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Date: 09/11/2017
एनबीएफसी द्वारा वित्तीय सेवाएं आउटसोर्स करने में जोखिम और आचार संहिता प्रबंधन पर निदेश

आरबीआई/2017-18/87
डीएनबीआर.पीडी.सीसी.संख्या.090/03.10.001/2017-18

09 नवंबर 2017

सेवा में
सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी)

महोदया/महोदय

एनबीएफसी द्वारा वित्तीय सेवाएं आउटसोर्स करने में जोखिम और आचार संहिता प्रबंधन पर निदेश

भारतीय रिजर्व बैंक, जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में एनबीएफसी द्वारा आउटसोर्सिंग की गतिविधियों के लिए आवश्यक सुरक्षा स्थापित करने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 एल द्वारा प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक अनुलग्नक में दिये अनुसार निर्देश जारी करता है।

2. सभी एनबीएफसी को यह सूचित किया जाता है कि वे अपनी वर्तमान आउटसोर्सिंग व्यवस्था का स्वयं-मूल्यांकन करें और उसे इस परिपत्र की तिथि से दो माह के भीतर इसके निर्देशों के अनुरूप करें।

3. प्रणालीगत महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली अथवा जमाराशि स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016, गैर प्रणालीगत महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली अथवा जमाराशि स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी- एकाउंट अग्रीगेटर (रिज़र्व बैंक) निदेश 2016, मूल निवेश कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016, स्टैंडएलोन प्राइमरी डीलर (रिज़र्व बैंक) निदेश 2016 और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी- पी2पी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017 को तदनुसार अद्यतन बनाया गया है।

भवदीय,

(सी. डी. श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक


संलग्नक

एनबीएफसी द्वारा वित्तीय सेवाएं आउटसोर्स करने में जोखिम और आचार संहिता प्रबंधन पर निदेश

1. परिचय

1.1 आउटसोर्सिंग को इस रूप में परिभाषित किया जा सकता है – एनबीएफसी द्वारा निरन्तरता के आधार पर किसी तीसरे पक्ष (जो किसी कार्पोरेट समूह के भीतर एक सम्बद्ध संस्था हो या उस कार्पोरेट समूह से बाहर की संस्था हो) के माध्यम से उन गतिविधियों को, वर्तमान या भविष्य में कराना जिन्हें सामान्यतः एनबीएफसी स्वयं करते हैं। निरंतरता के आधार’ के अंतर्गत सीमित अवधि के करार भी शामिल होंगे ।

1.2 एनबीएफसी विभिन्न गतिविधियों की व्यापक आउटसोर्सिंग कर रहे हैं और इस प्रकार पैरा 5.3 में गए विवरण के अनुसार अनेक जोखिम उत्पन्न होते हैं। इसके अलावा, आउटसोर्सिंग गतिविधियों को नियामक सीमा के अन्तर्गत लाया जाना है ताकि

  1. ग्राहकों के हित की रक्षा हो सके। तथा

  2. सेवा प्रदाता की सभी बहियों, अभिलेखों और उपलब्ध सूचना तक संबंधित एनबीएफसी और भारतीय रिज़र्व बैंक की पहुँच सुनिश्चित की जा सके।
    सामान्य रूप से जिन वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग की जाती है उनमें अन्य के साथ-साथ आवेदनों की प्रोसेसिंग (ऋण का आरम्भ, क्रेडिट कार्ड), प्रलेखों /दस्तावेजों की प्रोसेसिंग, विपणन और शोध, ऋण का पर्यवेक्षण, डेटा प्रोसेसिंग और आंतरिक परिचालन (बैक ऑफिस) से संबंधित गतिविधियाँ शामिल हैं ।

1.3 आउटसोर्सिंग के महत्वपूर्ण जोखिम हैं - कार्य नीतिगत जोखिम, प्रतिष्ठा जोखिम, अनुपालन जोखिम, विधिक जोखिम, निर्गमन नीति जोखिम, प्रतिपक्षी जोखिम, देश जोखिम, संविदागत जोखिम, प्रवेश जोखिम, संकेंद्रण और सर्वांगी जोखिम। यदि सेवा प्रदाता विनिर्दिष्ट सेवा देने में चूक करे, सुरक्षा /गोपनीयता का उल्लंघन करे अथवा सेवा प्रदाता ‍द्वारा विधिक और विनियामक अपेक्षाओं का अनुपालन न हो तो एनबीएफसी को वित्तीय हानि या प्रतिष्ठा की हानि हो सकती है तथा इससे सर्वांगी जोखिम भी उत्पन्न हो सकता है ।

1.4 अतः एनबीएफसी के लिए यह आवश्यक होगा कि अपनी गतिविधियों का आउटसोर्सिंग करते समय वे यह सूनिश्चित करें कि उक्त गतिविधियों की आउटसोर्सिंग से उत्पन्न जोखिम के संबंध में प्रभावी पर्यवेक्षण और सावधानी बरतने तथा जोखिम प्रबंध करने के लिए उत्कृष्ट और सम्यक जोखिम प्रबंध पद्धतियाँ अपनाई जाए । ये निदेश भारत या अन्यत्र स्थित सेवा प्रदाता के साथ पैरा 3 में की गई व्याख्या के अनुसार एनबीएफसी द्वारा की गयी महत्त्वपूर्ण आउटसोर्सिंग व्यवस्था पर लागू होंगे । एनबीएफसी जिस समूह / संगुट का सदस्य हो, सेवा प्रदाता उसका सदस्य हो सकता है अथवा समूह से असम्बद्ध पक्ष हो सकता है।

1.5 इन निदेशों का अन्तर्निहित सिद्धान्त यह है कि विनियमित संस्था यह सुनिश्चित करे कि आउटसोर्सिंग व्यवस्था के कारण ग्राहकों और भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रति दयित्व पूर्ति की उसकी क्षमता में कमी नहीं होगी और न ही भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रभावी पर्यवेक्षण में कोई बाधा पहुँचेगी । अतः एनबीएफसी को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना होगा कि सेवा प्रदाता सेवा प्रदान करने में उतने ही उच्च स्तर की सावधानी बरतता है, जितनी तब एनबीएफसी बरतता, यदि आउटसोर्स की गई गतिविधियाँ एनबीएफसी के भीतर ही रहती और उनकी आउटसोर्सिंग नहीं होती । अतः एनबीएफसी को ऐसी आउटसोर्सिंग नहीं करनी चाहिए जिनसे उनका आंतरिक नियंत्रण, कारोबारी आचरण या प्रतिष्ठा प्रभावित हो या क्षीण हो ।

1.6 (i) ये निदेश वित्तीय सेवाओं के आउटसोर्सिंग से संबंधित जोखिम प्रबंधन से जुड़ा हुआ है और न कि तकनीकी संबंधित विषयों अथवा जो वित्तीय सेवाओं से संबंधित नहीं है जैसे कि कूरियर सेवा, स्टाफ के लिए खानपान, हाउसकीपिंग तथा साफ-सफाई सेवाएं, परिसरों की सुरक्षा, रिकॉर्डॊं को लाना-ले जाना और रख-रखाव इत्यादि। वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग के इच्छुक एनबीएफसी को भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमोदन लेने की आवश्यकता नहीं है । तथापि ऐसी व्यवस्था भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ऑन साइट/ऑफ साइट अनुवीक्षण और निरीक्षण / जांच के अधीन होगी।

(ii) क्रेडिट कार्डों से जुड़ी सेवाओं की आउटसोर्सिंग के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के 21 नवंबर 2005 के परिपत्र डीबीओडी.एफएसडी.बीसी.49/24.01.011/2005-06 में निहत क्रेडिट कार्ड गतिविधियों संबंधी विस्तृत निर्देश लागू होंगे ।

2. ऐसी गतिविधियाँ जिनकी आउटसोर्सिंग नहीं की जानी है

जो एनबीएफसी वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग करने का निर्णय लेते हैं उन्हें आंतरिक लेखा परीक्षा, कार्यनीतिक तथा अनुपालन कार्य और निर्णय लेने से संबंधी कार्य, उदाहरण के लिए जमा खाता खोलने के लिए ‘अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करना, ऋण (खुदरा ऋण सहित) की मंजूरी देना और निवेश संविभाग का प्रबंध जैसे मुख्य प्रबंध संबंधी कार्यों की आउटसोर्सिंग नहीं करनी चाहिए। तथापि, समूह/संगुट में शामिल एनबीएफसी के लिए इन गतिविधियों का आउटसोर्सिंग अपने समूह में की जा सकती है, बशर्ते कि पैरा 6 में दिये गए निर्देशों का अनुपालन किया जाए। इसके अतिरिक्त, आंतरिक लेखा परीक्षा कार्य जहां स्वयं में प्रबंधन प्रक्रिया है, वहां आंतरिक लेखा परीक्षक ठेके पर रखे जा सकते हैं।

3. महत्वपूर्ण आउटसोर्सिंग

इन निदेशों के संदर्भ में महत्वपूर्ण आउटसोर्सिंग व्यवस्थाएँ वे हैं जिनके बाधित होने पर कारोबारी परिचालन, प्रतिष्ठा, लाभप्रदता अथवा ग्राहक सेवा पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है । आउटसोर्सिंग की महत्ता निम्नलिखित पर आधरित होगी -

  • आउटसोर्स की जा रही गतिविधि की एनबीएफसी के लिए महता का स्तर तथा इससे जुड़े जोखिम की महता ।

  • आउटसोर्सिंग का एनबीएफसी के विभिन्न परिमापों यथा एनबीएफसी की आय, ऋण शोधन क्षमता, निधीयन पूंजी और जोखिम के स्वरूप पर प्रभाव ।

  • यदि सेवा प्रदाता सेवा न दे सके तो एनबीएफसी की प्रतिष्ठा और ब्रांड मूल्य तथा कारोबारी उद्देश्य, रणनीति और योजनाओं को कार्यान्वित करने की एनबीएफसी की योग्यता पर पड़ने वाला संभावित प्रभाव ।

  • एनबीएफसी की कुल परिचालन लागत के अनुपात के रूप में आउटसोर्सिंग की लागत ।

  • यदि एनबीएफसी एक ही सेवा प्रदाता को विभिन्न कार्यों की आउटसोर्सिंग करता है और उसका ग्राहक सेवा पर कोई महत्त्वपूर्ण प्रभाग पड़ता है तो आउटसोर्सिंग सेवा प्रदाता के प्रति कुल एक्सपोज़र तथा

  • ग्राहक सेवा और सुरक्षा के संबंध में आउटसोर्स की गई गतिविधियों का महत्त्व।

4. एनबीएफसी की भूमिका तथा विनियामक और पर्यवेक्षीय अपेक्षाएँ

4.1 एनबीएफसी द्वारा अपनी किसी गतिविधि की आउटसोर्सिंग करने से एनबीएफसी का, उसके बोर्ड और वरिष्ठ प्रबंधतंत्र का दयित्व कम नहीं होता, क्योंकि आउटसोर्स की गयी गतिविधि का अन्तिम दायित्व उन्हीं पर है । अतः, एनबीएफसी प्रत्यक्ष बिक्री एजेन्ट /प्रत्यक्ष विपणन एजेन्ट और वसूली एजेन्टों सहित अपने सेवा प्रदाता के कार्यों तथा सेवा प्रदाता के पास ग्राहकों से संबंधित उपलब्ध सूचना की गोपनीयता के संबंध में उत्तरदायी होगा । एनबीएफसी के पास आउटसोर्स की गयी गतिविधि के संबंध में अंतिम नियंत्रण रहना चाहिए।

4.2 एनबीएफसी के लिए यह आवश्यक है कि आउटसोर्सिंग के संबंध में उचित सावधानी बरतते /समुचित छानबीन करते समय सभी संबंधित कानून, विनियमावली, मार्ग निर्देश, अनुमोदन, लाइसेंसिंग और पंजीकरण की शर्तों पर विचार करें ।

4.3 आउटसोर्सिंग व्यवस्था से एनबीएफसी के विरुद्ध ग्राहक का अधिकार प्रभावित नहीं होना चाहिए तथा संबंधित कानून के अंतर्गत समाधान प्राप्त करने की ग्राहक की क्षमता भी प्रभावित नहीं होनी चाहिए । चूंकि ग्राहकों को एनबीएफसी से कारोबार करने के क्रम में सेवा प्रदाता से कारोबार करना पड़ता है, अतः ऐसी स्थिति में एनबीएफसी को अपने उत्पाद साहित्य/पर्चे में इस प्रावधान को शामिल करना चाहिए कि एनबीएफसी अपने उत्पादों की बिक्री /विपणन आदि के लिए एजेंटों की सेवा लेगा । एजेन्टों की भूमिका मोटे तौर पर बतायी जानी चाहिए ।

4.4 सेवा प्रदाता आउटसोर्स की गयी गतिविधियों का प्रभावी रूप से पर्यवेक्षण और प्रबंध करने की एनबीएफसी की क्षमता प्रभावित नहीं होनी चाहिए तथा न तो भारतीय रिज़र्व बैंक के पर्यवेक्षीय कार्य और उद्देश्यों की पूर्ति में कोई बाधा उत्पन्न होनी चाहिए ।

4.5 एनबीएफसी के पास शिकायत निवारण की सुदृढ़ प्रणाली होनी चाहिए,जिसमें आउटसोर्सिंग के कारण कोई ढील नहीं दी जानी चाहिए ।

4.6 यदि सेवा प्रदाता एनबीएफसी की कोई समूह की कंपनी न हो तो वह एनबीएफसी के किसी निदेशक या कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत दिए गए अर्थ के अनुसार उनके संबंधियों द्वारा स्वाधिकृत या नियंत्रित नहीं होना चाहिए।

5. आउटसोर्स की गयी वित्तीय सेवाओं के संबंध में जोखिम प्रबंध पद्धतियाँ

5.1 आउटसोर्सिंग नीति

यदि कोई एनबीएफसी अपनी किसी वित्तीय गतिविधि की आउटसोर्सिंग करना चाहती है तो उसे एक समग्र आउटसोर्सिंग नीति बनानी चाहिए, जिसका अनुमोदन एनबीएफसी के बोर्ड ने किया हो तथा जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ, ऐसी गतिविधियों और सेवा प्रदाता के चयन की कसौटी, जोखिम और महत्ता के आधार पर प्राधिकार का प्रत्यायोजन तथा इन गतिविधियों के परिचालन की समीक्षा और निगरानी की प्रणाली शामिल होनी चाहिए ।

5.2 बोर्ड तथा वरिष्ठ प्रबंधन की भूमिका

5.2.1 बोर्ड की भूमिका

एनबीएफसी का बोर्ड या बोर्ड की ऐसी समिति जिसे शक्तियां प्रत्यायोजित की गयी हैं, अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी होगी-

  1. वर्तमान और भावी सभी आउटसोर्सिंग के जोखिमों और महत्ता के मूल्यांकन तथा ऐसी व्यवस्थाओं पर लागू नीतियों के मूल्यांकन की एक प्रणाली का अनुमोदन करना;

  2. जोखिमों और महत्ता के आधार पर आउटसोर्सिंग के लिए उपयुक्त अनुमोदन करनेवाले प्राधिकरियों का निर्धारण करना;

  3. इन निदेशों के अनुपालन के लिए वरिष्ठ प्रबंधन का एक उपयुक्त प्राशसनिक ढांचा गठित करना;

  4. आउटसोर्सिंग जारी रखने की प्रासंगिकता तथा उनकी सुरक्षा और सुदृढ़ता के लिए आउटसोर्सिंग कार्य नीतियों और व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा करना;

  5. आउटसोर्स की जानेवाली महत्वपूर्ण स्वरूप की कारोबारी गतिविधि के संबंध में निर्णय लेना और ऐसी व्यवस्थाओं का अनुमोदन करना।

5.2.2 वरिष्ठ प्रबंधन के उत्तरदायित्व

  1. बोर्ड द्वारा अनुमोदित प्रणाली के आधार पर सभी वर्तमान और भावी आउटसोर्सिंग के जोखिमों और महत्ता का मूल्यांकन करना;

  2. आउटसोर्सिंग गतिविधियों के स्वरूप, संभावना और जटिलता के अनुरूप सुदृढ़ और विवेकपूर्ण आउटसोर्सिंग नीतियां और क्रियविधियां विकसित करना और उन्हें कार्यान्वित करना;

  3. नीतियों और क्रियविधियों की कारगरता की आवधिक रूप से समीक्षा करना;

  4. महत्वपूर्ण आउटसोर्सिंग जोखिमों से संबंधित जानकारी बोर्ड को समय पर देना;

  5. यह सुनिश्चित करना कि वास्तविक और संभवित विघटनकारी स्थितियो पर आधरित आकस्मिकता योजनाएं बनायी जाती हैं और उनका परीक्षण किया जाता है;

  6. यह सुनिश्चित करना कि निर्धारित नीतियों के अनुपालन के लिए स्वतंत्र समीक्षा और लेखा परीक्षा की जाती है और

  7. आउटसोर्सिंग व्यवस्थाओं की आवधिक रूप से समीक्षा करना ताकि उत्पन्न होने वाले नये महत्वपूर्ण आउटसोर्सिंग जोखिमों का पता लगाया जा सके ।

5.3 जोखिमों का मूल्यांकन

एनबीएफसी द्वारा आउटसोर्सिंग के निम्नलिखित मुख्य जोखिमों का मूल्यांकन और उससे निपटने की ज़रूरत है -

(क) कार्य नीतिगत जोखिम - सेवा प्रदाता अपनी ओर से कोई ऐसा कारोबार कर रहा है, जो एनबीएफसी के समग्र कार्य नीतिगत लक्ष्यों के अनुरूप नहीं है ।

(ख) प्रतिष्ठा जोखिम - सेवा प्रदाता की खराब सेवा, ग्राहकों के साथ उसका परस्पर संपर्क एनबीएफसी के समग्र मानकों/स्तर के अनुरूप न हो ।

(ग) अनुपालन जोखिम – गोपनीयता, उपभोक्ता और विवेकपूर्ण कानूनों का पर्याप्त रूप से अनुपालन न किया जाना ।

(घ) परिचालन जोखिम - टेक्नोलॉजी फेल होने, धोखाधड़ी, गलती, दयित्वों को पूरा करने तथा/या उनके उपायों के लिए अपर्याप्त वित्तीय क्षमता से होनेवाले जोखिम ।

(ड) विधिक जोखिम - इसमें सेवा प्रदाता की गलती के कारण पर्यवेक्षी कार्रवाई तथा निजी निपटानों के फलस्वरूप लगनेवाले जुर्माने, दंड या दंडात्मक हानि शामिल है।

(च) निर्गमन कार्य नीति जोखिम - यह जोखिम एक ही फर्म पर अत्यधिक निर्भरता तथा एनबीएफसी में संबंधित कौशल की हानि से हो सकती है, जिससे उस गतिविधि को वापस आंतरिक रूप से एनबीएफसी में नहीं लाया जा सकता । यह जोखिम तब भी उत्पन्न होती है जब ऐसी संविदाएं की गयी हों जिनसे जल्दी बाहर निकलना अत्यधिक खर्चीला सिद्ध हो ।

(छ) प्रतिपक्षी जोखिम – अनुपयुक्त हामीदारी या साख मूल्यांकन के कारण होनेवाला जोखिम ।

(ज) संविदागत जोखिम - यह इस तथ्य पर निर्भर करता है कि संविदा लागू करने की एनबीएफसी की क्षमता है या नहीं ।

(झ) संकेंद्रण और सर्वागी जोखिम – जहां किसी सेवा प्रदाता पर समग्र उद्योग जगत अत्यधिक रूप से निर्भर हो और इस प्रकार एनबीएफसी इस सेवा प्रदाता पर अपना नियंत्रण नहीं रख सकता है। ।

(ञ) देश संबंधी जोखिम - राजनैतिक, सामाजिक या कानूनी वातावरण के कारण निर्मित होनेवाली अतिरिक्त जोखिम ।

5.4 सेवा प्रदाता की क्षमता का मूल्यांकन करना

5.4.1 आउटसोर्सिंग व्यवस्था पर विचार करते समय या समीक्षा करते समय आउटसोर्सिंग व्यवस्था में निहित दायित्वों की सेवा प्रदाता द्वारा अनुपालन करने की क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए उचित सतर्कता बरती जानी चाहिए । उचित सतर्कता के अंतर्गत गुणात्मक और मात्रात्मक, वित्तीय, परिचालन तथा प्रतिष्ठा संबंधी तत्वों को ध्यान में रखा जाना चाहिए । एनबीएफसी को इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या सेवा प्रदाताओं की प्रणाली उनकी अपनी प्रणाली के अनुरूप है तथा ग्राहक सेवा क्षेत्र सहित क्या उनके कार्य निष्पादन का स्तर उन्हें स्वीकार्य है । सेवा प्रदाता की क्षमता का मूल्यांकन करते समय एनबीएफसी को एक ही सेवा प्रदाता के साथ आउटसोर्सिंग व्यवस्थाओं के अनुचित संकेंद्रण से संबंधित मुद्दों पर भी विचार करना चाहिए । जहां कहीं संभव हो, वहां एनबीएफसी को अपने निष्कर्षों के समर्थन में सेवा प्रदाता के संबंध में स्वतंत्र समीक्षाएं और बाज़ार का फीडबैक प्राप्त करना चाहिए ।

5.4.2 उचित सतर्कता के अंतर्गत सेवा प्रदाता के बारे में उपलब्ध सभी सूचना का मूल्यांकन शामिल होना चाहिए । उसमें निम्नलिखित शामिल हैं, परंतु यह यहीं तक सीमित नहीं है -

  1. संविदागत अवधि में प्रस्तावित गतिविधि के कार्यान्वयन और समर्थन हेतु पिछला अनुभव और क्षमता;

  2. विपरीत परिस्थितियों में भी वायदों को पूरा करने की वित्तीय सुदृढ़ता और क्षमता;

  3. कारोबारी प्रतिष्ठा और संस्कृति, अनुपालन, शिकायतें और वर्तमान या संभावित मुकदमा;

  4. सुरक्षा और आंतरिक नियंत्रण, लेखा परीक्षा व्याप्ति, सूचना और निगरानी प्रणाली, कारोबार निरंतरता प्रबंधन और

  5. अपने कर्मचारियों के संबंध में सेवा प्रदाता द्वारा उचित सतर्कता सुनिश्चित करना।

5.5 आउटसोर्सिंग करार

एनबीएफसी और सेवा प्रदाता के बीच संविदा को नियंत्रित करनेवाली शर्तें लिखित करार में सावधानीपूर्वक परिभाषित की जानी चाहिए तथा एनबीएफसी के विधि परामर्शदाता द्वारा उनके कानूनी प्रभाव एवं प्रवर्तनीयता की जांच की जानी चाहिए । ऐसे प्रत्येक करार में जोखिमों और उन्हें कम करने की कार्य नीतियों पर ध्यान दिया जाना चाहिए । करार पर्याप्त रूप से लचीला हो जिससे एनबीएफसी आउटसोर्सिंग पर उचित नियंत्रण बनाये रख सके तथा कानूनी और विनियामक बाध्यताओं को पूरा करने के लिए उचित उपायों के साथ दखल देने का उसे अधिकार हो । करार में पक्षकारों के बीच कानूनी संबंध का स्वरूप भी बताया जाना चाहिए - अर्थात् यह संबंध एजेंट, प्रधान या अन्य प्रकार का है । संविदा के कुछ प्रमुख प्रावधान निम्नप्रकार होंगे -

  1. संविदा में स्पष्ट रूप से यह परिभाषित किया जाए कि कौन सी गतिविधियां आउटसोर्स की जानेवाली हैं तथा उनकी उपयुक्त सेवा और कार्य निष्पादन मानक क्या होंगे;

  2. एनबीएफसी को यह अवश्य सुनिश्चित करना चाहिए कि आउटसोर्स की जानेवाली गतिविधि के लिए प्रासंगिक सेवा प्रदाता के पास उपलब्ध सभी बहियों, रिकॉर्डों और सूचना प्राप्त करने की उसकी क्षमता है;

  3. संविदा में एनबीएफसी द्वारा सेवा प्रदाता की निरंतर निगरानी और मूल्यांकन का प्रावधान होना चाहिए ताकि कोई भी आवश्यक सुधारात्मक उपाय तत्काल किया जा सके;

  4. समापन शर्त और समापन प्रावधान निष्पदित करने की न्यूनतम अवधियां, यदि आवश्यक समझा जाए तो, शामिल की जानी चाहिए;

  5. ऐसे नियंत्रण जिनसे ग्राहक संबंधी आँकड़ों की गोपनीयता तथा सुरक्षा भंग करने और ग्राहक से संबंधित गोपनीय सूचना लीक होने के मामले में सेवा प्रदाताओं की देयता सुनिश्चित हो;

  6. कारोबार की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए आकस्मिक योजनाएं;

  7. सेवा प्रदाता द्वारा आउटसोर्स की जानेवाली सभी गतिविधि या उसके किसी भाग के लिए उप कांट्रक्टर का उपयोग करने के लिए संविदा में एनबीएफसी द्वारा पूर्व अनुमोदन/सहमति का प्रावधान होना चाहिए;

  8. एनबीएफसी द्वारा उसके आंतरिक या बाह्य लेखा परीक्षकों द्वारा अथवा उसकी ओर से कार्य करने के लिए नियुक्त एजेंटों द्वारा लेखा परीक्षा करने के तथा एनबीएफसी के लिए दी गयी सेवा के साथ सेवा प्रदाता के संबंध में की गयी लेखा परीक्षा या समीक्षा रिपोर्टों तथा निष्कर्षों की प्रतियां प्राप्त करने के अधिकार का प्रावधान हो;

  9. आउटसोर्सिंग करार में ऐसे खंड शामिल होने चाहिए जिनसे भारतीय रिज़र्व बैंक या उसके द्वारा प्राधिकृत व्यक्तियों को सेवा प्रदाता को दी गयी या उसके पास रखी गयी अथवा उसके द्वारा प्रोसेस किये गये एनबीएफसी के दस्तावेज, लेनदेनों के रिकार्ड तथा अन्य आवश्यक सूचना उचित समय के भीतर प्राप्त की जा सके;

  10. आउटसोर्सिंग करार में ऐसा खंड भी शामिल होना चाहिए जिसमें रिज़र्व बैंक के किसी एक या अधिक अधिकरियों या कर्मचरियां या अन्य व्यक्तियों द्वारा एनबीएफसी के सेवा प्रदाता और उसकी बहियों तथा खाते का निरीक्षण करने के अधिकार को स्वीकार किया गया हो;

  11. आउटसोर्सिंग करार में यह भी प्रावधान होना चाहिए कि संविदा समाप्त होने या समाप्त किये जाने के बाद भी ग्राहक संबंधी सूचना की गोपनीयता बनाये रखी जाएगी; और

  12. आउटसोर्सिंग करार में सेवा काल की समाप्ति के पश्चात भी सेवा प्रदाता द्वारा एनबीएफसी के हित में दस्तावेज और डाटा परिरक्षण के लिए विधिक दायित्व के अनुरूप आवश्यक कार्रवाई का प्रावधान सुनिश्चित किया जाएगा।

5.6 गोपनीयता तथा सुरक्षा

5.6.1 एनबीएफसी पर आम जनता का भरोसा तथा ग्राहक का विश्वास एनबीएफसी की स्थिरता तथा प्रतिष्ठा की पूर्वापेक्षा है । अतः एनबीएफसी को चाहिए कि वह अपनी अभिरक्षा में अथवा सेवा प्रदाता के पास जो भी ग्राहक संबंधी जानकारी है उसकी सुरक्षा तथा गोपनीयता को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करे ।

5.6.2 सेवा प्रदाता के स्टाफ की ग्राहक संबंधी जानकारी तक पहुंच ‘जानना आवश्यक’ आधार पर होनी चाहिए अर्थात् पहुंच उन क्षेत्रों तक सीमित रहनी चाहिए जहां आउटसोर्स किए गए कार्य के निष्पादन के लिए वह जानकारी आवश्यक है ।

5.6.3 एनबीएफसी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एनबीएफसी के ग्राहक से संबंधित जानकारी, दस्तावेज, अभिलेख तथा परिसंपत्ति को सेवा प्रदाता अलग तथा स्पष्टरूप से पहचान सकता है ताकि जानकारी की गोपनीयता सुरक्षित रह सकती है । उस स्थिति में जहां सेवा प्रदाता अनेक एनबीएफसी के लिए आउटसोर्सिंग एजेंट का कार्य करता है, वहां प्रभावशाली सुरक्षा उपाय बनाने की सावधानी बरतनी चाहिए जिससे जानकारी / दस्तावेज, अभिलेख तथा परिसंपत्तियों का आपस में मिश्रण नहीं होगा ।

5.6.4 एनबीएफसी को सेवा प्रदाता की सुरक्षा पद्धतियों तथा नियंत्रण प्रक्रियाओं की नियमित आधार पर समीक्षा तथा निगरानी करनी चाहिए तथा सेवा प्रदाता से सुरक्षा के उल्लंघनों की जानकारी अवश्य प्राप्त करनी चाहिए ।

5.6.5 ग्राहक से संबंधित गोपनीय जानकारी के प्रकट होने तथा सुरक्षा में किसी भी प्रकार का उल्लंघन होने की स्थिति में एनबीएफसी को भारतीय रिज़र्व बैंक को तत्काल सूचित करना चाहिए । इस तरह की घटनाओं में एनबीएफसी किसी भी क्षति के लिए अपने ग्राहकों के प्रति उत्तरदायी होगा ।

5.7 प्रत्यक्ष बिक्री एजेंट /प्रत्यक्ष विपणन एजेंट/ वसूली एजेंट की जिम्मेदरियां

5.7.1 एनबीएफसी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्यक्ष बिक्री एजेंट /प्रत्यक्ष विपणन एजेंट /वसूली एजेंट को उनकी जिम्मेदरियों को, विशेषतः नये ग्राहक बनाना, फोन करने का समय, ग्राहक संबंधी जानकारी की गोपनीयता तथा प्रस्तावित उत्पादों की सही शर्तें बताने आदि से संबंधित पहलुओं को सावधानी तथा संवेदनशीलता से पूरा करने के लिए समूचित रीति से प्रशिक्षित किया गया है ।

5.7.2 एनबीएफसी डीएसए/डीएमए/वसूली एजेंट के लिए अपने बोर्ड से अनुमोदित उचित व्यवहार संहिता लागू करेंगे और उनसे इस संहिता का अनुपालन संबंधी स्वीकृति प्राप्त करेंगे। इसके अतिरिक्त वसूली एजेंटों को एनबीएफसी संबंधी उचित व्यवहार संहिता में शामिल अनुदेश तथा बकाये की वसूली तथा प्रतिभूति के पुनर्ग्रहण के संबंध में उनकी अपनी संहिता का भी पालन करना होगा । यह आवश्यक है कि वसूली एजेंट ऐसी कोई कार्रवाई न करें जिससे एनबीएफसी की ईमानदारी तथा प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचे और इसके साथ ही उन्हें ग्राहक गोपनीयता का कड़ाई से पालन करना चाहिए ।

5.7.3 एनबीएफसी तथा उनके एजेंटों को अपने ऋण वसूली के प्रयासों में किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध किसी भी प्रकार की शाब्दिक डाँट-डपट अथवा शारीरिक उत्पीड़न का सहारा नहीं लेना चाहिए । इनमें ऋणकर्ता के परिवार के सदस्यों, मध्यस्थ (रेफरी) तथा उनके दोस्तों को सार्वजनिक रूप से अपमानित करना अथवा उनकी निजी जिन्दगी में हस्तक्षेप करना, धमकी देने वाले तथा बेनामी फोन करना अथवा झूठे तथा भ्रामक दुष्प्रचार करना भी शामिल हैं ।

5.8 कारोबार की निरंतरता तथा आपात्कालीन बहाली (डिज़ास्टर रिकवरी) योजना का प्रबंधन

5.8.1 एनबीएफसी को अपने सेवा प्रदाताओं से कारोबार की निरंतरता तथा बहाली क्रियाविधियों के प्रलेखन, उन्हें बनाए रखने तथा जांच के लिए एक संतुलित ढांचा विकसित तथा स्थापित करने की अपेक्षा करनी चाहिए । एनबीएफसी को यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सेवा प्रदाता कारोबार निरंतरता तथा बहाली योजना की आवधिक रूप से जांच करता है तथा एनबीएफसी अपने सेवा प्रदाता के साथ सामयिक संयुक्त जांच तथा बहाली अभ्यास करने पर भी विचार करे ।

5.8.2 आउटसोर्सिंग करार की अप्रत्यशित समाप्ति अथवा सेवा प्रदाता के परिसमापन से उत्पन्न जोखिम को कम करने के लिए एनबीएफसी को चाहिए कि वे अपने आउटसोर्सिंग पर उचित स्तर का नियंत्रण रखें तथा ऐसे मामलों में अत्यधिक व्यय किए बिना तथा एनबीएफसी के परिचालनों तथा उसके ग्राहकों को दी जाने वाली सेवाओं में किसी भी प्रकार की रुकावट के बिना अपने कारोबार परिचालनों को जारी रखने के लिए उचित उपायों के साथ हस्तक्षेप करने का अधिकार रखें ।

5.8.3 एक सक्षम आकस्मिकता योजना स्थापित करने के लिए, एनबीएफसी को वैकल्पिक सेवा प्रदाताओं की उपलब्धता अथवा आपात स्थिति में आउटसोर्स किए गए काम को फिर से एनबीएफसी में करने के लिए वापस लाने की संभावना तथा ऐसा करने में जो लागत, समय व संसाधन खर्च होंगे उस पर विचार करना चाहिए ।

5.8.4 आउटसोर्सिंग से अक्सर सेवा प्रदाता द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का उपयोग किया जाता है। एनबीएफसी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सेवा प्रदाता एनबीएफसी की जानकारी, दस्तावेज तथा अभिलेख तथा अन्य परिसंपत्तियों को अलग करने की क्षमता रखते हैं । इससे यह सुनिश्चित होगा कि अनुकूल परिस्थितियों में सेवा प्रदाता को दिए गए सभी दस्तावेज, लेनदेन के अभिलेख तथा जानकारी तथा एनबीएफसी की परिसंपत्तियों को एनबीएफसी के कारोबार के परिचालनों को जारी रखने के लिए सेवा प्रदाता के पास से निकाला जा सकता है अथवा मिटाया, नष्ट अथवा अप्रयोज्य बनाया जा सकता है ।

5.9 आउटसोर्स किए गए कार्यों की निगरानी तथा नियंत्रण

5.9.1 एनबीएफसी के पास अपने आउटसोर्सिंग कार्यों की निगरानी तथा नियंत्रण के लिए एक प्रबंधन संरचना तैयार होनी चाहिए । उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सेवा प्रदाता के साथ आउटसोर्सिंग करारों में आउटसोर्स किए गए कार्यों की उनके द्वारा निगरानी तथा नियंत्रण के प्रावधान होने चाहिए ।

5.9.2 सभी महत्वपूर्ण आउटसोर्सिंग का एक केंद्रीय अभिलेख रहना चाहिए जो एनबीएफसी के बोर्ड तथा वरिष्ठ प्रबंध तंत्र की समीक्षा के लिए तत्काल उपलब्ध हो। इन अभिलेखों को तत्काल अद्यतन किया जाना चाहिए तथा बोर्ड अथवा जोखिम प्रबंधन समिति के समक्ष अर्धवार्षिक समीक्षाएं रखी जानी चाहिए ।

5.9.3 एनबीएफसी के आंतरिक लेखा परीक्षकों अथवा बाह्य लेखा परीक्षकों द्वारा नियमित लेखा परीक्षा से आउटसोर्सिंग व्यवस्था के निरीक्षण तथा प्रबंधन में अपनाई गयी जोखिम प्रबंध पद्धतियों की पर्याप्तता, अपने जोखिम प्रबंध ढांचे तथा इन निदेशों की अपेक्षाओं का एनबीएफसी द्वारा अनुपालन का मूल्यांकन किया जाए ।

5.9.4 एनबीएफसी को कम-से-कम वार्षिक आधार पर सेवा प्रदाता की वित्तीय तथा परिचालन स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए जिससे उसकी अपने आउटसोर्सिंग दयित्वों को पूरा करते रहने की क्षमता का मूल्यांकन होगा । ऐसी उचित सावधानी समीक्षाओं में जो सेवा प्रदाता से संबंधित समस्त उपलब्ध जानकारी पर आधरित होंगी, कार्यनिष्पादन मानकों, गोपनीयता तथा सुरक्षा और कारोबार की निरंतरता को बनाए रखने की तत्परता में किसी प्रकार की गिरावट अथवा उल्लंघन को विशिष्ट रूप से दर्शाया जाए ।

5.9.5 किसी भी कारण से ऑउटसोर्सिंग करार की समप्ति हो, जिसमें सेवा प्रदाता ग्राहकों से कोई कारोबार करता है, तो इसे प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित कर, वेबसाइट पर अपलोड कर और ग्राहकों को सूचित करके प्रचारित किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ग्राहक सेवा प्रदाता से सेवा लेना जारी नहीं रखें ।

5.9.6 कुछ मामलों में जैसे नकद प्रबंधन के आउटसोर्सिंग में एनबीएफसी, सेवा प्रदाता और उसके उप ठेकेदारों के बीच हुए लेनदेन का मिलान करना शामिल है। ऐसे मामलों में एनबीएफसी यह सूनिश्चित करेगा कि एनबीएफसी और सेवा प्रदाता (और/अथवा उप ठेकेदार) के बीच लेन-देन का समय पर मिलान सुनिश्चित किया जाएगा। आउटसोर्स किये गए वेंडर के साथ लंबित प्रविष्टियों का बाद में विश्लेषण कर लेखा परीक्षा समिति बोर्ड (एसीबी) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और एनबीएफसी पूराने शेष बचे मामलों को अतिशीघ्र कम करने के लिए प्रयास करेगी।

5.9.7 आउटसोर्स की गई सभी गतिविधियों की आंतरिक लेखा परीक्षा के लिए एक सुदृढ़ प्रणाली होगी और इसकी निगरानी एनबीएफसी के एसीबी द्वारा किया जाएगा।

5.10 आउटसोर्स की गयी सेवाओं से संबंधित शिकायतों का निवारण

i. एनबीएफसी को शिकायत निवारण प्रक्रिया पर आरबीआई के दिनांक 18 फरवरी 2003, के परिपत्र संख्या DNBS.CC.PD.No.320/03.10.01/2012-13 दिनांक 18 फरवरी, 2013 में दिये अनुसार शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करेगी । प्रचालन के स्तर पर सभी एनबीएफसी को अपने पदनामित शिकायत निवारण अधिकारी का नाम तथा संपर्क (फोन नंबर/ मोबाईल नंबर और साथ ही ईमेल आईडी को शाखाओं अथवा जिस स्थान पर कारोबार है उसे प्रकाशित करना चाहिए) का व्यापक प्रचार करना चाहिए । पदनामित अधिकारी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ग्राहकों की प्रामाणिक शिकायतों का अविलंब तथा तत्परता से निवारण होता है। यह स्पष्टतः दर्शाया जाए कि एनबीएफसी का शिकायत निवारण तंत्र आउटसोर्स की गयी एजंसी द्वारा दी गयी सेवाओं से संबंधित मामलों पर भी कार्रवाई करेगा ।

ii. सामान्यतः, ग्राहकों को शिकायत प्रस्तुत करने के लिए 30 दिनों की समय-सीमा दी जाए । एनबीएफसी की शिकायत निवारण क्रियाविधि तथा शिकायतों का उत्तर देने के लिए निर्धारित की गयी समय-सीमा बैंक की वेबसाइट पर रखी जाए ।

5.11 वित्तीय आसूचना इकाई अथवा अन्य सक्षम प्रधिकरियों को लेनदेन की रिपोर्ट करना

एनबीएफसी सेवा प्रदाता द्वारा किए गए एनबीएफसी के ग्राहकों से संबंधित कार्यों के संबंध में वित्तीय आसूचना इकाई अथवा किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी को मुद्रा लेनदेन रिपोर्ट तथा संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट करने की जिम्मेदारी एनबीएफसी की होगी ।

6. समूह/संगुट के अंदर आउटसोर्सिंग

6.1 सामूहिक संरचना में, एनबीएफसी का बैक ऑफिस और समूह की संस्था के साथ सेवा व्यवस्था/करार हो सकता है, जैसे - परिसर को साझा करना, विधिक और अन्य व्यावसायिक सेवाएं, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन, केंद्रीयकृत बैक-ऑफिस गतिविधियां, कुछ वित्तीय सेवाओं को समूह के अन्य संस्था को आउटसोर्स करना आदि। समूह की संस्था के साथ इसप्रकार की व्यवस्था करने से पहले, एनबीएफसी बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति और समूह के अन्य संस्थाओं के साथ सेवा संबंधी करार/व्यवस्था भी हो, जिसमें संपदाओं यथा परिसर, कार्मिक इत्यादि को साझा करने के लिए निश्चित सीमा तय हो। इसके अतिरिक्त जहां कहीं भी अनेक सामूहिक कंपनियां शामिल हैं अथवा क्रोस सेलिंग होती है, तो ऐसे में ग्राहकों को विशेष रूप से यह सूचना दी जाए कि वास्तविक रूप से कौन सी कंपनी सेवा/उत्पाद दे रही है।

6.2 ऐसी व्यवस्था आरंभ करने से पहले एनबीएफसी यह सुनिश्चित करेगी कि ये-

  1. करारों का विवरण जैसे कि सेवा का विस्तार, सेवा का शुल्क और ग्राहाकों के आंकड़े की गोपनीयता को बरकारर रखने सहित को उपयुक्त रूप से दस्तावेज में लिखा गया है;

  2. एनबीएफसी और उनके समूह की अन्य कंपनियों की गतिविधियों के बीच स्थानों का भौतिक विभेद करके वे ग्राहकों के बीच यह भ्रम न रहने दें कि वे किनके उत्पाद/सेवाएं प्राप्त कर रहे हैं;

  3. स्वतंत्र रूप से एनबीएफसी की जोखिमों की पहचान करने और उसका प्रबंधन करने की क्षमता को पहचानने में किसी प्रकार का समझौता नहीं करना चाहिए;

  4. भारतीय रिज़र्व बैंक को पर्यवेक्षण के लिए एनबीएफसी अथवा पूरे समूह से संबंधित वांछित जानकारी प्राप्त करने से रोकना नहीं चाहिए;

  5. लिखित करार में एक खंड डाला जाए कि किसी भी सेवा प्रदाता के लिए एनबीएफसी गतिविधियों से संबंधित आरबीआई द्वारा दिये गए निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा

6.3 एनबीएफसी यह सुनिश्चित करेगा कि समूह की कंपनी द्वारा प्रदत्त परिसर अथवा अन्य सेवाओं (जैसे कि आईटी प्रणाली, सहायक स्टाफ) की उपलब्धता बाधित होने पर सुचारू ढंग से उनके कार्य करने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।

6.4 यदि एनबीएफसी का परिसर समूह की कंपनियों द्वारा क्रोस सेलिंग के लिए साझा किया जाता है तो एनबीएफसी यह सुनिश्चित करेगा कि ग्राहकों के लिए कंपनी की पहचान स्पष्ट रूप से पता चले और कोई भ्रम न हो। एनबीएफसी के परिसर में समूह की कंपनी द्वारा प्रयुक्त विपणन ब्रोशर और इसके कार्मिकों/एजेंटों द्वारा मौखिक संवाद में एनबीएफसी के साथ उस कंपनी की व्यवस्थाओं की प्रकृति बतानी होगी ताकि ग्राहकों को उत्पाद के बिक्रेता के बारे में स्पष्ट जानकारी हो।

6.5 एनबीएफसी ऐसा कोई भी विज्ञापन नहीं देगा अथवा कोई करार करेगा जिसमें यह कहा गया हो अथवा सुझाव दिया गया हो अथवा बिना कहे इस बात का प्रभाव डाला जाए कि वह अपने समूह की कंपनियों के दायित्वों के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी है।

6.6 किसी संबंधित पार्टी (अर्थात समूह /संगुट के भीतर की पार्टी) को आउटसोर्स करते समय एनबीएफसी द्वारा अपनाये जाने वाले जोखिम प्रबंधन कार्यप्रणाली वैसी ही होनी चाहिए जैसी कि इस निर्देश के पैरा 5 में दिया गया है।

7. वित्तीय सेवाओं की विदेशी आउटसोर्सिंग

7.1 विदेश में सेवा प्रदाताओं को नियुक्त करने से एनबीएफसी को देश संबंधी जोखिम हो सकती है, जिसके अंतर्गत विदेश में आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक स्थितियां तथा घटनाओं का एनबीएफसी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है । ऐसी स्थितियाँ तथा घटनाएं सेवा प्रदाता को एनबीएफसी के साथ किए गए करार की शर्तों को पूरा करने से रोक सकती हैं । ऐसे आउटसोर्सिंग कार्यों में होने वाले देश संबंधी जोखिम के प्रबंधन के लिए एनबीएफसी को चाहिए कि वह जोखिम मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान तथा निरंतर आधार पर भी जिन देशों में सेवा प्रदाता स्थित है उन देशों की सरकारी नीतियों तथा राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक तथा विधिक स्थितियों को ध्यान में ले तथा कड़ी निगरानी रखें और देश संबंधी जोखिम की समस्याओं पर कार्रवाई करने के लिए सुदृढ़ क्रियाविधियां स्थापित करें । इसमें संकटकालीन तथा बहिर्गमन संबंधी उचित नीतियां शामिल हैं । सिद्धान्ततः, ऐसी व्यवस्थाएं केवल उन पक्षकारों के साथ होनी चाहिए जो ऐसे क्षेत्राधिकार में कार्य करती हों जहाँ सामान्यतः गोपनीयता संबंधी शर्तों तथा करारों का पालन किया जाता है । व्यवस्था को लागू करने वाले कानून का भी स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए ।

7.2 भारत के बाहर आउटसोर्स किए गए कार्यो का संचालन इस तरह से किया जाए कि एनबीएफसी के भारत में किए जाने वाले कार्यों के समय पर पर्यवेक्षण करने अथवा पुनर्निर्माण करने के प्रयासों में रुकावट न आए ।

7.3 भारतीय प्रचालन से संबंधित वित्तीय सेवाओं के विदेशी आउटसोर्सिंग के संबंध में एनबीएफसी को उक्त के अतिरिक्त यह भी सुनिश्चित करना है कि

  1. जहां विदेशी सेवा प्रदाता एक निगमित कंपनी है, तो संबंधित विदेशी नियामक कभी भी व्यवस्था में रूकावट उत्त्पन्न नहीं करेगा और न ही आरबीआई निरीक्षण दौरा/एनबीएफसी के आंतरिक तथा बाह्य लेखा परीक्षक को रोकेगा।

  2. प्रबंधन और आरबीआई के पास रिकॉर्ड की उपलब्धता तब तक रहेगी जब तक विदेशी संरक्षक अथवा भारत में एनबीएफसी दिवालिया नहीं हो जाते हैं।

  3. विदेश स्थित विनियामक प्राधिकारी के पास, मात्र इस आधार पर कि प्रोसेसिंग वहां की जा रही है, (यदि ऑफसोर प्रोसेसिंग एनबीएफसी के देश में हो तो यह लागू नहीं है) एनबीएफसी के भारतीय गतिविधियों से संबंधित आंकड़े तक पहुंच नहीं होनी चाहिए।

  4. विदेश स्थित स्थान जहां आंकड़े रखे जा रहे हों से संबंधित न्यायालय के क्षेत्राधिकार, इस आधार पर कि आंकड़े की प्रोसेसिंग वहां होती है, भले ही वास्तविक अंतरण भारत में हो, भारत में एनबीएफसी की गतिविधियों पर लागू नहीं होंगे और

  5. सभी मूल रिकार्ड भारत में ही रखे जाएंगे।

 
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