघ शासित प्रदेशों के अर्थोपाय अग्रिमों की सीमाओं की समीक्षा के लिए एक सलाहकार समिति (अध्यक्ष: श्री सुधीर श्रीवास्तव) का गठन किया था। समिति द्वारा की जाने वाली अंतिम सिफारिशों के लंबित होने के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि सभी राज्यों/संघशासित प्रदेशों के लिए डबल्यूएमए सीमा को मौजूदा सीमा से 30 प्रतिशत बढ़ाया जाए ताकि राज्य सरकारें COVID -19 महामारी के प्रकोप से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने में सक्षम हो सकें। संशोधित सीमा 1 अप्रैल 2020 से लागू होगी और 30 सितंबर 2020 तक वैध रहेगी ।

3. प्रतिचक्रीय पूंजी बफर का कार्यान्वयन

5 फरवरी 2015 को जारी दिशा-निर्देशों के संदर्भ में, रिज़र्व बैंक द्वारा प्रतिचक्रीय पूंजी बफर (सीसीवाईबी) की रूपरेखा तैयार की गई थी, जिसमें यह सूचित किया गया था कि परिस्थितियों को देखते हुए जब भी आवश्यक होगा, सीसीवाईबी को सक्रिय किया जाएगा और इस निर्णय की घोषणा सामान्यतया पहले से की जाएगी। इस रूपरेखा में मुख्य संकेतक के रूप में क्रेडिट-टू-जीडीपी अंतर की परिकल्पना की गई है, जिसका उपयोग अन्य पूरक संकेतकों के साथ किया जाता है। सीसीवाईबी संकेतकों की समीक्षा और अनुभवजन्य विश्लेषण के आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि आवश्यकतानुसार, एक वर्ष या उससे पहले की अवधि के लिए सीसीवाईबी को सक्रिय करना आवश्यक नहीं है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2019-2020/2167

 
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