Download
the hindi
font
 
   हमारा परिचय     उपयोग सूचना     अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न     वित्तीय शिक्षण     शिकायतें   अन्य संपर्क     अतिरिक्त विषय 
Home >> PressReleases - Display
Date: 30/11/2016
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 35ए के तहत इण्डियन मर्केंटाइल को-आपरेटिव बैंक लि.,लखनऊ, उत्तर प्रदेश पर लगा गए निदेशों में संशोधन

30 नवंबर 2016

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949
(सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 35ए के तहत
इण्डियन मर्केंटाइल को-आपरेटिव बैंक लि.,लखनऊ, उत्तर प्रदेश पर लगा गए निदेशों में संशोधन

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचित करता है कि 25 नवम्बर, 2016 के अपने निदेश द्वारा इण्डियन मर्केंटाइल को-आपरेटिव बैंक लि., लखनऊ पर 19 अक्टूबर 2015 को लगाए गए अपने निदेशों में आंशिक संशोधन किया है। बैंक को मूल रूप से 04 जून 2014 के निदेशों के द्वारा 12 जून 2014 से निदेशाधीन रखा गया है।

19 अक्टूबर 2015 के निदेशों के अनुसार अन्य शर्तों के साथ प्रत्येक बचत बैंक खाते या चालू खाते या मीयादी जमा खाते या किसी अन्य जमा खाते जो चाहे किसी नाम से जाना जाता हो, में धारित जमा राशि के अधिकतम 70% (सत्तर प्रतिशत), लेकिन 15,00,000/- (पंद्रह लाख रूपये मात्र) की अधिकतम सीमा के अधीन, राशि के आहरण की जमाकर्ता को अनुमति दी गई थी जो कि निदेश लागू होने के पश्चात अनुमत पहले की 100,000/- (एक लाख रूपये मात्र) की सीमा के अलावा थी। भारतीय रिज़र्व बैंक ने उक्त बैंक की स्थिति की समीक्षा की है और जनहित में उपर्युक्त निदेश में संशोधन करना आवश्यक समझा है।

तद्नुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धाराओं (1) तथा (2) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एततद्वारा यह निदेश देता है कि इण्डियन मर्केंटाइल को-आपरेटिव बैंक लि. को 19 अक्टूबर 2015 को जारी निदेश के पैराग्राफ 3 में निम्नानुसार संशोधन किया गया है:-

“प्रत्येक जमाकर्ता के प्रत्येक बचत बैंक खाते या चालू खाते या मीयादी जमा खाते या किसी अन्य जमा खाते जो चाहे किसी नाम से जाना जाता हो, में धारित जमा राशि के अधिकतम 70% (सत्तर प्रतिशत) राशि के आहरण की जमाकर्ता को अनुमति है। यह राशि निदेश लागू होने के पश्चात पहले के अनुमत 100,000/- (एक लाख रूपये मात्र) की सीमा के अलावा है। बशर्ते इस आहरण के लिए ऐसे जमाकर्ता की उधारकर्ता के रूप में या बैंक जमा के प्रति ऋण सहित जमानतदार के रूप में कोई देयता है तो इस राशि का पहले संबंधित उधार खाता (खातों) में समायोजन किया जाएगा।”

इण्डियन मर्केंटाइल को-आपरेटिव बैंक लि., लखनऊ को 04 जून 2014 को जारी निदेश में निहित सभी अन्य प्रतिबंध, शर्तें तथा प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे और वे 11 मार्च 2017 को कारोबार समाप्ति तक वैध रहेंगे जो कि समीक्षाधीन होंगे।

अनिरुद्ध डी. जाधव
सहायक प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/1372

 
   भारतीय रिज़र्व बैंक सर्वाधिकार सुरक्षित

इंटरनेट एक्सप्लोरर 5 और उससे अधिक के 1024 X 768 रिजोल्यूशन में अच्छी प्रकार देखा जा सकता है।