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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – द्वारकादास मंत्री नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बीड, महाराष्ट्र – अवधि को बढ़ाना

9 सितंबर 2022

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश –
द्वारकादास मंत्री नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बीड, महाराष्ट्र – अवधि को बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत द्वारकादास मंत्री नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बीड, महाराष्ट्र को दिनांक 9 मार्च 2022 के निदेश डीओएस.सीओ.एनएसयूसीबी-वेस्ट/डी-4/एस3706/12.07.005/2021-22 के माध्यम से निदेशाधीन रखा था।

2. भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित में द्वारकादास मंत्री नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बीड, महाराष्ट्र को दिनांक 9 मार्च 2022 को जारी निदेश डीओएस.सीओ.एनएसयूसीबी-वेस्ट/डी-4/एस3706/12.07.005/2021-22 की परिचालन अवधि को बढ़ाना आवश्यक है। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निदेश देता है कि द्वारकादास मंत्री नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बीड, महाराष्ट्र को दिनांक 9 मार्च 2022 को जारी निदेश डीओएस.सीओ.एनएसयूसीबी-वेस्ट/डी-4/एस3706/12.07.005/2021-22, समीक्षाधीन, 10 सितंबर 2022 से 9 दिसंबर 2022 तक अगले तीन महीनों के लिए बैंक पर लागू रहेंगे।

3. निदेश की अन्य नियम और शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/856

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