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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश– मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि बढ़ाना

30 अगस्त 2022

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश–
मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 31 अगस्त 2016 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-आई/डी-4/12.22.141/2016-17 के माध्‍यम से मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को 31 अगस्त 2016 को कारोबार की समाप्ति से छह महीनों की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया और अंतिम बार इसकी वैधता अवधि को 31 अगस्त 2022 तक बढ़ाया था।

2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा निदेश देता है कि उपर्युक्त निदेश 30 अगस्त 2022 की निदेश सं डीओआर.एमओएन/डी-28/12.22.140/2022-23 के अनुसार बैंक पर दिनांक 30 नवंबर 2022 तक लागू रहेंगे तथा ये निदेश समीक्षाधीन होंगे।

3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य सभी नियम और शर्ते अपरिवर्तित रहेंगी। उपरोक्त वैधता को सूचित करने वाली दिनांक 30 अगस्त 2022 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में आम जनता के अवलोकनार्थ लगाई गई है।

4. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता को बढ़ाने और/ या संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति से संतुष्ट है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/796

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