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Date: 01/07/2011
मास्टर परिपत्र – फेमा, 1999  के तहत उल्लंघनों की कंपांउंडिंग

आरबीआई/2011-12/08
मास्टर परिपत्र सं. 08/2011-12

01 जुलाई 2011

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I  बैंक तथा प्राधिकृत बैंक

महोदया /महोदय,

मास्टर परिपत्र – फेमा, 1999  के तहत उल्लंघनों की कंपांउंडिंग

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 के तहत उल्लंघनों की कंपांउडिंग एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है, जिसके जरिये आवेदक फेमा, 1999 की धारा 13 (1) के तहत फेमा, 1999 के किसी प्रावधान के स्वीकृत उल्लंघन की कंपांउडिंग के लिए आवेदन कर सकता है।

2. यह मास्टर परिपत्र " फेमा, 1999 के तहत उल्लंघनों की कंपांउंडिंग"  विषय पर वर्तमान अनुदेशों को एक स्थान पर समेकित करता है। इस मास्टर परिपत्र में निहित परिपत्रों/अधिसूचनाओं  की सूची परिशिष्ट में दी गई है।

3.  यह मास्टर परिपत्र एक वर्ष की अवधि के लिये (सनसेट खंड के साथ) जारी किया जा रहा है। यह परिपत्र 01 जुलाई 2012 को वापस ले लिया जाएगा तथा उसके स्थान पर इस विषय पर अद्यतन मास्टर परिपत्र जारी किया जाएगा।

भवदीया,

(डॉ. सुजाता एलिज़ाबेथ प्रसाद)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुक्रमणिका

  1. सामान्य
  2. कंपाउंडिंग अधिकार
  3. कंपाउंडिंग की प्रक्रिया
  4. कंपाउंडिंग की व्याप्ति और पद्धति
  5. कंपाउंडिंग आदेश जारी करना
  6. कंपाउंडिंग के बाद की कार्यवाही
  7. कंपाउंडिंग के लिए पूर्वापेक्षा

अनुबंध
विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग नियमावली), 2000
आवेदनपत्र का फार्मेट
परिशिष्ट
समेकित नियमों/ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्रों की सूची

1. सामान्य

1.1 यदि कोई व्यक्ति फेमा, 1999 के किसी प्रावधान का उल्लंघन करता है अथवा इस नियम के तहत अधिकारों का प्रयोग करते हुए जारी किये गये किसी नियम, विनियम, अधिसूचना, निर्देश अथवा आदेश का उल्लंघन करता है अथवा ऐसी किसी शर्त, जिसके लिए रिज़र्व बैंक द्वारा निर्देश जारी किया गया है, का उल्लंघन करता है तो वह न्याय निर्णयन पर, जहाँ राशि परिमाणनीय अथवा दो लाख रूपयों तक है, ऐसे उल्लंघन में निहित राशि की तिगुनी राशि तक दण्ड के लिए दायी होगा। जहाँ राशि परिमाणनीय नहीं है तथा उल्लंघन करना लगातार जारी है तो आगे का दण्ड जो उल्लंघन जारी रहने के दौरान पहले दिन के बाद प्रत्येक दिन के लिए पाँच हजार रूपये तक बढ़ाया जा सकता है (फेमा, 1999 का अध्याय IV की धारा 13(1))। विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 के नियम 4 के तहत ऐसे उल्लघंनों में निहित राशि के अनुसार उल्लंघनों की कंपाउंडिंग करने के अधिकार कंपाउंडिंग अधिकारियों के लिए विनिर्दिष्ट किए गए हैं और यदि उल्लंघन में निहित राशि अपरिमाणनीय होगी तो उल्लंघन की कंपाउंडिंग नहीं हो सकेगी।

1.2 फेमा, 1999 के तहत उल्लंघनों को कंपाउंड करने के लिए रिज़र्व बैंक को अधिकार देने के लिए भारत सरकार द्वारा विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 बनाई एवं प्रकाशित की गयी है। फेमा, 1999 की धारा 15 के प्रावधान उल्लंघनों की कंपाउंडिंग करने की अनुमति देते हैं तथा न्याय निर्णयन प्रोसिडिंग्ज प्रारंभ करने से एक तो पहले अथवा बाद में इस प्रकार के उल्लंघन करने वाले व्यक्ति द्वारा किये गये आवेदन पत्र पर अधिनियम की धारा 13 के तहत यथा परिभाषित किसी उल्लंघन की कंपाउंडिंग के लिए कंपाउंडिंग प्राधिकारी को अधिकार देती है।

1.3 भारत सरकार ने रिज़र्व बैंक के साथ परामर्श करते हुए मामलों की कंपाउंडिंग के प्रशासन का दायित्व फेमा, 1999 की धारा 3 (क) को छोड़कर रिज़र्व बैंक को सौंपा है। तदनुसार, जान बूझकर किए गए, कपटपूर्ण और छलपूर्ण लेनदेनों के संबंध में कड़ा रुख अपनाते हुए लेनदेनों की लागत को कम करके नागरिकों और कंपनी समुदायों को सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से फेमा, 1999 के तहत उल्लंघनों की कंपाउंडिंग के लिए क्रियाविधि तैयार की गयी है।

2. कंपाउंडिंग अधिकार

2.1 रिज़र्व बैंक तथा प्रवर्तन निदेशालय (डीओइ) के कंपाउंडिंग अधिकार क्रमश: निम्नानुसार हैं :

(क) रिज़र्व बैंक को पूर्वोक्त अधिनियम की धारा 3 के खण्ड (क) को छोड़कर, फेमा, 1999 के सभी धाराओं के उल्लंघनों के कंपाउंड के लिए अधिकार दिये गये हैं।

(ख) प्रवर्तन निदेशालय फेमा, 1999 की धारा 3  के खण्ड (क) के तहत कंपाउंडिंग के अधिकारों का प्रयोग करेगा (तत्वत: हवाला लेनदेनों के संबंध में )

2.2 फेमा, 1999 के तहत कंपाउंडिंग प्रक्रिया के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए रिज़र्व बैंक ने उल्लंघनों के कंपाउंडिंग के लिए प्रक्रिया तैयार की है। एक बार उल्लंघन कंपाउंडिंग प्रधिकारी द्वारा कंपाउंड किया गया तो उल्लंघनकर्ता के विरूद्ध जैसी भी स्थिति हो, कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी अथवा कार्यवाही जारी नहीं रहेगी।

3. कंपाउंडिंग प्रक्रिया

3.1 फेमा, 1999 के तहत ज्ञापन पत्र के जरिये उल्लंघन सूचित किये जाने पर अथवा उल्लंघन किया गया है अथवा ज्ञात हुआ, यह अपने आप मालूम होने पर फेमा, 1999 के तहत उल्लंघन के कंपाउंडिंग के लिए आवेदन पत्र कंपाउंडिंग प्राधिकारी (सीए) को प्रस्तुत किया जाए। आवेदन पत्र का फॉर्मेट विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज ) नियमावली, 2000 में संलग्न किया गया है (अनुबंध)।

3.2 किसी उल्लंघन के कंपाउंडिंग के लिए निर्धारित फॉर्म में आवेदन पत्र, ज्ञापन पत्र की एक प्रति के साथ,  जहाँ लागू हो, "भारतीय रिज़र्व बैंक" के पक्ष में आहरित तथा मुंबई में देय डिमांड ड्राफ्ट के रूप में रू.5000/- के निर्धारित शुल्क के साथ संबंधित तथ्यों और समर्थनकारी दस्तावेजों के साथ कंपाउंडिंग प्राधिकारी, [  फेमा के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कक्ष (सेफा) ], विदेशी मुद्रा विभाग, 5वीं मंज़िल, अमर बिल्डिंग, सर पी.एम. रोड, फोर्ट, मुंबई 400001 को प्रस्तुत किया जाए।

3.3 कंपाउंडिंग के लिए आवेदन पत्र प्राप्त होने पर, कार्यवाही समाप्त की जाएगी और कंपाउंडिंग प्राधिकारी द्वारा कंपाउंडिंग के लिए आवेदन पत्र की प्राप्त की तारीख से 180 दिनों के भीतर कंपाउंडिंग आदेश जारी किया जाएगा। इस प्रयोजन के लिए समय सीमा रिज़र्व बैंक द्वारा कंपाउंडिंग के लिए पूर्ण किये गये आवेदन पत्र की प्राप्त की तारीख से गिनी जाएगी। कंपाउंडिंग प्राधिकारी कंपाउंडिंग प्रक्रिया से संबंधित कोई जानकारी, रिकार्ड तथा अन्य दस्तावेजों की माँग कर सकते हैं तथा कार्यवाही आयोजित करेंगे।  उल्लंघनकर्ता तथा अन्य संबंधितों को सुनवाई का अवसर प्रदान करने के बाद कंपाउंडिंग प्राधिकारी द्वारा कंपाउंडिंग आदेश पारित किये जाएंगे।

3.4  विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 के नियम 4 के उप नियम (1) के अनुसार दस्तावेजों तथा आवेदन पत्र में किये गये प्रस्तुतीकरण के आधार पर आवेदन पत्र की जाँच की जाएगी और निर्धारित किया जाएगा कि उल्लंघन परिमाणनीय है अथवा नहीं, और यदि है तो उल्लंघन की राशि तदनुसार तय की जाएगी।

3.5 निम्नलिखित निदर्शी मदों के साथ-साथ अन्य बातें ध्यान में रखते हुए उल्लंघन के स्वरूप की जाँच की जाती है:

क. क्या उल्लंघन तकनीकी है और/अथवा छोटे स्वरूप का है तथा क्या केवल प्रशासनिक सतर्कता संबंधी सूचना की आवश्यकता है;

ख. क्या उल्लंघन गंभीर स्वरूप का है तथा उल्लंघन की कंपाउंडिंग न्यायसंगत है; और

ग. क्या उल्लंघन में, प्रथम दृष्ट्या, धन-शोधन, विनियामक ढ़ांचे के गंभीर अतिक्रमण वाले राष्ट्रीय तथा सुरक्षा संबंधी मामले शामिल हैं।

तथापि, रिज़र्व बैंक उल्लिखित उल्लंघनों को वर्गीकृत करने का अधिकार सुरक्षित रखता है और उल्लंघनकर्ता अथवा किसी अन्य को स्वत: तकनीकी आधार पर उल्लंघनों को वर्गीकृत करने का अधिकार नहीं होगा ।

3.6 जिस संबंध में उल्लंघन किया गया है उस संबंध में फेमा,1999 के प्रावधान अथवा फेमा,1999 के अधीन अधिकारों का प्रयोग करते हुए किसी नियम, विनियम, अधिसूचना, निर्देश अथवा आदेश विनिर्दिष्ट करते हुए कंपाउंडिंग आवेदनपत्र का निपटान कंपाउंडिंग आदेश जारी करते हुए किया जाता है।

3.7 कंपाउंडिंग प्राधिकारी कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज के संबंध में कोई अतिरिक्त जानकारी, अभिलेख अथवा कोई अन्य दस्तावेज की मांग कर सकते हैं। इस प्रकार की अतिरिक्त जानकारी/दस्तावेज कंपाउंडिंग प्राधिकारी द्वारा विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर प्रस्तुत करना आवश्यक है और यदि अतिरिक्त जानकारी/दस्तावेज विनिर्दिष्ट की गयी अवधि के भीतर प्रस्तुत नहीं किये जाते हैं तो आवेदन पत्र अस्वीकृत किया जा सकता है।

3.8 जहाँ अधिक जाँच करने के लिए पर्याप्त कारण हैं, वहाँ भारतीय रिज़र्व बैंक, जैसा भी उचित समझे, मामले को फेमा,1999 के अधीन और अधिक जाँच तथा  आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय (डीओई) को अथवा धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के अंतर्गत स्थापित धन शोधन निवारण प्राधिकारी को अथवा किसी अन्य एजेंसी, जो भी उचित हो, को भेज सकता है। ऐसे आवेदन पत्रों का निपटान आवेदक को आवेदन पत्र वापस लौटाते हुए किया जाएगा।

4. कंपाउंडिंग की व्याप्ति और पद्धति

4.1 कंपाउंडिंग प्राधिकारी (सीए) फेमा, 1999 के प्रावधानों अथवा फेमा, 1999 के अधीन अधिकारों का प्रयोग करते हुए जारी किसी नियम, विनियम, अधिसूचना, निर्देश अथवा आदेश के संबंध में किये गये कथित उल्लंघनों के बारे में क्षेत्राधिकार का प्रयोग करेगा।

4.2 प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों के साथ आवेदन पत्र तथा वैयक्तिक सुनवाई के दौरान किये गये प्रस्तुतीकरणों के आधार पर कंपाउंडिंग प्राधिकारी (सीए) उल्लंघन के स्वरूप पर अभिमत तैयार करेंगा।

4.3 बाद में कंपाउंडिंग के लिए आवेदन पत्र पर कार्यवाही की जाएगी और अभिलेखों और प्रस्तुतीकरणों की गुणवत्ता तथा कंपाउंडिंग प्राधिकारी (सीए) के विवेकानुसार निपटान किया जाएगा। कंपाउंडिंग आदेश पारित करने के प्रयोजन के लिए निम्नलिखित घटक, जो केवल निदर्शी हैं, विचारार्थ लिये जाएंगे और उल्लंघन के भुगतान पर राशि की मात्रा का निर्णय करते हुए कंपाउंडिंग किया जाएगा:

(i) अनुचित लाभ के प्राप्ति की राशि, उल्लंघन के परिणामस्वरूप जहां भी परिमाणनीय;

(ii)  उल्लंघन के परिणामस्वरूप किसी प्राधिकारी/एजेंसी/राजकोष को हुई हानि की राशि;

(iii) विलंबित अनुपालन अथवा टाले गये अनुपालन से उल्लंघनकर्ता को उपचित आर्थिक लाभ;

(iv) उल्लंघन का पुनरावर्तीय स्वरूप, उल्लंघनकर्ता के गैर-अनुपालन का ट्रैक रिकार्ड और/अथवा इतिहास;

(v) उल्लंघनकर्ता का लेनदेन करते समय आचरण तथा आवेदन पत्र में और वैयक्तिक सुनवाई  के दौरान प्रस्तुतीकरण में पूरे तथ्यों का प्रकटीकरण;

(vi) कोई अन्य घटक जो उससे संबंधित तथा यथोचित हो।

5. कंपाउंडिंग आदेश जारी करना

5.1 आवेदक को किसी विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर आवेदन पत्र के समर्थन में वैयक्तिक रूप से आगे और अधिक दस्तावेजों के प्रस्तुतीकरण के लिए वैयक्तिक सुनवाई हेतु एक अवसर प्रदान किया जाएगा। यदि उल्लंघनकर्ता अथवा उसका प्राधिकृत प्रतिनिधि वैयक्तिक सुनवाई हेतु कंपाउंडिंग प्राधिकारी (सीए) के समक्ष वैयक्तिक रूप से उपस्थित रहने तथा किसी प्रस्तुतीकरण करने में चूक जाता है तो कंपाउंडिंग प्राधिकारी (सीए) कंपाउंडिंग के लिए आवेदन पत्र के साथ उपलब्ध जानकारी तथा प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों के आधार पर कंपाउंडिंग आवेदन पत्र पर कार्यवाही प्रारंभ करेगा।

5.2 कंपाउंडिंग प्राधिकारी (सीए) आवेदन पत्र में किये गये प्रकथन तथा वैयक्तिक सुनवाई  के दौरान उल्लंघनकर्ता द्वारा इस संबंध में किये गये प्रस्तुतीकरण,यदि कोई हो, के आधार पर कंपाउंडिंग आदेश पारित करेगा।

5.3 जहाँ फेमा की धारा 16 की उप धारा (3) के अधीन शिकायत किये जाने के बाद, जैसी भी स्थिति हो, विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 के नियम 8 के उप नियम (2) के अधीन जारी किये गये कंपाउंडिंग आदेश की एक प्रति आवेदक (उल्लंघनकर्ता) को तथा न्यायनिर्णय प्राधिकारी को भी दी जाए।

6. कंपाउंडिंग के बाद की क्रियाविधि

6.1 विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 के नियम 8 के उप नियम (2) के अधीन कंपाउंडिंग के आदेश में यथाविनिर्दिष्ट कंपाउंडिंग की गयी उल्लंघन की राशि का भुगतान, इस प्रकार के उल्लंघन के कंपाउंडिंग के आदेश की तारीख से 15 दिनों के भीतर ''भारतीय रिज़र्व बैंक'' के पक्ष में मांग ड्राफ्ट के रूप में देय है। कंपाउंडिंग आदेश में निदेशित किये गये अनुसार मांग ड्राफ्ट जमा करना होगा।

6.2 कंपाउंडिंग आदेश पारित किये जाने के बाद आदेश हटाने के लिए अथवा कंपाउंडिंग आदेश अवैध है यह धारित करने के लिए अथवा कंपाउंडिंग प्राधिकारी द्वारा पारित आदेश की समीक्षा का अनुरोध करने के लिए नियमावली के प्रावधान उल्लंघनकर्ता को कोई अधिकार प्रदान नहीं करते हैं।

6.3 कंपाउंडिंग आदेश में विनिर्दिष्ट सीमा के भीतर कंपाउंडेड राशि का भुगतान करने में चूक जाने पर विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 के नियम 10 के अनुसार यह समझा जाएगा कि उल्लंघनकर्ता ने इन नियमावली के अधीन किसी उल्लंघन के कंपाउंडिंग के लिए कभी भी आवेदन नहीं किया था।

6.4 कंपाउंडेड उल्लंघन की राशि के माँग ड्राफ्ट की वसूली पर रिज़र्व बैंक द्वारा आदेश में विनिर्दिष्ट शर्तों, यदि कोई हो, के अधीन इस संबंध में एक प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा ।

6.5 फेमा, 1999 के उल्लंघन के संबंध में (फेमा, 1999 के खंड 13 में यथापरिभाषित), जो कंपाउंडिंग प्राधिकारी द्वारा कंपाउंडेड नहीं है, उल्लंघनों के संबंध में फेमा, 1999 के संबंधित प्रावधान तदनुसार लागू होंगे।

7. कंपाउंडिंग प्रक्रिया के लिए पूर्वापेक्षा

7.1  किसी व्यक्ति द्वारा किये गये उल्लंघन जो कंपाउंडिंग नियमावली के अधीन कंपाउंडेड थे, उसी प्रकार के  उल्लंघन की तारीख से तीन वर्षों की अवधि के भीतर किये गये उल्लंघन के संबंध में ऐसे उल्लंघन कंपाउंड नहीं किये जाएंगे। ऐसे उल्लंघन का समाधान फेमा, 1999 के संबंधित प्रावधान के अधीन किया जाएगा। किसी दूसरे अथवा पूर्व में कंपाउंडेड उल्लंघन की तारीख से तीन वर्षों की अवधि की समाप्ति के बाद किये गये अनुवर्ती उल्लंघन को पहला उल्लंघन समझा जाएगा।

7.2 किसी लेन देन से संबंधित उल्लंघन, जिसमें सरकार अथवा संबंधित कोई सांविधिक प्राधिकारी, जैसी भी स्थिति हो, से उचित अनुमोदन अथवा अनुमति प्राप्त नहीं की गयी है, ऐसे उल्लंघन संबंधित प्राधिकारियों से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किये बिना कंपाउंडेड नहीं किये जाएंगे।

7.3 धन शोधन के दृष्टिकोण, राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले  और / अथवा विनियामक ढ़ांचे के गंभीर अतिक्रमण जैसे उल्लंघन के मामले अथवा ऐसे मामले जहां उल्लंघनकर्ता  जिस उल्लंघन के लिए कंपाउंडिंग आदेश के अनुसार विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर कंपाउंड राशि अदा करने में चूक गया है, फेमा, 1999 के अधीन आगे की जाँच और आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय अथवा धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के कार्यान्वयन के लिए स्थापित प्राधिकारी को अथवा किसी अन्य एजेंसी, जो भी उचित हो, को आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित किये जाएंगे।

7.4 जब कभी उल्लंघन ध्यान में आते हैं तब रिज़र्व बैंक सामान्यत: कंपाउंडिंग के लिए आवेदन करने के लिए संबंधित व्यक्तियों को उनकी पसंद तथा विकल्प के बारे में सूचित करता है । यदि रिज़र्व बैंक द्वारा दर्शायी गयी समय सीमा के भीतर कंपाउंडिंग के लिए आवेदन नहीं किया जाता है तो ऐसे उल्लंघन के तथ्य आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय के ध्यान में लाये जाएंगे।


संलग्नक

विदेशी मुद्रा ( कंपाउंडिंग नियमावली), 2000

2 नवंबर 2002 की जी.एस.आर.443(ई)
13 सितंबर 2004 की जी.एस.आर.609(ई)
27 अगस्त 2008 की जी.एस.आर.613(ई)

के जरिये यथा संशोधित

3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 383(ई)

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 15 की उप-धारा (1) के साथ पठित धारा 46 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार इसके द्वारा उक्त अधिनियम के अध्याय IV के तहत उल्लंघनों के कंपाउंडिंग से संबंधित निम्नलिखित नियम बनाती है अर्थात् -

1. संक्षित नाम और प्रारंभ -

(1) ये नियम विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग कार्यवाही) नियमावली, 2000 कहलायेंगे।

(2) ये 1 जून 2000 को लागू होंगे।

2. परिभाषा - इन नियमों में, जब तक अन्यथा अपेक्षित न हो -

(क) "अधिनियम" का अर्थ विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) है;

(ख) "प्राधिकृत अधिकारी" का अर्थ नियम 3 के उप-नियम (1) के तह्त प्राधिकृत कोई अधिकारी है;

(ग) "आवेदक" का अर्थ उस व्यक्ति से है जो कंपाउंडिंग प्रधिकारी को अधिनियम की धारा 15(1) के अधीन आवेदन करता है

(घ) "कंपाउंडिंग आदेश" का अर्थ अधिनियम की धारा 15 की उप-धारा (1) के अधीन जारी कोई आदेश है;

(ङ) "फार्म" का अर्थ इन नियमों के साथ संलग्न फार्म है;

(च) "धारा" का अर्थ अधिनियम की किसी धारा से है;

(छ) सभी अन्य शब्द और अभिव्यक्तियां, जिनका इन नियमों में प्रयोग किया गया है और परिभाषित नहीं किया गया है किन्तु अधिनियम में परिभाषित किया गया है का अर्थ अधिनियम में उनके अपने-अपने लिए निर्धारित किए गए अर्थ होंगे।

3. (1) "कंपाउंडिंग प्राधिकारी" का अर्थ उस व्यक्ति से है जिसे अधिनियम की धारा 15 की उप-धारा (1) के अधीन केंद्र सरकार द्वारा प्राधिकृत किया गया है अर्थात्:

(क) प्रवर्तन निदेशालय का कोई अधिकारी जो कम से कम उप-निदेशक अथवा उप-विधि परामर्शदाता की श्रेणी का है।

(ख) भारतीय रिज़र्व बैंक का अधिकारी, जो कम-से-कम सहायक महाप्रबंधक की श्रेणी का है।

4. उल्लंघनों को कंपाउंड करने के लिए रिज़र्व बैंक के अधिकार

1 [(1) यदि कोई व्यक्ति विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 3 के खण्ड (क) को छोड़कर अधिनियम के किसी प्रावधान का उल्लंघन करता है

(क) दस लाख रुपये अथवा उससे कम की राशि के उल्लंघनों के मामले में भारतीय रिज़र्व बैंक के सहायक महाप्रबंधक द्वारा;

(ख) दस लाख रुपये से अधिक किन्तु चालीस लाख रुपये से कम के उल्लंघनों के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के उप महाप्रबंधक द्वारा;

(ग) चालीस लाख रुपये से अधिक किन्तु सौ लाख रुपये से कम के उल्लंघनों के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के महाप्रबंधक द्वारा;

(घ) एक सौ लाख रुपये अथवा उससे अधिक के उल्लंघनों के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक द्वारा;

बशर्ते आगे ऐसे उल्लंघनों में शामिल राशि का परिमाण निर्धारित होने तक किसी भी उल्लंघन की कंपाउंडिंग नहीं की जाएगी।

(2) उप-धारा (1) में दी गई कोई भी बात उस उल्लंघन पर लागू नहीं होंगी जो किसी व्यक्ति द्वारा उस दिनांक से तीन वर्ष के अंदर किया गया है और उस दिनांक को उसके द्वारा किए गए समान उल्लंघन के लिए कंपाउंडिंग की गई थी।

स्पष्टीकरण: इस नियम के प्रयोजन के लिए पूर्व में किए गए उल्लंघन की कंपाउंडिंग की तारीख से तीन वर्ष की अवधि समाप्त होने के बाद किए गए किसी दूसरे या बाद के उल्लंघन को पहला उल्लंघन समझा जाएगा।

(3) नियम 4 के उप-नियम (1) के अंतर्गत विनिर्दिष्ट भारतीय रिज़र्व बैंक का प्रत्येक अधिकारी किसी उल्लंघन के कंपाउंडिंग के अधिकार का प्रयोग भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर के निदेश, नियंत्रण, पर्यवेक्षण के अधीन करेगा।

(4) इस नियम के अंतर्गत किसी उल्लंघन के कंपाउंडिंग का प्रत्येक आवेदन, फार्म में कंपाउंडिंग प्राधिकारी के पक्ष में 5000/- रुपये के डिमांड ड्राफ्ट के शुल्क के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई को किया जाए।

5. उल्लंघनों के कंपाउंडिंग के लिए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकार

2 [(1) यदि कोई व्यक्ति विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम की धारा 3(क) के प्रावधानों का उल्लंघन करता है]

(क) पांच लाख रुपये अथवा उससे कम की राशि के उल्लंघनों के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के उप निदेशक द्वारा;

(ख) पांच लाख रुपये से अधिक किन्तु दस लाख रुपये से कम की राशि के उल्लंघनों के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के अपर निदेशक द्वारा;

(ग) दस लाख रुपये से अधिक किन्तु पचास लाख रुपये से कम की राशि के उल्लंघनों के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के विशेष निदेशक द्वारा;

(घ) पचास लाख रुपये अथवा उससे अधिक किन्तु एक करोड़ रुपये से कम की राशि के उल्लंघनों के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के उप विधि परामर्शदाता के साथ विशेष निदेशक द्वारा;

(ङ) एक करोड़ रुपये अथवा उससे अधिक राशि के उल्लंघन की स्थिति में प्रवर्तन निदेशालय के विशेष निदेशक के साथ प्रवर्तन निदेशक द्वारा;

बशर्ते कि आगे ऐसे उल्लंघनों में शामिल राशि का परिमाण निर्धारित होने तक किसी भी उल्लंघन की कंपाउंडिंग नहीं की जाएगी।

(2) उप धारा 1 में दी गई कोई भी बात उस उल्लंघन पर लागू नहीं होंगी जो किसी व्यक्ति द्वारा उस दिनांक से तीन वर्ष के अंदर किया गया है और उस दिनांक को उसके द्वारा किए गए समान उल्लंघन के लिए कंपाउंडिंग इन नियमों के अधीन की गई थी।

स्पष्टीकरण: इस नियम के प्रयोजन के लिए पूर्व में किए गए उल्लंघन की कंपाउंडिंग के दिनांक से तीन वर्ष की अवधि समाप्त होने के बाद किए गए दूसरे या बाद के उल्लंघन को पहला उल्लंघन समझा जाएगा।

(3) इस नियम के उप नियम (1) के अंतर्गत निर्दिष्ट प्रवर्तन निदेशालय का प्रत्येक अधिकारी किसी भी उल्लंघन के कंपाउंडिंग के लिए अधिकार का प्रयोग प्रवर्तन निदेशालय के निदेश, नियंत्रण और पर्यवेक्षण के अधीन करेंगे।

(4) इस नियम के अंतर्गत किसी उल्लंघन के कंपाउंडिंग के लिए प्रत्येक आवेदन कंपाउंडिंग प्राधिकारी के पक्ष में 5,000/- रुपये के डिमांड ड्राफ्ट के शुल्क के साथ फार्म में निदेशक, प्रवर्तन निदेशालय, नई दिल्ली को किया जाए।

6. जहां धारा 16 के अधीन उल्लंघन के न्याय निर्णयन के पूर्व किसी उल्लंघन की कंपाउंडिंग की जाती है तो ऐसे उल्लंघन के न्याय निर्णयन के लिए ऐसे उल्लंघन के संबंध में उस व्यक्ति के विरुद्ध कोई जांच पड़ताल नहीं की जाएगी जिसके उल्लंघन की इस तरह् कंपाउंडिंग की गई है।

7. जहां धारा 16 की उप-धारा (3) के अधीन शिकायत करने के बाद किसी उल्लंघन की कंपाउंडिंग की जाती है तो ऐसे कंपाउंडिंग की सूचना नियम 4 और 5 में विनिर्दिष्ट प्राधिकारी द्वारा निर्णायक प्राधिकारी को लिखित रूप में दी जाए तथा उल्लंघन के कंपाउंडिंग की ऐसी सूचना देने पर उस व्यक्ति, जिसके संबंध में उल्लंघन की इस तरह् का कंपाउंडिंग किया गया है, को मुक्त कर दिया जाएगा।

8. कंपाउंडिंग करने की प्रक्रिया

(1) कंपाउंडिंग प्राधिकारी, कंपाउंडिंग प्रक्रिया से संबंधित कोई भी सूचना, रिकार्ड या संबंधित दस्तावेज की मांग कर सकता है।

(2) कंपाउंडिंग प्राधिकारी यथासंभव शीघ्रता से सभी संबंधितों की सुनवाई करने के बाद आवेदन की तारीख से अधिक से अधिक 180 दिनों के अंदर कंपाउंडिंग के आदेश जारी करेगा।

9. कंपाउंड की गई राशि का भुगतान

3 नियम 8 के उप-नियम (2) के अधीन कंपाउंडिंग के आदेश में विनिर्दिष्ट किए गए अनुसार उस राशि को जिसके लिए उल्लंघन का कंपाउंडिंग किया जाता है, ऐसे उल्लंघन के कंपाउंडिंग के आदेश की तारीख से 15 दिनों के अंदर कंपाउंडिंग प्राधिकारी के पक्ष में डिमांड ड्राफ्ट द्वारा अदा की जाएगी।

10. उस नियम में विनिर्दिष्ट समय के अंदर नियम 9 के अनुसार कंपाउंडिंग की गई राशि का भुगतान करने में किसी व्यक्ति के चूक जाने के मामले में यह समझा जाएगा कि उस व्यक्ति ने इन नियमों के अंतर्गत किसी उल्लंघन के कंपाउंडिंग के लिए कभी कोई आवेदन नहीं किया है तथा उल्लंघन के लिए अधिनियम के प्रावधान उस पर लागू होंगे।

11. यदि अपील अधिनियम की धारा 17 अथवा 19 के अधीन दायर(फाइल) की गई है तो उल्लंघन के लिए कोई कंपाउंडिंग नहीं की जाएगी।

12. कंपाउंडिंग प्राधिकारी के आदेश की विषयवस्तु

(1) प्रत्येक आदेश में कथित उल्लंघन के ब्योरों के साथ अधिनियम के उन प्रावधानों या उसके तहत बनाए गए नियम, निदेश अथवा शर्त अथवा आदेश को विनिर्दिष्ट करेंगे जिसके संबंध में उल्लंघन हुआ है।

(2) ऐसे प्रत्येक आदेश पर कंपाउंडिंग प्रधिकारी के ह्स्ताक्षर उसकी सील और दिनांक के साथ होंगे।

13. आदेश की प्रति

नियम 8(2) के अंतर्गत दिए गए आदेश की एक प्रति आवेदक और निर्णायक प्रधिकारी, जैसी भी स्थिति हो, को दी जाएगी।


आवेदन का फार्मेट

फार्म
(नियम 4 अथवा 5 देखें)

( दो प्रतियों में भरा जाए और जारी किए गए ज्ञापन की अधिप्रमाणित प्रतिलिपि
   के साथ प्रस्तुत किया जाए।)

1. आवेदक का नाम (स्पष्ट अक्षरों में)
2. आवेदक का पूरा पता( फोन तथा फैक्स नंबर के साथ)
3. क्या आवेदक भारत में अथवा भारत के बाहर निवास करता है [अधिनियम की धारा 2(v) देखें]
4. उस न्याय निर्णयन प्राधिकारी का नाम जिसके पास मामला विचाराधीन है
5. उल्लंघन का प्रकार [धारा 13 की उप-धारा (1) के अनुसार]
6. मामले के संक्षिप्त तथ्य
7. कंपाउंडिंग आवेदन के शुल्क के ब्योरे
8. मामले से संबंधित कोई अन्य सूचना

मैं / हम एतद्वारा यह घोषित करता हूं/करते हैं कि मेरी अधिकतम जानकारी और विश्वास के अनुसार उपर्युक्त दिए गए ब्योरे सही और तथ्यपरक है और मैं/हम मेरे/हमारे मामले के कंपाउंडिंग के संबंध में कंपाउंडिंग प्राधिकारी के निदेश/ आदेश को स्वीकार करने के इच्छुक हूं/हैं।

(आवेदक के हस्ताक्षर)

नाम:------------

दिनांक:


परिशिष्ट

इस मास्टर परिपत्र- फेमा,1999 के उल्लंघनों की कंपाउंडिंग में समेकित नियमों/
ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्रों की सूची

नियम

क्रम सं.

नियम संख्या

तारीख

1

विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000

3 मई 2000

2

विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली,2002 (संशोधन)

2 नवंबर 2002

3

विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2004 (संशोधन)

13 सितंबर 2004

4

विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2004 (संशोधन)

27 अगस्त 2008

28 जून 2010 का ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 56


1 27 अगस्त 2008 की जी.एस.आर.613(ई)।

2 13 सितंबर 2004 की जी.एस.आर.609(ई) GSR 609 (E) dated September 13, 2004

3 02 नवम्बर  2002 की जी.एस.आर.443(ई)

 
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