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Date: 08/07/2019
दी मापुसा अर्बन को-ओपरेटिव बैंक ऑफ गोवा लिमिटेड, गोवा-बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के तहत निदेश-निदेशों में संशोधन

2 जुलाई 2019

दी मापुसा अर्बन को-ओपरेटिव बैंक ऑफ गोवा लिमिटेड, गोवा-बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949
(अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के तहत निदेश-निदेशों में संशोधन

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 24 जुलाई 2015 के एक आदेश द्वारा, दी मापुसा अर्बन को-ओपरेटिव बैंक ऑफ गोवा लिमिटेड,गोवा को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित 35 ए के तहत, निदेश जारी किया, जिसे समय समय पर संशोधित किया गया था और पिछली बार 15 फरवरी 2019 के निदेश द्वारा 18 अगस्त 2019 तक बढ़ाया गया था।

2. रिज़र्व बैंक ने उक्त बैंक की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की और यह जरूरी समझा गया कि जनता के हित में उक्त निदेशों में संशोधन किया जाए।

3. तदनुसार, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप-धारा (1) और (2) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, रिज़र्व बैंक एतदद्वारा, निदेश देता है कि दी मापुसा अर्बन को-ओपरेटिव बैंक ऑफ गोवा लिमिटेड,गोवा को जारी 24 जुलाई 2015 के निदेश, के पैरा 1 में खंड xi के रूप में निम्नलिखित को शामिल करते हुए उसे आंशिक रूप से संशोधित किया जाए:

xi. “बैंक को जमा के खिलाफ ऋण सेट ऑफ करने की अनुमति दी जाती है, यदि उधारकर्ता के साथ ऋण समझौते के नियम और शर्तें यहशर्तें यह प्रावधान करती हैं कि उसके विशिष्ट जमा खाते में राशि (जिस किसी भी नाम से पुकारा जाए) बैंक द्वारा उसके ऋण खाते के के लिए विनियोजित / समायोजित की जा सकती है। ऋण खाते में बकाया राशि की सीमा तक इस तरह का विनियोजन / समायो समायोजन निम्नलिखित शर्तों के अधीन किया जा सकता है:”

  1. समायोजन की तारीख तक खाते केवाईसी के अनुरूप होने चाहिए।

  2. किसी तृतीय पक्ष द्वारा प्रस्तुत डिपॉजिट जो गारंटी/ ज़मानत कर्ता तक सीमित नहीं है, को समायोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

  3. जमाकर्ता को सामान्य रूप से उन मामलों में उचित सूचना के तहत इस विकल्प का उपयोग करना चाहिए, जहां सेंटिंग ऑफ में देरी हो सकती है जिसके परिणामस्वरूप ऋण खाता एनपीए हो सकता है। मानक ऋण के सेट ऑफ (नियमित रूप से निष्पादित किए गए) और ऋण समझौते के नियमों और शर्तों में किसी भी तरह के विचलन के लिए जमाकर्ता- उधारकर्ता की पूर्व लिखित सहमति आवश्यक होगी।

  4. जमा या इसका सेट ऑफ किसी भी प्रतिबंधों जैसेकि वैधानिक आदेश या वैधानिक प्राधिकरण या कानून के तहत अधिकार प्राप्त अन्य प्राधिकरण के कुर्की आदेश/कानून, राज्य सहकारी समितियां अधिनियम आदि के प्रावधान के अंतर्गत बयाना धन जमा,विश्वास की बाध्यता,तीसरे पक्ष के ग्रहणाधिकार के अधीन नहीं होना चाहिए।

4. दी मापुसा अर्बन को-ओपरेटिव बैंक ऑफ गोवा लिमिटेड, गोवा को दिनांक 24 जुलाई 2015 के द्वारा जारी और समय समय पर संशोधित निदेश, पैरा 3 के समीक्षाधीन संशोधन के साथ बैंक पर लागू रहेगे ।

5. संदर्भाधीन निदेश की अन्य सभी शर्ते अपरिवर्तित रहेगी।

योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/22

 
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