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Date: 31/07/2017
बैंकिंग लोकपाल का वार्षिक सम्मेलन 2017 – 25 जुलाई 2017

31 जुलाई 2017

बैंकिंग लोकपाल का वार्षिक सम्मेलन 2017 – 25 जुलाई 2017

बैंकिंग लोकपाल का वार्षिक सम्मेलन 25 जुलाई 2017 को मुंबई में आयोजित किया गया। श्री एस.एस. मूंदड़ा, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। बैंकिंग लोकपाल के अतिरिक्त, इस सम्मेलन में एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, पीएनबी, भारतीय बैंक संघ (आईबीए), भारतीय बैंकिंग कोड और मानक बोर्ड (बीसीएसबीआई) के मुख्य कार्यपालक और भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित विनियामक और पर्यवेक्षी विभागों के प्रमुख उपस्थित रहे।

उप गवर्नर ने अपने मुख्य संबोधन में बताया कि इस सम्मेलन में बैंकों के शीर्ष पदाधिकारियों की सहभागिता से ग्राहकों के प्रति उनकी वचनबद्धता प्रदर्शित होती है। श्री मूंदड़ा ने इसके बाद शिकायत समाधान के क्षेत्र में भारतीय रिज़र्व बैंक के हाल के प्रयासों के बार में बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि बैंकिंग लोकपाल योजना जुलाई 2017 में संशोधित की गई है जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग की कमियों तथा बैंकों द्वारा थर्ड पार्टी निवेश उत्पादों की गलत बिक्री को बैंकिंग लोकपाल योजना के अंतर्गत शिकायत दर्ज कराने के लिए पात्र आधार के रूप में शामिल किया गया है। बैंकिंग लोकपाल योजना की पहुंच को गहन और व्यापक बनाने हेतु उप गवर्नर ने बताया कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने ने पांच नए बैंकिंग लोकपाल कार्यालय खोले हैं और यदि आवश्यक हुआ तो भविष्य में कुछ और बैंकिंग कार्यालय खोलने पर विचार किया जा सकता है।

गलत बिक्री पर भारी मात्रा में मिलने वाली शिकायतों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए उप गवर्नर ने कहा कि अंतर्निहित कारणों में कर्मचारियों के लिए निर्धारित चुनौतीपूर्ण लक्ष्य, प्रोत्साहन से जुड़ा कोटा, प्रशिक्षण का अभाव और फ्रंटलाइन स्टाफ की तेजी से अदला-बदली शामिल है। बैक और फ्रंड ऑफिस के बीच समन्वय के अभाव के साथ इनसे ग्राहक संरक्षण प्रभावित हुआ है और शिकायतों के समाधान हेतु उन्हें उचित प्राधिकारियों के पास आसानी से पहुंचाने में असुविधा हुई है। इसलिए उन्होंने आग्रह किया कि बैंकों के शीर्ष प्रबंधन की वचनबद्धता से यह प्रसारित होना चाहिए कि ग्राहकों को कार्यकुशल सेवाएं मिलेंगी और सभी संपर्क स्थलों पर उचित ध्यान रखा जाएगा। शिकायत प्रबंधन के संबंध में उन्होंने कहा कि बैंकों को शिकायतों के पैटर्नों का अध्ययन करने और मुख्य कारण विश्लेषण को समझने का प्रयास करना चाहिए और यह शिकायत समाधान तंत्र के एन्ड टू एन्ड ऑटोमेशन को अपनाकर तथा नवीनतम विश्लेषणात्मक टूलों की तैनाती से संभव होगा।

बैंकिंग के बदलते प्रोफाइल का वर्णन करते हुए उप गवर्नर ने कहा कि ग्राहकों की नई पीढ़ी अधिक प्रौद्योगिकी रूप से अधिक सहज बुद्धि वाली है और उनके पास उपलब्ध विकल्प जिनमें चैनल शामिल हैं, भी तेजी से बढ़ गए हैं। एक ऐसा परिदृश्य बन रहा है जिसमें सेवाओं में किसी प्रकार की असंतुष्टि की स्थिति में ग्राहक एक संस्था से दूसरी संस्था में चुपके से जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि खातों की पोर्टेबिलिटी की संभावना से यह और बढ़ जाएगा। इस संदर्भ में उप गवर्नर ने बैंकों से आग्रह किया कि वे खाता संख्या पोर्टेबिलिटी के लिए कार्य करें यह प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और ग्राहक सेवा में सुधार करने के लिए एक दूरगामी कदम होगा।

उप गवर्नर ने ड्रॉप बॉक्स से चेक गुम होने की बढ़ती प्रवृत्ति और ऐसी शिकायतों का निपटान करने के लिए बैंकों द्वारा दिखाई जानेवाली तत्परता की कमी का भी मुद्दा उठाया। ऐसे मामलों में, उन्होंने कहा कि ग्राहक को तत्काल क्षतिपूर्ति दी जानी चाहिए। उप गवर्नर ने बैंकों से आग्रह किया कि वे आम खाता खोलने की संभावना का पता लगाएं और इस पूल से ग्राहकों को तत्काल बीमा आदि से राशि की वसूली का इंतजार किए बिना क्षतिपूर्ति करें।

हाल ही के बैंकिंग प्रतिनिधि को बैंकिंग ऑउटलेट के समकक्ष करने वाले भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए बैंकिंग प्रतिनिधि (बीसी) के महत्व पर जोर देते हुए, उप गवर्नर ने बैंकों को सूचित किया कि वे विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में प्रदान की गई सेवाओं पर ध्यान दें और उत्पादों की गलत बिक्री को रोकने और वित्तीय उत्पादों के आक्रामक विपणनकर्ताओं द्वारा अनपढ़ ग्राहकों की ठगने की समस्या का समाधान के लिए सावधानी बरतें। उन्होंने बैंकों को यह भी समझाया कि वे कानूनी समझौते के संबंध में ग्राहकों से 'नकारात्मक पुष्टि' जिसके प्रायः अनेक फाइन प्रिंट्स होते हैं, प्राप्त करने की बजाय ग्राहकों से 'सकारात्मक पुष्टि' प्राप्त करें कि उन्होंने उत्पाद/सेवा की शर्तों को पढ़कर समझ लिया है। ग्राहक अधिकारों के चार्टर के सिद्धांतों पर बोलते हुए, उप गवर्नर ने बैंकों और आईबीए से आग्रह किया है कि वे आम प्लेटफार्म विकसित करने का कार्य करें जो तुलनात्मक और पारदर्शी दृष्टिकोण प्रदान कर सके और ग्राहकों को सबसे उपयुक्त विकल्प चुनने में उनकी सहायता कर सके।

जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/290

 
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