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Date: 29/03/2010
लोक भवि‍ष्य नि‍धि योजना - 1968: 1) जमा ति‍थि‍नि‍श्चि‍त करने के लि‍ए स्पष्टीकरण 2) नाबालि‍ग का खाता खोलने के लि‍ए नि‍र्देशों को दोहराना

आरबीआई/2009-10/365
सबैलेवि‍.केंऋप्र.एच -7530/15.02.001/2009-10

 मार्च  29, 2010

अध्यक्ष एवं प्रबंध नि‍देशक/प्रबंध नि‍देशक/महाप्रबंधक
सरकारी लेखा कारोबार वि‍भाग/प्रधान कार्यालय
भारतीय स्टेट बैंक/स्टेट बैंक ऑफ  इंदौर/स्टेट बैंक ऑफ  पटि‍याला/
स्टेट बैंक ऑफ  बीकानेर एंड जयपुर/ स्टेट बैंक ऑफ  त्रावणकोर/
स्टेट बैंक ऑफ  हैदाराबाद/स्टेट बैंक ऑफ  मैसूर/इलाहाबाद बैंक/
बैंक ऑफ  बड़ौदा/बैंक ऑफ  इंडि‍या/ बैंक ऑफ  महाराष्ट्र/केनरा बैंक/
सेंट्रल बैंक ऑफ  इंडि‍या/देना बैंक/इंडि‍यन बैंक/इंडि‍यन ओवरसीज़ बैंक/पंजाब नेशनल बैंक/सिंडीकेट बैंक/यूको बैंक/यूनि‍यन बैंक ऑफ  इंडि‍या/ कॉरपोरेशन बैंक/युनाईटेड बैंक ऑफ  इंडि‍या/ आइसीआइसीआइ बैंक लि‍मि‍टेड/वि‍जया बैंक/आइडीबीआय बैंक

महोदय / महोदया

लोक भवि‍ष्य नि‍धि योजना - 1968:
1) जमा ति‍थि‍नि‍श्चि‍त करने के लि‍ए स्पष्टीकरण
2) नाबालि‍ग का खाता खोलने के लि‍ए नि‍र्देशों को दोहराना

1.  चैक भुगतान के मामले में जमा ति‍थि‍नि‍श्चि‍त करना:

(ए) जैसा कि‍आप जानते है कि‍वि‍त्त मंत्रालय के दि‍नांक 4 सि‍तंबर 1972 के पत्र सं.एफ .3(9)-पीडी/72 में वि‍हि‍त नि‍र्देशों के अनुसार लोक भवि‍ष्य नि‍धी, 1968 (पीपीएफ ) के मामले में " जब कोई जमाकर्ता स्थानीय चैक या डि‍मांड ड्राफ्ट के द्वारा राशि‍जमा करता है, तब चेक के आदृत होने / भुनाए जाने की स्थि‍ति‍में, लेखा कार्यालय में चैक प्राप्ति‍की  दि‍नांक, जमा दि‍नांक मानी  जाती है "।   हालांकि‍भारत सरकार की अन्य लघु बचत योजनाओं, जैसे डाक घर बचत योजना (पीओएसएस), वरि‍ष्ठ नागरि‍क बचत योजना, 2004 (एससीएसएस) के मामले में चैक (स्थानीय या अन्य केन्द्र का) के द्वारा पैसा जमा कि‍ए जाने पर चेक के भुनाने की ति‍थि‍को जमा ति‍थि‍ माना जाता है ।

(बी) पीपीएफ, पीओएसएस एवं एससीएसएस की जमा ति‍थि‍नि‍श्चि‍त करने में एकरूपता लाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने दि‍नांक 10 फरवरी 2010 के पत्र एफ  क्र.7/7/2008/एनएस-II के द्वारा इस मामले में पीपीएफ  योजना के संबंध में जारी अपने दि‍नांक 4 सि‍तंबर 1972 के पत्र सं.एफ .3(9)-पीडी/72 में संशोधन किया है। अत: तद्नुसार "जब भी पीपीएफ  खाते में स्थानीय चैक या डि‍मांड ड्राफ्ट से अंशदाता द्वारा जमा की जाएगी, तब राशि‍की वसूली होने की ति‍थि‍जमा दि‍नांक मानी जाएगी " ।

(सी) आप इसे अपनी पीपीएफ कारोबार करनेवाली शाखाओं को सूचि‍त करें और सुनि‍श्चि‍त करें कि‍कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था में भी इसे शामि‍ल कर लि‍या जाए । यह सूचना ग्राहकों की जानकारी के लिए शाखाओं में भी विधिवत प्रदर्शित की जाएं ।

2.  नाबालि‍ग का खाता खोलना:

(ए) कुछ एजेंसी बैंकों द्वारा नाबालि‍गों के खाते न खोले जाने की शि‍कायत प्राप्त होने के प्रकाश में, यह दोहराया जाता है कि‍पीपीएफ  योजना,1968 के नि‍यम 3(1) के अनुसार कोई व्यक्ति‍अपने लि‍ए या कि‍सी ऐसे नाबालि‍ग के लि‍ए, जि‍सका वह अभि‍भावक हो, लोक भवि‍ष्य नि‍धि‍में अंशदान कर सकता है ।  आगे लेख है कि‍वि‍त्त मंत्रालय के दि‍नांक 17 नवम्बर 1989 के पत्र क्र.एफ -7/ 34/ 88/ एनएस-II के द्वारा स्पष्ट कि‍या गया है कि‍अपने नाबालि‍ग बच्चे के लि‍ए माता या पि‍ता दोनों में से कोई एक ही पीपीएफ  खाता खोल सकता है ।

(बी) आप अपनी पीपीएफ योजना का परि‍चालन करनेवाली शाखाओं को इन नि‍र्देशों से अवगत कराएं ।

भवदीया

(संगीता लालवानी)
उप महाप्रबंधक

 
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