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Date: 05/09/2014
आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के लिए पर्यवेक्षी कॉलेज

5 सितंबर 2014

आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के लिए पर्यवेक्षी कॉलेज

आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के लिए दूसरे पर्यवेक्षी कॉलेज का आयोजन मुंबई में 4 सितंबर 2014 को किया गया। श्री हारून आर.खान, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने मंच का उद्घाटन किया। भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिसंबर 2012 को आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के लिए पहले पर्यवेक्षी कॉलेज का गठन किया था।

श्री हारून आर. खान ने पर्यवेक्षी कॉलेज में अपने संबोधन में कहा कि दिसंबर 2012 में आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के लिए पर्यवेक्षी कॉलेज के दौरान पर्यवेक्षकों के बीच विकसित सहक्रिया को सभी पर्यवेक्षकों द्वारा इसकी वांछित भावना में आगे बढ़ाया गया जिसने वास्तव में आज दूसरे पर्यवेक्षी कॉलेज के लिए मंच स्थापित कर दिया है। गृह पर्यवेक्षक के रूप में रिज़र्व बैंक की बड़ी जिम्मेदारी है कि पहली पर्यवेक्षी कॉलेज में लिए गए संकल्पों और प्रतिभागियों की आकांक्षाओं को पूरा किया जाए।

दिनभर के कार्यक्रम के दौरान मेजबान और गृह पर्यवेक्षकों ने पारस्परिक महत्व के कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया और मेजबान पर्यवेक्षकों ने अपने-अपने देश में रिज़र्व बैंक के साथ आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड की उपस्थिति और परिचालन पर अपने विचार साझे किए। श्रीमती चंदा कोछर, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड ने सामान्य रूप से बैंक और विशेषरूप से इसकी अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति के बारे में प्रस्तुतीकरण किया तथा मेजबान पर्यवेक्षकों के प्रश्नों के जवाब दिए। श्री पी. आर. रविमोहन, प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग ने कॉलेज की चर्चा की अध्यक्षता की। रिज़र्व बैंक की पर्यवेक्षी भूमिका के बारे में अपने प्रस्तुतीकरण में श्री रवि मोहन ने स्वचालित आंकड़ा प्रवाह और बड़े ऋणों पर सूचना के केंद्रीय संग्राहक (सीआरआईएलसी) से संबंधित मुद्दों पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए हाल के प्रयासों पर प्रकाश डाला। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण तथा पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण ने भी कॉलेज में भागीदारी की और संबंधित विनियामक प्राधिकरणों की भूमिका पर प्रस्तुतीकरण किया।

छह विदेशी अधिकारक्षेत्रों के नौ पर्यवेक्षकों ने आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के लिए पर्यवेक्षी कॉलेज में भाग लिया।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने विदेशों में भारतीय बैंकों के सीमापार परिचालन के पर्यवेक्षण के भाग के रूप में उन बैंकों के लिए पर्यवेक्षी कॉलेजों का गठन किया है जिनकी अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति अच्छी है। पर्यवेक्षी कॉलेजों का गठन करने का मुख्य उद्देश्य पर्यवेक्षकों के बीच सूचना विनिमय और सहयोग बढ़ाना है जिससे कि बैंकिंग समूह की जोखिम रूपरेखा की समझ में सुधार किया जा सके और अंतर्राष्ट्रीय रूप से सक्रिय बैंकों का अधिक प्रभावी पर्यवेक्षण हो सके। रिज़र्व बैंक ने दिसंबर 2012 में भारतीय स्टेट बैंक के लिए पर्यवेक्षी कॉलेज स्थापित किया था। बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक लिमिटेड के लिए क्रमशः फरवरी और सितंबर 2014 में कॉलेज स्थापित किए थे। यह अपेक्षित है कि इन कॉलेजों से पर्यवेक्षकों के बीच पारस्परिक विश्वास और सहयोग में वृद्धि होगी।

अल्पना किल्लावाला
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/496

 
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