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Date: 26/11/2015
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना 2006 की वार्षिक रिपोर्ट : 2014-15 प्रकाशित की

26 नवंबर 2015

भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना
2006 की वार्षिक रिपोर्ट : 2014-15 प्रकाशित की

भारतीय रिजर्व बैंक ने आज वर्ष 2014-2015 के लिए बैंकिंग लोकपाल योजना की वार्षिक रिपोर्ट जारी की। बैंक ग्राहकों के सामने आ रही शिकायतों के लिए त्वरित समाधान प्रदान करने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा 1995 में बैंकिंग लोकपाल योजना शुरू की गई थी। देश भर में बैंकिंग लोकपाल (बीओएस) के 15 कार्यालय हैं। रिपोर्ट में बैंकिंग लोकपाल के सभी 15 कार्यालयों की गतिविधियों का सारांश प्रस्‍तुत किया गया है।

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं

  • वर्ष 2014-15 के दौरान बैंकिंग लोकपाल के 15 कार्यालयों में 85,131 शिकायतें प्राप्त हुई।

  • पिछले वर्ष की तुलना में शिकायतों की संख्या में 11.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

  • बैंकिंग लोकपाल के कार्यालयों में निपटान दर 96 प्रतिशत बनी रही।

  • वर्ष के दौरान बैंकिंग लोकपाल कार्यालयों द्वारा 87 अधिनिर्णय जारी किए गए।

  • वर्ष के दौरान बैंकिंग लोकपाल के निर्णय/अधिनिर्णय के खिलाफ अपीलीय प्राधिकरण के पास 73 अपील प्राप्त हुए।

  • प्राप्त शिकायतों में प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफलता, उचित व्यवहार संहिता के अननुपालन, भारतीय बैंकिंग संहिता और मानक बोर्ड (बीसीएसबीआई) से संबंधित शिकायतें सर्वाधिक रही जो कुल मिलाकर प्राप्त शिकायतों के 29.2 प्रतिशत रही।

  • कुल प्राप्त शिकायतों में 21.3 प्रतिशत शिकायतें कार्ड से संबंधित थी। 12.5 प्रतिशत शिकायतें एटीएम/डेबिट कार्ड परिचालन से संबंधित रही, जबकि 8.8 फीसदी शिकायतें क्रेडिट कार्ड परिचालन से संबंधित थीं।

  • अन्य शिकायतें मुख्‍यत: पेंशन (6.8 प्रतिशत), बिना पूर्व सूचना के शुल्क लगाना (6.5 प्रतिशत), ऋण और अग्रिम (5.7 प्रतिशत), जमा खातों (5.5 प्रतिशत), विप्रेषण (3.2 प्रतिशत) संवर्गों से संबंधित थीं।

  • बैंकिंग लोकपाल के कार्यालयों ने विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में इस योजना के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जागरुकता अभियान/आउटरीच गतिविधियों, टाउन हॉल, विज्ञापन अभियानों का आयोजन किया।

पृष्ठभूमि

बैंकिंग लोकपाल योजना 1995 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 क के अंतर्गत 14 जून 1995 को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अधिसूचित की गई। योजना का लक्ष्य और उद्देश्य था आम बैंक ग्राहकों के लिए बैंकिंग सेवाओं में कमियों से संबंधित शिकायतों के लिए एक त्वरित और लागत मुक्त निवारण तंत्र प्रदान करना जो अन्यथा अदालतों जैसी किसी अन्य निवारण मंचों तक पहुंचने में कठिनाई महसूस करते हैं अथवा अत्यधिक लागत के कारण पहुंच नहीं पाते हैं। यह योजना अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, अनुसूचित प्राथमिक शहरी सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए लागू है। योजना में वर्ष 2002, 2006, 2007 और 2009 के दौरान कई संशोधन किए गए हैं। 3 फरवरी 2009 तक संशोधित की गई बैंकिंग लोकपाल योजना 2006, (बीओएस) फिलहाल प्रभावी है। विशिष्ट राज्यवार अधिकार क्षेत्र के साथ 15 बैंकिंग लोकपाल कार्यालय सभी 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों को कवर कर रहे हैं।

संगीता दास
निदेशक

प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/1249

 
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