Download
the hindi
font
 
   हमारा परिचय     उपयोग सूचना     अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न     वित्तीय शिक्षण     शिकायतें   अन्य संपर्क     अतिरिक्त विषय 
Home >> PressReleases - Display
Date: 15/12/2017
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सिंडिकेट बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया

15 दिसंबर 2017

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सिंडिकेट बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सिंडिकेट बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा चेक खरीद/बट्टाकरण, बिल बट्टाकरण पर जारी निदेशों/दिशानिर्देशों और अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी)/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानदंडों का अनुपालन नहीं करने पर 50 मिलियन का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों/दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने पर लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका अभिप्रायः बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए जाने वाले किसी लेनदेन या करार की वैधता के बारे में बताना नहीं है।

पृष्ठभूमि

उक्त बैंक की इन शाखाओं में धोखाधड़ी रिपोर्ट किए जाने के बाद बैंक की कुछ शाखाओं का आरबीआई द्वारा संवीक्षा की गई। संवीक्षा के निष्कर्षों और इस संबंध में प्राप्त संबंधित दस्तावेजों की जांच के आधार पर इस बैंक को नोटिस जारी किया गया जिसमें इसे कारण बताओ नोटिस की सूचना दी गई कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों/दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं किए जाने पर दंड क्यों नहीं लगाया जाए।

बैंक के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई में मौखिक प्रस्तुति पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि आरबीआई के निदेशों/दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं किए जाने संबंधित उपर्युक्त आरोप सही साबित हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना आवश्यक है।

अनिरूद्ध डी. जाधव
सहायक प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2017-2018/1650

 
   भारतीय रिज़र्व बैंक सर्वाधिकार सुरक्षित

इंटरनेट एक्सप्लोरर 5 और उससे अधिक के 1024 X 768 रिजोल्यूशन में अच्छी प्रकार देखा जा सकता है।