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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – गढ़ा को-ऑपरेटिव बैंक लि., गुना, मध्य प्रदेश. – अवधि बढ़ाना

24 मई 2022

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश –
गढ़ा को-ऑपरेटिव बैंक लि., गुना, मध्य प्रदेश. – अवधि बढ़ाना

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 (ए) की उपधारा (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनहित में गढ़ा को-ऑपरेटिव बैंक लि., गुना, मध्य प्रदेश को दिनांक 24 फरवरी 2021 को कारोबार समाप्ति से निदेश जारी किए थे। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था, जिसे पिछली बार 24 मई 2022 तक बढ़ाया गया था।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अब निदेशों की वैधता अवधि को 25 मई 2022 से 24 अगस्त 2022 तक अगले तीन माह के लिए बढ़ा दिया है, जो समीक्षा के अधीन है। उक्त निदेश, जमाराशियों के आहरण/स्वीकृति पर कतिपय प्रतिबंध और/या उच्चतम सीमा निर्धारित करते हैं। इच्छुक जनता के अवलोकन के लिए विस्तृत निदेश बैंक के परिसर में प्रदर्शित किए गए हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर निदेशों में संशोधन पर विचार कर सकता है। जारी उपरोक्त निदेशों को रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/257

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