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भारतीय रिज़र्व बैंक ने रानी लक्ष्मीबाई अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, झांसी, उत्तर प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया

5 सितंबर 2022

भारतीय रिज़र्व बैंक ने रानी लक्ष्मीबाई अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, झांसी, उत्तर प्रदेश
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 29 अगस्त 2022 के आदेश द्वारा रानी लक्ष्मीबाई अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, झांसी, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए, धारा 36 (1) (ए) के उल्लंघन के लिए 5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है चूंकि बैंक, पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत आरबीआई द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों का पालन करने में विफल रहा । यह दंड, आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में इसके निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत आरबीआई द्वारा बैंक को जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन/ उल्लंघन का पता चला। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि उक्त निदेशों के उल्लंघन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन/ उल्लंघन के उपरोक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

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