Download
the hindi
font
 
   हमारा परिचय     उपयोग सूचना     अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न     वित्तीय शिक्षण     शिकायतें   अन्य संपर्क     अतिरिक्त विषय 
Home >> PressReleases - Display
Date: 01/08/2016
भारतीय रिज़र्व बैंक ने महामेधा अर्बन को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) पर निदेश जारी किए

1 अगस्‍त 2016

भारतीय रिज़र्व बैंक ने महामेधा अर्बन को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड,
गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) पर निदेश जारी किए

भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित को देखते हुए महामेधा अर्बन को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, गाजियाबाद को कतिपय निदेश जारी करना आवश्यक है। तदनुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क की उपधारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद् द्वारा यह निदेश देता है कि महामेधा अर्बन को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, गाजियाबाद 29 जुलाई 2016 को कारोबार की समाप्ति से, भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्व अनुमति लिए बिना, नीचे बताई गई सीमा और रीति को छोड़कर, कोई भी ऋण और अग्रिम मंजूर नहीं करेगा या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियां उधार लेने और नई जमाराशियां स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही, भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा से संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्यथा रीति से उसका निपटान करेगा :

  • प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी भी अन्य जमा खाते में, उसे चाहे जिस किसी भी नाम से पुकारा जाए, कुल शेष में से प्रत्येक जमाकर्ता को 1,000/- (एक हजार रुपये मात्र) से अनधिक की राशि आहरित करने की अनुमति दी जाए, बशर्ते ऐसे जमाकर्ता या जमानतदार की बैंक के प्रति कोई देनदारियां हों तो उस राशि को पहले संबंधित उधार खातों में समायोजित किया जाए।

  • परिपक्‍वता पर मौजूदा मीयादी जमाराशि का नवीकरण उसी नाम और उसी क्षमता में किया जाए।

  • उपर्युक्‍त निदेश के अंतर्गत दी गई अनुमति के अनुसार ऐसा व्यय।

  • सरकारी/ एसएलआर अनुमोदित प्रतिभूतियों में निवेश किया जा सकता है।

जब तक कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लिखित रूप में विशिष्ट रूप से अनुमोदित न किया गया हो, बैंक न तो कोई अन्य देयताएं अपने ऊपर लेगा और न ही उनका निपटान करेगा।

हित रखने वाले जन सदस्यों के अवलोकनार्थ विस्तृत निदेश बैंक परिसर में प्रदर्शित किए गए हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा।

समय-समय पर जारी की जाने वाली समीक्षा के अधीन ये अनुदेश 29 जुलाई 2016 को कारोबार समाप्ति के उपरांत से छह महीने की अवधि तक प्रभावी बने रहेंगे।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/276

 
   भारतीय रिज़र्व बैंक सर्वाधिकार सुरक्षित

इंटरनेट एक्सप्लोरर 5 और उससे अधिक के 1024 X 768 रिजोल्यूशन में अच्छी प्रकार देखा जा सकता है।